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अमेरिका ने कसा शिकंजा: भारतीयों के लिए वीजा लेना हुआ और मुश्किल

विदेश डेस्क, नीतीश कुमार |

अमेरिकी प्रशासन ने वीजा आवेदन प्रक्रिया में महत्वपूर्ण बदलाव किए हैं जो भारतीय आवेदकों को प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित करेंगे। नए दिशानिर्देशों के तहत गैर-आप्रवासी वीजा चाहने वालों को अब केवल अपनी मूल नागरिकता या वैध निवास के देश में ही इंटरव्यू बुक करना अनिवार्य होगा।

तत्काल लागू नए नियम

अमेरिकी विदेश विभाग का यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागु हो गया है। इस नीति का उद्देश्य उस व्यवस्था को समाप्त करना है जिसके जरिए आवेदक निकटवर्ती देशों में जाकर शीघ्र वीजा प्राप्त करने की कोशिश करते थे। 6 सितंबर को जारी आधिकारिक घोषणा के अनुसार ये नियम विश्वभर में लागू किए जाएंगे।

भारतीयों पर सीधा प्रभाव

यह निर्णय विशेष रूप से उन भारतीय नागरिकों को प्रभावित करेगा जो हाल के वर्षों में भारत की लंबी प्रतीक्षा अवधि से बचने के लिए सिंगापुर, थाईलैंड और जर्मनी जैसे देशों में वीजा इंटरव्यू का विकल्प चुनते थे। अब तत्काल अमेरिका यात्रा की आवश्यकता वाले व्यक्ति विदेशी दूतावासों में B1 व्यावसायिक या B2 पर्यटक वीजा के लिए अपॉइंटमेंट नहीं ले सकेंगे।

अपवादिक स्थितियां

कुछ विशेष परिस्थितियों में छूट मिल सकती है, विशेषकर उन देशों के नागरिकों को जहां अमेरिका सामान्यतः वीजा इंटरव्यू आयोजित नहीं करता। अफगानिस्तान, क्यूबा, चाड, रूस और ईरान जैसे देशों के निवासी इस श्रेणी में आते हैं, लेकिन यह सुविधा तभी उपलब्ध होगी जब वे किसी अन्य देश के स्थायी निवासी न हों।

लंबी वेटिंग लिस्ट की समस्या

उद्योग विशेषज्ञों के अनुमान के अनुसार यह प्रतिबंध पहले से ही बढ़ रहे लंबित आवेदनों की संख्या को और बढ़ा सकता है। वर्तमान में भारतीय शहरों में वीजा की प्रतीक्षा अवधि काफी लंबी है - हैदराबाद और मुंबई में साढ़े तीन महीने, कोलकाता में पांच महीने और चेन्नई में नौ महीने तक।

व्यापक वीजा श्रेणियों पर प्रभाव

अब अधिकांश आवेदकों को व्यक्तिगत साक्षात्कार के लिए उपस्थित होना होगा, जबकि पहले कई को इससे छूट प्राप्त थी। प्रभावित वीजा प्रकारों में H, L, F, M, J, E और O श्रेणियां शामिल हैं। यह नियम 79 वर्ष से अधिक आयु के बुजुर्गों और 14 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर भी लागू होता है।