स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |
मदुरै: तमिलनाडु के सिवागंगा जिले में एक दिल दहला देने वाली सड़क दुर्घटना ने पूरे इलाके को सदमे की चपेट में ले लिया। दो सरकारी बसों की जबरदस्त आमने-सामने टक्कर में कम से कम 11 लोगों की मौत हो गई, जबकि 20 से ज्यादा यात्री गंभीर रूप से घायल बताए जा रहे हैं। हादसा रविवार शाम करीब 5 बजे नाचियारपुरम थाने के अंतर्गत तिरुपत्तूर उत्कोट्टम के पास विवेकानंद पॉलिटेक्निक कॉलेज के निकट हुआ। इस प्रमुख मार्ग पर ट्रैफिक ठप हो गया, और बचाव कार्य में जुटी टीमें घंटों जूझती रहीं। पुलिस और अग्निशमन दल ने तुरंत मौके पर पहुंचकर फंसे यात्रियों को बाहर निकाला, लेकिन चोटों की भयावहता ने कई जिंदगियां छीन लीं।
दुर्घटना इतनी भयानक थी कि बसें एक-दूसरे से बुरी तरह सिमट गईं। एक बस, जिसका रजिस्ट्रेशन नंबर टीएन 39 एन 0198 है, कंगेयम से कराईकुड़ी की ओर जा रही थी। दूसरी बस, टीएन 63 एन 1776 नंबर वाली, कराईकुड़ी-दिंडीगुल रूट पर चल रही थी। जैसे ही दोनों विवेकानंद पॉलिटेक्निक कॉलेज के पास पहुंचीं, उनकी टक्कर हो गई। यात्रियों की चीखें सड़क पर गूंज उठीं, और मलबे में दबे लोग मदद की पुकार बुलंद करने लगे। प्रारंभिक जांच में स्पीड और सड़क की स्थिति को हादसे का कारण बताया जा रहा है, लेकिन विस्तृत रिपोर्ट का इंतजार है।
बचाव दौड़: पुलिस-फायर ब्रिगेड की टीमों ने की बहादुरी की मिसाल, घायलों को तीन अस्पतालों में भर्ती
मौके पर पहुंची पुलिस और फायर ब्रिगेड की टीमें ने तत्काल रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया। फंसे यात्रियों को मलबे से निकालना आसान न था—कई घंटों की मशक्कत के बाद क्रिटिकल मरीजों को एम्बुलेंस से नजदीकी अस्पतालों की ओर रवाना किया गया। घायलों को कराईकुड़ी गवर्नमेंट हॉस्पिटल, तिरुपत्तूर गवर्नमेंट हॉस्पिटल और सिवागंगा गवर्नमेंट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया, जहां इमरजेंसी ट्रीटमेंट चल रहा है। डॉक्टरों का कहना है कि कई की हालत नाजुक बनी हुई है, और अगले कुछ घंटे निर्णायक होंगे।
सिवागंगा के डिस्ट्रिक्ट सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस और तिरुपत्तूर के डिप्टी सुपरिंटेंडेंट ऑफ पुलिस समेत वरिष्ठ अधिकारी खुद घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने बचाव कार्यों की निगरानी की और ट्रैफिक को डायवर्ट करने के आदेश दिए। "हम हर संभव कोशिश कर रहे हैं कि कोई और जिंदगी न खोए। जांच तेजी से चल रही है," एक अधिकारी ने बताया। इस हादसे ने स्थानीय लोगों में गुस्सा भरा दिया है—सवाल उठ रहे हैं कि सरकारी बसों की मेंटेनेंस और ड्राइवर्स की ट्रेनिंग में कमी क्यों?
यात्रियों का सफर जो रुका: कंगेयम से कराईकुड़ी, दिंडीगुल रूट पर रोज की दौड़ बनी काल
ये बसें रोजाना सैकड़ों यात्रियों को ढोती हैं—कामकाजी लोग, छात्र, परिवार। कंगेयम से कराईकुड़ी जा रही बस में ज्यादातर स्थानीय निवासी सवार थे, जो शाम के समय घर लौट रहे थे। दूसरी बस दिंडीगुल की ओर बढ़ रही थी, जिसमें परिवारों के साथ बच्चे भी थे। हादसे के बाद सड़क पर सन्नाटा छा गया, और परिजनों का रोना-पुकार मच गया। कई परिवारों को अस्पतालों में अपने अपनों की तलाश करनी पड़ी। यह घटना तमिलनाडु की सड़कों पर बढ़ते हादसों की याद दिलाती है, जहां सरकारी वाहनों की सुरक्षा पर सवाल हमेशा खड़े होते रहते हैं।
घटना के बाद इलाके में ट्रैफिक जाम हो गया, लेकिन अधिकारियों ने वैकल्पिक रूट्स खोलकर राहत दी। मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया है, और घायलों के इलाज का खर्च सरकार वहन करेगी। लेकिन सवाल वही है—कब तक ऐसी त्रासदियां दोहराई जाती रहेंगी? स्थानीय लोग मांग कर रहे हैं कि सड़क सुरक्षा पर सख्ती बरती जाए, खासकर व्यस्त रूट्स पर।







