
चित्रकूट, श्रेयांश पराशर |
भारतीय सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने चित्रकूट में जगद्गुरु रामभद्राचार्य से राम मंत्र की दीक्षा ली। इस मौके पर आध्यात्मिक गुरु ने उन्हें वही मंत्र दिया जो कभी मां सीता ने हनुमान को दिया था। दक्षिणा में रामभद्राचार्य ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (PoK) को वापस लाने की मांग की।
बुधवार को भारतीय थल सेनाध्यक्ष जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने आध्यात्मिक नगरी चित्रकूट का दौरा किया, जहां उन्होंने तुलसीपीठाधीश्वर जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य से मुलाकात की और उनसे विशेष राम मंत्र की दीक्षा प्राप्त की। यह वही मंत्र बताया गया है, जो कभी माता सीता ने भगवान हनुमान को लंका विजय से पूर्व प्रदान किया था। सेना प्रमुख ने इस दौरान अपने परिवार संग कांच मंदिर में पूजा-अर्चना भी की और तुलसीपीठ में समय बिताया।
इस आध्यात्मिक भेंट के दौरान रामभद्राचार्य ने दीक्षा के बदले दक्षिणा स्वरूप PoK (पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर) वापस लाने की मांग रखी। उनका कहना था कि यह दीक्षा साधारण नहीं है — यह वह मंत्र है जिसने इतिहास में विजय का मार्ग प्रशस्त किया था, और आज फिर से उसी भावना की आवश्यकता है। उन्होंने सेना प्रमुख को आशीर्वाद देते हुए कहा कि भारत को अपना खोया हुआ हिस्सा (PoK) वापस पाना चाहिए।
सेना प्रमुख के आगमन पर चित्रकूट पूरी तरह सैन्य छावनी में तब्दील हो गया था। सुरक्षा के कड़े इंतज़ाम किए गए, और कई क्षेत्रों में आम नागरिकों की आवाजाही भी सीमित रही। हेलीकॉप्टर से आगमन के बाद उनका काफिला तुलसीपीठ तक विशेष सुरक्षा के बीच पहुंचा। इस आध्यात्मिक यात्रा को देशभर में प्रतीकात्मक रूप से एक नए संदेश और उत्साह के रूप में देखा जा रहा है।