
नेशनल डेस्क, श्रेयांश पराशर l
आर्टिफ़िशियल इंटेलिजेंस (एआई) के बढ़ते प्रभाव और इसके दुरुपयोग से पैदा हो रहे दुष्प्रचार से निपटने के लिए भारतीय युवा कांग्रेस ने बड़ा कदम उठाया है। संगठन ने घोषणा की है कि वह सोशल मीडिया वॉलंटियर्स की एक विशेष टीम तैयार करेगी, जो एआई से जुड़े फेक कंटेंट और अफवाहों का जवाब देगी।
युवा कांग्रेस के अनुसार, एआई के माध्यम से झूठी खबरें, एडिटेड वीडियो और भ्रामक सूचनाएं तेज़ी से फैल रही हैं, जिससे समाज और राजनीति पर गहरा असर पड़ रहा है। इसे रोकने के लिए वॉलंटियर्स की नियुक्ति की जाएगी, जिन्हें विशेष प्रशिक्षण भी दिया जाएगा। इन वॉलंटियर्स का चयन देशभर में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस और ऑनलाइन कैंपेन के माध्यम से किया जाएगा। चयन के बाद उनके इंटरव्यू लिए जाएंगे और फिर उन्हें अलग-अलग भूमिकाओं में नियुक्त किया जाएगा।
पार्टी ने बताया कि यह टीम न केवल सोशल मीडिया पर अफवाहों का खंडन करेगी बल्कि लोगों को जागरूक भी करेगी कि किस तरह एआई जनित कंटेंट की पहचान की जाए। युवा कांग्रेस का मानना है कि तकनीक के इस दौर में विपक्षी ताकतें या अन्य हितधारक एआई का दुरुपयोग कर सकते हैं। ऐसे में एक प्रशिक्षित और तत्पर टीम का होना ज़रूरी है, ताकि सच्चाई सामने लाई जा सके।
विशेषज्ञों का कहना है कि एआई आधारित डीपफेक वीडियो और फर्जी न्यूज़ चुनावी माहौल को प्रभावित करने में बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। ऐसे में युवा कांग्रेस का यह कदम राजनीति में तकनीकी पारदर्शिता और जिम्मेदारी की दिशा में अहम साबित हो सकता है। संगठन का दावा है कि यह टीम युवाओं को तकनीक समझने, उसका सही इस्तेमाल करने और झूठ का मुकाबला करने का अवसर देगी।
इस पहल को लेकर राजनीतिक हलकों में चर्चा शुरू हो गई है और माना जा रहा है कि आने वाले चुनावों में यह टीम कांग्रेस की डिजिटल रणनीति का अहम हिस्सा बनेगी।