
नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |
नई दिल्ली: प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने बीकाजी फूड्स इंटरनेशनल लिमिटेड के प्रबंध निदेशक को राजस्थान प्रीमियर लीग (आरपीएल) से जुड़े वित्तीय मामलों में पेश होने का समन जारी किया है। यह कार्रवाई आरसीए (राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन) द्वारा आयोजित इस लीग से जुड़े कथित मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय गड़बड़ियों की जांच का हिस्सा है। कंपनी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि उनकी भूमिका केवल प्रायोजक तक सीमित थी और सभी भुगतान नियमित बैंकिंग प्रक्रियाओं से किए गए।
इस खबर के सामने आते ही कॉर्पोरेट जगत में हलचल मच गई। भुजिया और पारंपरिक स्नैक्स के लिए मशहूर बीकाजी फूड्स देश की बड़ी कंपनियों में गिनी जाती है। स्टॉक मार्केट पर भी असर पड़ा और मंगलवार को इसके शेयर 1.62 फीसदी गिरकर 773 रुपये पर बंद हुए।
ईडी की नजर: आरसीए और स्पॉन्सर कंपनियों के लेन-देन
ईडी की जांच मुख्य रूप से आरपीएल के आयोजन और उससे जुड़े पैसों के प्रवाह पर केंद्रित है। राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पहले से ही भ्रष्टाचार और टेंडर अनियमितताओं के आरोपों में घिरा रहा है। सूत्र बताते हैं कि ईडी बड़े स्पॉन्सर्स, कॉन्ट्रैक्टर्स और आरसीए अधिकारियों के बीच हुए वित्तीय लेन-देन को खंगाल रही है।
कंपनी ने स्टॉक एक्सचेंज में दी जानकारी में बताया कि एमडी को समन भेजा गया है और उन्हें सभी दस्तावेजों के साथ हाजिर होने के लिए कहा गया है। यह कार्रवाई प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट (पीएमएलए) के तहत की जा रही है। बीकाजी ने कहा कि अब तक उन पर किसी भी तरह के नियम उल्लंघन का आरोप नहीं है।
कंपनी का रुख: “सिर्फ ब्रांड प्रमोशन, संचालन से कोई संबंध नहीं”
बीकाजी फूड्स ने साफ किया है कि आरपीएल में उनकी भागीदारी महज विज्ञापन और मार्केटिंग रणनीति का हिस्सा थी। कंपनी ने कहा कि प्रबंधन या आयोजन में उनका कोई हाथ नहीं रहा। सभी लेन-देन पूरी तरह दस्तावेजीकृत और वैध बैंकिंग चैनलों से किए गए थे।
कंपनी ने भरोसा दिलाया है कि जांच एजेंसी को आवश्यक दस्तावेज उपलब्ध कराए जाएंगे। एक अधिकारी के मुताबिक, प्रायोजन सामान्य व्यावसायिक प्रक्रिया का हिस्सा था और इसका मकसद केवल ब्रांड विस्तार था। कंपनी के अनुसार, इस कार्रवाई का उनके नियमित कारोबार पर कोई नकारात्मक असर नहीं पड़ा है।
1986 में बीकानेर से शुरू हुई बीकाजी आज देश की तीसरी सबसे बड़ी एथनिक स्नैक्स निर्माता है। इसका उत्पाद दायरा नमकीन, भुजिया, मिठाइयों, पापड़, वेस्टर्न स्नैक्स और गिफ्ट पैक्स तक फैला है। कंपनी फिलहाल 28 राज्यों और 7 केंद्र शासित प्रदेशों में मौजूद है तथा 40 से ज्यादा देशों को निर्यात करती है। इसका मार्केट कैप करीब 19,300 करोड़ रुपये है।
आरसीए विवादों के घेरे में, ईडी की पैनी निगाह
राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन पर लंबे समय से वित्तीय गड़बड़ियों के आरोप लगते रहे हैं। ईडी की जांच अब उन अधिकारियों पर भी केंद्रित है, जिन पर अनियमित खर्च, कमीशनखोरी और मनी लॉन्ड्रिंग जैसे आरोप हैं। चौंप स्टेडियम से जुड़े खर्च और प्रायोजकों से मिले फंड की ट्रैकिंग भी जांच के दायरे में है।
अब तक तीन अधिकारियों के खिलाफ केस दर्ज हो चुका है। ईडी का अनुमान है कि आरपीएल के नाम पर भारी-भरकम राशि का गलत इस्तेमाल हुआ, जिसमें स्पॉन्सर कंपनियों का पैसा भी शामिल हो सकता है। यह लीग राज्य स्तरीय प्रतियोगिता है, जिसे आरसीए आयोजित करता है और इसमें कई बड़ी कंपनियां स्पॉन्सर के रूप में शामिल रहती हैं।
इस जांच ने क्रिकेट से जुड़े पुराने घोटालों और सट्टेबाजी के मामलों की यादें ताजा कर दी हैं। हालांकि ईडी ने साफ किया है कि फिलहाल यह प्राथमिक स्तर की पूछताछ है और अंतिम निष्कर्ष पर पहुंचना बाकी है। अन्य स्पॉन्सर कंपनियों को भी नोटिस भेजे गए हैं।
शेयर बाजार की प्रतिक्रिया: अल्पकालिक दबाव, दीर्घकालिक भरोसा
समन की जानकारी सामने आने के बाद मंगलवार को बीएसई पर बीकाजी के शेयर 12.75 रुपये गिरकर 773 रुपये पर बंद हुए। दिन के दौरान यह 757.60 रुपये तक लुढ़का, जबकि खुलते ही 791 रुपये पर कारोबार शुरू हुआ था। पिछले 52 हफ्तों में यह 1,007.95 रुपये के उच्चतम और 558.80 रुपये के निचले स्तर को छू चुका है।
विशेषज्ञों का कहना है कि यह गिरावट अस्थायी है, क्योंकि कंपनी जांच में सहयोग कर रही है। मजबूत ब्रांड पहचान और बढ़ते उपभोक्ता बाजार को देखते हुए लंबी अवधि के निवेशक सतर्क रह सकते हैं।
विश्लेषकों का मानना है कि यह मामला खेल आयोजनों में फंडिंग की पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़ा करता है। आने वाले समय में जांच के परिणाम आरसीए और इससे जुड़ी कंपनियों के लिए और मुश्किलें बढ़ा सकते हैं।