नेशनल डेस्क, नीतीश कुमार।
हिमालय की गोद में स्थित देवभूमि उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में मां यमुनोत्री धाम और रुद्रप्रयाग जिले में भगवान शिव के ग्यारहवें ज्योतिर्लिंग बाबा केदारनाथ धाम के कपाट गुरुवार को शीतकाल के लिए विधिवत बंद कर दिए गए।,हिंदू पंचांग के अनुसार भैया दूज, कार्तिक शुक्ल सप्तमी और अनुराधा नक्षत्र के पावन अवसर पर वैदिक मंत्रोच्चारण और सेना के बैंड की भक्तिमय धुनों के बीच कपाट बंदी की प्रक्रिया संपन्न हुई।
पर्यटन विभाग के अनुसार, यमुनोत्री धाम में कपाट बंदी के दौरान 132 भक्त मौजूद रहे। इस यात्रा वर्ष में कुल 6,44,637 श्रद्धालुओं ने मां यमुना के दर्शन किए। वहीं, केदारनाथ धाम में कपाट बंदी के दौरान 11,415 पंजीकृत श्रद्धालु उपस्थित रहे, जबकि पूरे यात्रा काल में कुल 17,68,795 श्रद्धालुओं ने बाबा केदार के दर्शन किए। अब श्रद्धालु शीतकाल में मां यमुना के खरसाली और बाबा केदार के ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में दर्शन कर सकेंगे।
यमुनोत्री धाम के कपाट दोपहर 12:30 बजे विधि-विधान और मंत्रोच्चारण के बीच बंद किए गए। परंपरा के अनुसार, खरसाली गांव से शनिदेव की डोली मां यमुना को लेने धाम पहुंची और कपाट बंद होने के बाद मां यमुना की भोग मूर्ति एवं उत्सव डोली को शीतकालीन प्रवास स्थल खरसाली गद्दीस्थल मंदिर के लिए रवाना किया गया।
इससे पहले सुबह 8:30 बजे बाबा केदारनाथ धाम के कपाट बंद हुए। इस अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी और 11,415 श्रद्धालु मौजूद रहे। कपाट बंद होने से पूर्व मंदिर को फूलों से सजाया गया और सेना के बैंड की भक्ति धुनों के बीच परिसर ‘जय बाबा केदार’ के जयघोष से गूंज उठा। मुख्य पुजारी बागेश लिंग और आचार्यों ने यज्ञ, हवन और समाधि पूजन के बाद भगवान के स्वयंभू शिवलिंग को स्थानीय पुष्पों कुमजा, बुकला, राख, ब्रह्म कमल आदि से ढककर समाधि रूप दिया। तत्पश्चात गर्भगृह के द्वार शीतकाल के लिए बंद किए गए। इसके बाद मुख्यमंत्री धामी की उपस्थिति में मंदिर के पूर्वी व दक्षिणी द्वारों को भी सील किया गया। भगवान केदारनाथ की पंचमुखी उत्सव डोली मंदिर की परिक्रमा के बाद प्रथम पड़ाव रामपुर के लिए रवाना हुई।
मुख्यमंत्री धामी ने श्रद्धालुओं को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के अनुरूप केदारपुरी का भव्य पुनर्निर्माण हुआ है। उन्होंने बताया कि वर्ष 2025 में चारधाम यात्रा में रिकॉर्ड 50 लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने दर्शन किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि शीतकालीन यात्रा को भी राज्य सरकार प्रोत्साहित कर रही है ताकि श्रद्धालु गद्दी स्थलों पर भी पूजा-अर्चना कर सकें, जिससे स्थानीय व्यवसायियों की आजीविका बनी रहे।
उन्होंने यात्रा से जुड़े सभी विभागों, सुरक्षा बलों, मंदिर समितियों, स्थानीय नागरिकों और स्वयंसेवी संस्थाओं को सफल यात्रा संचालन के लिए धन्यवाद दिया। इस वर्ष केदारनाथ यात्रा में 17,68,795 श्रद्धालुओं ने दर्शन किए, जो पिछले वर्ष के मुकाबले करीब सवा लाख अधिक हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि यात्रा के दौरान आपदा को छोड़कर संपूर्ण अवधि में व्यवस्थाएं सुचारु रहीं। शीतकाल में भी सुरक्षा व्यवस्था और पूजाओं को प्रोत्साहन जारी रहेगा।
कपाट बंदी के बाद बाबा केदार की पंचमुखी डोली रामपुर में रात्रि विश्राम के लिए पहुंची, जो शुक्रवार को गुप्तकाशी स्थित विश्वनाथ मंदिर पहुंचेगी और 25 अक्टूबर को ऊखीमठ स्थित ओंकारेश्वर मंदिर में विराजमान होगी।
समारोह में स्थानीय विधायक आशा नौटियाल, जिला पंचायत अध्यक्ष पूनम कठैत, बीकेटीसी अध्यक्ष हेमंत द्विवेदी, भाजपा जिलाध्यक्ष भारत भूषण भट्ट, कृषि विपणन बोर्ड अध्यक्ष अनिल डब्बू, बीकेटीसी उपाध्यक्ष ऋषि प्रसाद सती, जिलाधिकारी प्रतीक जैन, पुलिस अधीक्षक अक्षय प्रह्लाद कोंडे और अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।







