
राज्य डेस्क, प्रीति पायल |
कानपुर के मेस्टन रोड स्थित तिलक हॉल के समीप 1 सितंबर 2025, रविवार की दोपहर को भारतीय जनता पार्टी और कांग्रेस के कार्यकर्ताओं में गंभीर संघर्ष हुआ। इस घटना में हिंसक झड़प, मारपीट और एक सब्जी विक्रेता के साथ दुर्व्यवहार की घटनाएं शामिल हैं।
विवाद की जड़ बिहार में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विरुद्ध की गई कथित आपत्तिजनक अभिव्यक्ति को लेकर थी। भाजपा के समर्थक नवीन मार्केट से निकलकर तिलक हॉल (कांग्रेस कार्यालय) की दिशा में विरोध प्रदर्शन करते हुए आगे बढ़े। इसके जवाब में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं ने मतदान में धांधली के आरोप लगाते हुए प्रतिक्रिया व्यक्त की।
इस घटना के दौरान भाजपा की तरफ से महापौर प्रमिला पांडेय, विधायक नीलिमा कटियार, दक्षिण अध्यक्ষ शिवराम सिंह और उत्तर अध्यक्ष अनिल दीक्षित उपस्थित थे। कांग्रेस पक्ष से शहर अध्यक्ष पवन गुप्ता सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।
प्रारंभिक बहस शीघ्र ही हिंसक रूप धारण कर गई। दोनों दलों के बीच शारीरिक संघर्ष में पुरुष और महिला कार्यकर्ता दोनों शामिल हुए। घटना के दौरान एक भाजपा नेता द्वारा कांग्रेस शहर अध्यक्ष पवन गुप्ता की टोपी हवा में उछालने से स्थिति और गंभीर हो गई।
पुलिसिया हस्तक्षेप के बावजूद यह संघर्ष लगभग 40 मिनट तक चलता रहा, जिससे मेस्टन रोड क्षेत्र में अव्यवस्था की स्थिति बन गई। इस झड़प में दोनों पक्षों के दर्जन भर से अधिक लोग घायल हुए। कांग्रेस के संदीप शुक्ला, नरेश चंद्र त्रिपाठी और राजीव द्विवेदी ने भाजपा नेताओं पर अभद्र व्यवहार का आरोप लगाया।
संघर्ष के दौरान निकटवर्ती सब्जी विक्रेता राजेश सोनकर (डिप्टी पड़ाव निवासी) का ठेला भी निशाना बना। उन्होंने आरोप लगाया कि भाजपा कार्यकर्ताओं ने उनके ठेले से सब्जियां लेकर कांग्रेसी कार्यकर्ताओं पर फेंकीं और इस प्रक्रिया में उनके 800 रुपये भी ले गए। विरोध करने पर उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग किया गया।
राजेश सोनकर के अनुसार, इस घटना से उनकी समस्त फल-सब्जी नष्ट हो गई। तिलक हॉल परिसर के अन्य विक्रेताओं को भी हानि उठानी पड़ी क्योंकि कार्यकर्ताओं ने एक-दूसरे पर फल-सब्जियां फेंकने का सिलसिला शुरू कर दिया था। इसके परिणामस्वरूप राजेश सोनकर ने कोतवाली थाने में भाजपा कार्यकर्ताओं के विरुद्ध सब्जी और धन की चोरी की शिकायत दर्ज कराई है।
पुलिस बल ने घटनास्थल पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने का प्रयास किया, परंतु कार्यकर्ताओं के साथ उनकी भी तकरार हुई। अब तक इस प्रकरण में कोई व्यक्ति गिरफ्तार नहीं हुआ है और पुलिस ने दोनों पक्षों के आरोपों की जांच आरंभ करने की घोषणा की है।
इस घटना के कारण मेस्टन रोड पर आम नागरिकों और व्यापारियों में भय का माहौल बना। आसपास के मकानों की छतों से स्थानीय लोगों ने इस दृश्य को देखा। दोनों राजनीतिक दल एक-दूसरे पर हिंसा और गलत व्यवहार के आरोप लगा रहे हैं, जो स्थानीय स्तर पर राजनीतिक तनाव को और भी बढ़ा सकता है।