Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

खालिस्तानी संगठन ने दी दिलजीत दोसांझ को धमकी

एंटरटेनमेंट डेस्क, वेरोनिका राय |

खालिस्तानी संगठन ने दी दिलजीत दोसांझ को धमकी: अमिताभ बच्चन से जुड़ा विवाद, ऑस्ट्रेलिया कॉन्सर्ट रोकने की मांग

पंजाबी सिंगर और एक्टर दिलजीत दोसांझ इन दिनों अपने आगामी ऑस्ट्रेलिया टूर को लेकर सुर्खियों में हैं। लेकिन अब उनका यह कॉन्सर्ट विवादों में घिर गया है। खालिस्तानी संगठन ‘सिख फॉर जस्टिस’ (SFJ) ने उन्हें खुलेआम धमकी दी है और 1 नवंबर को मेलबर्न में होने वाले उनके कॉन्सर्ट को तुरंत रद्द करने की मांग की है।

धमकी का कारण: अमिताभ बच्चन के पैर छूना बना विवाद

यह पूरा मामला तब शुरू हुआ जब हाल ही में टीवी शो ‘कौन बनेगा करोड़पति 17’ के एक एपिसोड में दिलजीत दोसांझ ने महानायक अमिताभ बच्चन के पैर छुए। यह इशारा उनके सम्मान में किया गया था, लेकिन SFJ ने इसे सिख समुदाय के खिलाफ बताया। संगठन के लीडर गुरपतवंत सिंह पन्नू ने आरोप लगाया कि अमिताभ बच्चन ने 1984 के सिख विरोधी दंगों के दौरान सिखों के खिलाफ नफरत फैलाने में भूमिका निभाई थी।

SFJ का बयान: "1984 के नरसंहार का अपमान"

फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, पन्नू ने एक वीडियो संदेश जारी करते हुए कहा कि, “दिलजीत दोसांझ ने अमिताभ बच्चन के पैर छूकर 1984 के सिख नरसंहार के प्रत्येक पीड़ित, विधवा और अनाथ का अपमान किया है।”

पन्नू ने आगे दावा किया कि उस समय अमिताभ बच्चन ने "खून का बदला खून" जैसे नारे लगाकर भीड़ को हिंसा के लिए उकसाया था, जिसमें करीब 30,000 सिख पुरुषों, महिलाओं और बच्चों की हत्या हुई थी।

कॉन्सर्ट को बताया "स्मरण का मज़ाक"

संगठन ने दिलजीत दोसांझ के ऑस्ट्रेलिया शो को “सिख नरसंहार की स्मृति का मजाक” बताया है। ‘सिख फॉर जस्टिस’ ने दुनिया भर के सिख संगठनों और कलाकारों से अपील की है कि वे दिलजीत के कॉन्सर्ट का बहिष्कार (बॉयकॉट) करें।

SFJ ने यह भी घोषणा की है कि वह 1 नवंबर को मेलबर्न के AAMI पार्क स्टेडियम, जहां कॉन्सर्ट होना है, उसके बाहर एक “पंथिक शटडाउन रैली” आयोजित करेगा।

अकाल तख्त साहिब से की अपील

संगठन ने अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार ज्ञानी कुलदीप सिंह से भी अनुरोध किया है कि वे दिलजीत दोसांझ से यह सवाल करें कि उन्होंने अमिताभ बच्चन के पैर क्यों छुए। संयोग से, 1 नवंबर को ही सिख नरसंहार याद दिवस भी मनाया जाता है, जिससे यह मामला और संवेदनशील हो गया है।

SFJ पर भारत में बैन

‘सिख फॉर जस्टिस’ संगठन पर भारत सरकार ने 2019 से प्रतिबंध लगाया हुआ है। यह संगठन लंबे समय से भारत विरोधी गतिविधियों और खालिस्तान मंत्रा को हवा देने के लिए जाना जाता है।
जुलाई 2024 में, केंद्रीय गृह मंत्रालय ने इसे गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (UAPA) के तहत अगले पांच सालों के लिए गैरकानूनी संगठन घोषित कर दिया। इसके चलते संगठन के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म भी भारत में ब्लॉक हैं और देश के नागरिक इन अकाउंट्स को नहीं देख सकते।

दिलजीत दोसांझ का ऑस्ट्रेलिया टूर: एक ऐतिहासिक मौका

विवादों के बावजूद, दिलजीत दोसांझ का AURA 2025 वर्ल्ड टूर बेहद चर्चित है।
1 नवंबर को मेलबर्न के AAMI पार्क स्टेडियम में होने वाला शो खास इसलिए भी है क्योंकि इस इवेंट के साथ दिलजीत ऑस्ट्रेलिया के किसी स्टेडियम में हेडलाइन करने वाले पहले भारतीय कलाकार बनेंगे। इससे पहले भी वे कनाडा और अमेरिका में कई रिकॉर्ड तोड़ लाइव परफॉर्मेंस दे चुके हैं।

मामला क्यों बढ़ा संवेदनशील

दिलजीत दोसांझ पंजाब और सिख समुदाय से ताल्लुक रखते हैं और दुनियाभर में सिख पहचान के प्रतीक माने जाते हैं। इसलिए, खालिस्तानी संगठन द्वारा उनके खिलाफ बयान ने पूरे समुदाय में चर्चा बढ़ा दी है।
वहीं, अमिताभ बच्चन पर 1984 के दंगों से जुड़े आरोपों की कोई न्यायिक पुष्टि कभी नहीं हुई है, लेकिन खालिस्तानी समूह इसे लगातार अपने प्रचार का हिस्सा बनाता रहा है।

दिलजीत दोसांझ का यह कॉन्सर्ट जहां एक ओर भारतीय संगीत इतिहास में नई ऊंचाई जोड़ने वाला है, वहीं दूसरी ओर यह राजनीतिक और धार्मिक विवादों के घेरे में भी आ गया है।
अब देखना होगा कि 1 नवंबर को मेलबर्न में दिलजीत का शो होता है या खालिस्तानी संगठन की धमकियों का असर इस इवेंट पर पड़ता है।