स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी
गोपालगंज: बिहार-उत्तर प्रदेश सीमा पर बलथरी चेकपोस्ट के पास पुलिस ने बुधवार को एक ट्रक की तलाशी में आलू की बोरियों के नीचे छिपाई गई 5,892 बोतल विदेशी शराब जब्त की, जिसकी बाजार कीमत 50 लाख रुपये से अधिक आंकी गई है।
यह शराबबंदी वाले बिहार में तस्करों की नई चालाकी को उजागर करती है, जहां नए साल से पहले ऐसी तस्करी तेज हो गई है।
तस्करी का चालाक तरीका
ट्रक में लदी आलू की बोरियां ऊपर से सामान्य लग रही थीं, लेकिन जांच में पता चला कि नीचे शराब की पेटियां बारीकी से छिपाई गई थीं। उत्पाद विभाग और स्थानीय पुलिस की टीम ने गुप्त सूचना के आधार पर एनएच-27 पर वाहन रोककर तलाशी ली, जहां डीसीएम वैन से लगभग 2,187 लीटर शराब मिली।
तस्करों ने सड़े हुए आलू की दुर्गंध का फायदा उठाकर जांच से बचने की कोशिश की, लेकिन टीम की सतर्कता से यह खेप पकड़ में आ गई। यह तरीका हाल के दिनों में बार-बार अपनाया जा रहा है, जो प्रशासन के लिए चुनौती बना हुआ है।
कुचायकोट थाना क्षेत्र में स्थित इस चेकपोस्ट पर रात के समय हुई इस कार्रवाई ने इलाके में हलचल मचा दी। ट्रक चालक, जो हरियाणा का निवासी बताया जा रहा है, को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में पता चला कि शराब उत्तर प्रदेश से लाई जा रही थी और बिहार के विभिन्न जिलों में सप्लाई की जानी थी।
त्योहारों के मौसम में ऐसी तस्करी बढ़ जाती है, जब मांग ज्यादा होती है और कीमतें आसमान छूती हैं।
पहले भी ऐसी बरामदगी
यह घटना अकेली नहीं है। महज चार दिन पहले, 6 दिसंबर को इसी इलाके में एक ट्रक से 4,006 लीटर विदेशी शराब बरामद हुई थी, जो सड़े आलू की बोरियों के बीच छिपाई गई थी।
उस समय भी खेप की कीमत 50 लाख रुपये आंकी गई थी और एक तस्कर को गिरफ्तार किया गया था। उत्पाद अधीक्षक अमृतेश कुमार झा की टीम ने तब भी गुप्त सूचना पर कार्रवाई की थी।
इन घटनाओं से साफ है कि तस्कर बिहार की शराबबंदी को चुनौती दे रहे हैं, और प्रशासन को अपनी रणनीति मजबूत करनी पड़ रही है।
ट्रक को जब्त कर लिया गया है और चालक के खिलाफ मद्य निषेध अधिनियम की धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज की गई है। जांच में यह भी सामने आया कि शराब भारत निर्मित विदेशी शराब (आईएमएफएल) की थी, जो पड़ोसी राज्यों से लाई जा रही है। पुलिस का मानना है कि यह एक बड़े नेटवर्क का हिस्सा हो सकता है, जिसकी जांच जारी है।
शराबबंदी अभियान की सख्ती
बिहार में शराबबंदी को लागू करने के लिए विशेष अभियान चलाए जा रहे हैं, खासकर सीमावर्ती इलाकों में।गोपालगंज जैसे जिलों में उत्तर प्रदेश से सटी सीमा पर चेकपोस्टों को मजबूत किया गया है, जहां रोजाना दर्जनों वाहनों की जांच होती है।<"
हाल की इन बरामदगियों से प्रशासन की मुस्तैदी साबित होती है, लेकिन तस्करों की नई-नई तरकीबें चुनौती बढ़ा रही हैं।
कुचायकोट थानाध्यक्ष दर्पण सुमन ने बताया कि वाहन जांच के दौरान ट्रक को रोका गया और तलाशी में शराब मिली।
चालक से पूछताछ जारी है, जो इस रैकेट के बारे में और जानकारी दे सकता है। इसी तरह, 6 दिसंबर की घटना में टाटा अल्ट्रा ट्रक से शराब बरामद हुई थी, जिसे भी सड़े आलू की आड़ में लाया जा रहा था।
इन घटनाओं ने स्थानीय लोगों में चर्चा छेड़ दी है, जहां शराबबंदी के बावजूद तस्करी का सिलसिला थम नहीं रहा। पुलिस ने अन्य जिलों में भी सतर्कता बढ़ा दी है, ताकि ऐसी खेपें आगे न पहुंच सकें।







