नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
छत्तीसगढ़ में नक्सलवाद के खिलाफ एक बड़ी सफलता मिली है। जगदलपुर में 210 नक्सलियों ने एक साथ हथियार छोड़ मुख्यधारा में प्रवेश किया। इन नक्सलियों ने संविधान की प्रति और एक गुलाब फूल लेकर आत्मसमर्पण किया।
आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों में 110 महिलाएं और 98 पुरुष शामिल हैं। इनमें एक करोड़ के इनामी सेंट्रल कमेटी सदस्य रूपेश उर्फ सतीश भी शामिल हैं। नक्सलियों ने कुल 153 आधुनिक हथियार पुलिस को सौंपे, जिनमें AK-47, SLR, INSAS राइफल, LMG, .303 राइफल, कार्बाइन और BGL लॉन्चर शामिल हैं।
छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि यह देश के लिए एक ऐतिहासिक दिन है। उन्होंने कहा कि नक्सलियों का आत्मसमर्पण शांति, विश्वास और विकास के नए युग का शुभारंभ है। सरकार इन नक्सलियों को पुनर्वास नीति के तहत मकान, जमीन और तीन साल तक आर्थिक सहायता प्रदान करेगी।
पुलिस महानिदेशक अरुण देव गौतम ने कहा कि नक्सली अब समझ चुके हैं कि वे बस्तर की जनता के लिए नहीं, बल्कि उसके नुकसान के लिए लड़ रहे थे। अब वे विकास के पथ पर आगे बढ़ेंगे।
इस आत्मसमर्पण के बाद बस्तर का लाल अध्याय समाप्ति की ओर चल पड़ा है। अबूझमाड़ और उत्तर बस्तर नक्सल मुक्त हो चुके हैं। सरकार का लक्ष्य 2026 तक छत्तीसगढ़ को पूरी तरह नक्सल मुक्त करना है.







