नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार
कांग्रेस ने केंद्रीय सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल पर भ्रष्टाचार और पद के दुरुपयोग के गंभीर आरोप लगाते हुए उनके इस्तीफे की मांग की है। पार्टी का कहना है कि मोहोल ने एक बिल्डर को अनुचित लाभ पहुंचाने के लिए अपने पद का इस्तेमाल किया।
कांग्रेस प्रवक्ता अतुल लोढ़े पाटिल ने शनिवार को पार्टी मुख्यालय में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर दावा किया कि उनके पास मंत्री मोहोल के भ्रष्टाचार से जुड़े ठोस सबूत मौजूद हैं। उन्होंने कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच होनी चाहिए और जांच पूरी होने तक मोहोल को पद से हटाया जाना चाहिए। पाटिल ने आरोप लगाया कि पुणे से सांसद और सहकारिता राज्य मंत्री मुरलीधर मोहोल ने “हीराचंद नेमीचंद दिगंबर जैन हॉस्टल” की जमीन के सौदे में भूमिका निभाई। उनके मुताबिक, यह सौदा सीधे तौर पर सत्ता के दुरुपयोग और भ्रष्टाचार का मामला है। उन्होंने कहा, “भाजपा बड़े उद्योगपतियों की तरह अब छोटे-छोटे ‘अडानी’ तैयार कर रही है।”
कांग्रेस प्रवक्ता ने बताया कि जैन हॉस्टल के परिसर में स्थित मंदिर की जमीन ट्रस्ट के अधीन है, जिसे नियमों के मुताबिक बेचा नहीं जा सकता। इस जमीन का उपयोग केवल शिक्षा, छात्रों की सहायता और धार्मिक उद्देश्यों के लिए किया जा सकता है। यदि धन की आवश्यकता हो, तो वहां दुकानें बनाकर किराए से आय जुटाई जा सकती है, लेकिन भूमि की बिक्री पूरी तरह प्रतिबंधित है।
कांग्रेस प्रवक्ता के अनुसार श्री मोहोल कहते हैं कि हीराचंद नेमीचंद दिगंबर जैन हॉस्टल के ट्रस्ट से वह बाहर निकल चुके हैं। लेकिन सच यह है कि श्री मोहोल को गोखले बिल्डर्स के मुनाफे की चिंता सताती रहती है। वे अपने पद पर रहते हुए इसका गलत इस्तेमाल करते हैं। देश के संविधान ने मंदिरों को संरक्षण दिया गया है, उसके लिए कानून हैं लेकिन भाजपा को इससे कोई फर्क नहीं पड़ता। साफ है कि भाजपा के लोगों का सिर्फ एक एजेंडा है-अपने 'दोस्तों' के लिए काम करो, उन्हें पैसा और मुनाफा दिलाओ, अमीर बनाओ।
उन्होंने कहा कि श्री मुरलीधर मोहोल पद से इस्तीफा दें और इस मामले की निष्पक्ष जांच कराई जानी चाहिए। उन्होंने सवाल किया कि क्या कोई एक बिल्डर चैरिटेबल ट्रस्ट, रजिस्ट्री ऑफिस, कॉर्पोरेशन और किसी कॉपरेटिव बैंक को एक साथ प्रेशर देकर अपना काम निकलवा सकता है या सहकारिता मंत्री के दबाव के बिना ऐसा हो पाना संभव है।







