स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
झारखंड के आईएएस विनय चौबे पर भ्रष्टाचार का बढ़ता दबाव....
झारखंड कैडर के निलंबित आईएएस अधिकारी विनय कुमार चौबे आय से अधिक संपत्ति मामले में गंभीर मुश्किलों का सामना कर रहे हैं । एंटी करप्शन ब्यूरो (ACB) ने 7 दिसंबर 2025 को उनकी पत्नी स्वप्ना संचिता से रांची के कांके रोड स्थित घर पर दूसरी बार लंबी पूछताछ की । इससे पहले 3 दिसंबर को भी ACB की टीम ने उनसे सवाल-जवाब किए थे ।
24 नवंबर 2025 को ACB ने केस नंबर 20/2025 के तहत चौथी एफआईआर दर्ज की, जिसमें चौबे के अलावा उनकी पत्नी, ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी, साला शिपिज त्रिवेदी, साली प्रियंका त्रिवेदी, सहयोगी विनय सिंह और उसकी पत्नी स्निग्धा सिंह को आरोपी बनाया गया है । जांच में पाया गया कि चौबे की वैध आय 2.20 करोड़ रुपये है, जबकि उनके और परिवार के खातों में 3.47 करोड़ रुपये की जमा राशि मिली, जो 1.27 करोड़ रुपये की अस्पष्ट संपत्ति दर्शाती है ।
ACB ने चौबे के परिवार के सदस्यों से व्यापक पूछताछ की है । नवंबर के अंत में उनके ससुर सत्येंद्र नाथ त्रिवेदी से पूछताछ हुई, जो अपने खाते में आए करीब 3 करोड़ रुपये का स्पष्ट हिसाब नहीं दे सके । दिसंबर में साले की पत्नी प्रियंका त्रिवेदी से भी घर जाकर सवाल किए गए, क्योंकि उनके खाते में विनय सिंह की पत्नी के जरिए 2023 में 14.25 लाख रुपये ट्रांसफर किए गए थे ।
1999 बैच के आईएएस अधिकारी चौबे ने पहले हजारीबाग के डिप्टी कमिश्नर और बाद में झारखंड के एक्साइज विभाग के सचिव के पद पर काम किया । मई 2025 से निलंबित चौबे वर्तमान में रांची की बिरसा मुंडा सेंट्रल जेल में बंद हैं । उन पर 38 करोड़ के लिकर घोटाले और हजारीबाग भूमि घोटाले सहित कई मामले दर्ज हैं ।
ACB ने आरोप लगाया है कि चौबे ने बैंक खातों का जटिल नेटवर्क बनाकर अवैध कमाई को छुपाया और हर पोस्टिंग में अनियमितताएं की । जांच एजेंसियां संपत्तियों की जब्ती और मनी लॉन्ड्रिंग के आरोपों की संभावना पर विचार कर रही हैं । चौबे की बेल याचिकाएं अभी लंबित हैं और मामला तेजी से विकसित हो रहा है ।







