ग्वालियर में पुलिस-डकैत मुठभेड़: बेहट थाना प्रभारी गोली लगने से घायल योगी गुर्जर गैंग की तलाश
स्टेट डेस्क – वेरॉनिका राय
ग्वालियर में गुरुवार सुबह पुलिस और कुख्यात डकैतों के बीच हुई मुठभेड़ ने एक बार फिर चंबल के बीहड़ों में सक्रिय अपराधियों का खतरा उजागर कर दिया। यह मुठभेड़ बेहट और हस्तिनापुर के बीच घने जंगलों में हुई, जहां पुलिस का सामना योगेन्द्र उर्फ़ योगी गुर्जर गिरोह से हुआ। इस दौरान बेहट थाना प्रभारी महावीर परिहार को गोली लग गई। उन्हें प्राथमिक इलाज के बाद अस्पताल में भर्ती किया गया है और उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही है।
कैसे शुरू हुई मुठभेड़?
पुलिस को सूचना मिली थी कि योगी गुर्जर गैंग के 3-4 सदस्य जंगल में छिपे हुए हैं। इसके बाद पुलिस टीम वहां पहुंची, लेकिन जैसे ही डकैतों को पुलिस की मौजूदगी का पता चला उन्होंने फायरिंग शुरू कर दी। जवाब में पुलिस ने भी गोलीबारी की, मगर डकैत मौका पाकर गहरे जंगल में फरार हो गए। गैंग के सरगना योगी गुर्जर पर 30,000 रुपये का इनाम घोषित है। उस पर कई गंभीर आपराधिक मामले दर्ज हैं।
जंगल में सर्च ऑपरेशन जारी
मुठभेड़ के बाद पुलिस ने 5 अलग-अलग टीमें बनाकर पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन शुरू कर दिया है। ड्रोन कैमरों और स्थानीय मुखबिर तंत्र की मदद से तलाश जारी है। ग्वालियर के साथ-साथ मुरैना और धौलपुर जिले की पुलिस भी ऑपरेशन में शामिल है। पुलिस अफसर लगातार कैंप कर रहे हैं और आंदोलन पर खुद नजर रखे हुए हैं।
योगी गुर्जर: चंबल का नया 'सरफिरा डकैत'
पिछले कुछ सालों में शांत हुए चंबल के बीहड़ों में फिर से डकैतों की वापसी की आहट सुनाई दे रही है। योगी गुर्जर, जो कभी डकैत गुड्डा गुर्जर गैंग का सदस्य था, अब खुद 16 सदस्यों की एक हथियारबंद गैंग चलाता है। गिरोह में पिस्टल, बंदूक, माउज़र जैसे हथियार हैं और गैंग ग्वालियर, मुरैना और धौलपुर की सीमाओं पर सक्रिय है।
22 दिन से पुलिस के लिए चुनौती बना है योगी
9 सितंबर की रात योगी गुर्जर ने फिल्मी अंदाज़ में ग्वालियर जिले के तिघरा क्षेत्र के गुर्जा गांव में धावा बोला था। यहाँ उसने गोलियां चलाते हुए एक गर्भवती महिला अंजू गुर्जर का अपहरण किया था। यह महिला उसकी प्रेमिका बताई जाती है, जिसकी शादी कुछ समय पहले हो चुकी थी। डकैतों ने पहले परिवार के लोगों को पीटा और फिर अंजू को उसकी ससुराल से उठा ले गए। इस घटना के बाद से पुलिस लगातार 22 दिन से जंगल छान रही है, लेकिन अभी तक योगी की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। बीच-बीच में वह अपनी प्रेमिका के मायके या ससुराल पर धमकी भरे हमले भी करता रहा है।
एंटी-डकैत स्क्वॉड एक्टिव
चंबल में डकैतों की दोबारा उपस्थिति से चिंतित होकर मध्यप्रदेश पुलिस ने एक विशेष एंटी-डकैत स्क्वॉड बनाई है। इस टीम में दो आईपीएस अधिकारी और विशेष कमांडो शामिल किए गए हैं। बीहड़ इलाकों में लगातार गश्त और अभियान चलाया जा रहा है। चंबल के जंगल 1980-90 के दशक में फुलन देवी, मलखान सिंह जैसे कुख्यात डकैतों के लिए बदनाम रहे हैं, लेकिन पिछले कई वर्षों से यहाँ शांति थी। अब योगी गुर्जर गैंग के सक्रिय होने से बीहड़ का डर फिर लौटता दिख रहा है।
पुलिस के सामने चुनौतियाँ
इलाका घना जंगल, कई गुफानुमा ठिकाने
गैंग को स्थानीय भूगोल की गहरी जानकारी
हथियारबंद गिरोह, तेज़ी से मूवमेंट
ग्रामीणों में दहशत, मुखबिरों की कमी
पुलिस का अभियान जारी है, लेकिन योगी गुर्जर गैंग की गिरफ्तारी अभी भी बड़ी चुनौती बनी हुई है। पुलिस का दावा है कि योगी अब ज्यादा दिन भाग नहीं पाएगा और जल्द ही गिरफ़्त में होगा। लेकिन इस मुठभेड़ ने यह साफ कर दिया है कि चंबल का बीहड़ एक बार फिर डकैतों की शरणस्थली बनता जा रहा है।







