
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
इजरायल और हमास के बीच लंबे समय से जारी युद्ध ने नया मोड़ ले लिया है। गाजा पट्टी के सबसे बड़े और घनी आबादी वाले शहर गाजा सिटी पर कब्जे के लिए इजरायली सेना ने मंगलवार-बुधवार रात से जमीनी अभियान शुरू कर दिया है। यह अभियान न केवल इजरायल-हमास युद्ध का निर्णायक अध्याय माना जा रहा है, बल्कि क्षेत्रीय शांति पर भी गंभीर प्रभाव डाल सकता है।
टैंक और गोलाबारी से शुरुआत
सूत्रों के अनुसार इजरायली टैंक रात के अंधेरे में गाजा सिटी की सीमाओं में दाखिल हुए और उन्होंने जमकर गोलाबारी की। इसके निशाने पर मुख्य रूप से वे मकान और इमारतें रहीं, जिन्हें फलस्तीनी निवासी पहले ही खाली कर चुके थे। लगातार हो रही बमबारी से कई इलाके खंडहर में बदल गए हैं।
गीवाती ब्रिगेड बनाम हमास
एएनआई की रिपोर्ट के मुताबिक, इजरायल की गीवाती ब्रिगेड का सीधा मुकाबला हमास लड़ाकों से हुआ। इस दौरान दोनों ओर से भीषण गोलीबारी और विस्फोट देखने को मिले। इजरायली सेना का दावा है कि उन्होंने हमास के कई ठिकानों को नष्ट कर दिया है और संगठन को भारी जनहानि पहुंचाई है।
हमास कमांडर की मौत
इजरायली वायुसेना ने भी इस अभियान में सक्रिय भूमिका निभाई। हवाई हमले में हमास का वरिष्ठ कमांडर महमूद अल-असौद मारा गया है। सेना का कहना है कि अल-असौद हमास की रणनीति और हथियारों की आपूर्ति का प्रमुख जिम्मेदार था। उसकी मौत हमास के लिए बड़ा झटका मानी जा रही है।
22 महीने से जारी युद्ध
गाजा पट्टी में इजरायल और हमास के बीच युद्ध को लगभग 22 महीने हो चुके हैं। हालांकि, अब तक इजरायली सेना गाजा सिटी पर स्थायी कब्जा नहीं कर पाई थी। गाजा सिटी हमास का मजबूत गढ़ माना जाता है और यहीं से संगठन अपना संचालन करता है।
इजरायल की घोषणा
इजरायली सरकार ने इसी महीने की शुरुआत में गाजा सिटी पर जमीनी कार्रवाई की योजना की घोषणा की थी। इस कार्रवाई का उद्देश्य न केवल हमास के प्रभाव को खत्म करना है, बल्कि गाजा सिटी को लंबे समय तक इजरायल के कब्जे में रखना भी बताया जा रहा है।
इस अभियान के शुरू होने से गाजा पट्टी में तनाव और बढ़ने की आशंका है। अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने नागरिकों की सुरक्षा और मानवीय संकट को लेकर चिंता जाहिर की है।