
नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
तिहाड़ जेल में सांसद राशिद इंजीनियर पर हमला, बेटे ने कहा- हत्या की थी साजिश...
नई दिल्ली: टेरर फंडिंग के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद जम्मू-कश्मीर के सांसद राशिद इंजीनियर पर जेल के अंदर किन्नरों ने हमला कर दिया। इस घटना के बाद उनकी पार्टी अवामी इत्तेहाद पार्टी (AIP) ने इसे एक सोची-समझी साजिश और जानलेवा हमला बताया है। वहीं, सांसद के बेटे ने भी इसे हत्या की साजिश करार दिया है। हालांकि, तिहाड़ जेल सूत्रों ने इस दावे को खारिज करते हुए कहा है कि यह किन्नरों और सांसद के बीच हुई बहस का नतीजा था, जिसमें राशिद को मामूली चोटें आई हैं।
जानकारी के मुताबिक, यह घटना करीब एक हफ्ते पहले तिहाड़ जेल नंबर-3 में हुई थी, जहां राशिद इंजीनियर को बंद रखा गया है। सांसद के वकील जावेद हबीब के हवाले से पार्टी ने एक बयान जारी कर कहा कि जेल अधिकारियों ने कश्मीरी कैदियों को परेशान करने के लिए जानबूझकर कुछ किन्नरों को उनकी बैरक में रखा है। इन किन्नरों को उकसाया जाता है ताकि वे कश्मीरी कैदियों से झगड़ा करें और उनके लिए शत्रुतापूर्ण माहौल बनाएं।
पार्टी के अनुसार, राशिद इंजीनियर पर हमला उस समय हुआ जब किन्नरों के एक समूह ने उन पर एक गेट फेंक दिया। पार्टी ने इसे एक जानलेवा हमला करार देते हुए कहा कि राशिद चमत्कारिक रूप से बच गए, क्योंकि अगर यह सीधा लगता तो उनकी जान जा सकती थी। उनका कहना है कि यह उन्हें शारीरिक रूप से नुकसान पहुंचाने की जानबूझकर की गई कोशिश है।
इस घटना के बाद, राशिद इंजीनियर के बेटे ने भी अपनी चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि यह सिर्फ एक मामूली झगड़ा नहीं था, बल्कि यह उनके पिता की हत्या करने की एक सुनियोजित साजिश थी। उनका आरोप है कि जेल प्रशासन इस मामले में कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर रहा है और न ही इसकी जांच की जा रही है। उन्होंने कहा कि उनके पिता को जेल में जान का खतरा है।
हालांकि, जेल सूत्रों के अनुसार, यह विवाद राशिद इंजीनियर और कुछ किन्नर कैदियों के बीच हुई कहासुनी के बाद शुरू हुआ था। सूत्रों ने बताया कि इस झड़प में राशिद को हल्की-फुल्की चोटें आई हैं और कोई गंभीर नुकसान नहीं हुआ। उन्होंने हत्या की साजिश के आरोपों को बेबुनियाद बताया है।
गौरतलब है कि राशिद इंजीनियर को 2019 में राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) द्वारा टेरर फंडिंग के एक मामले में गिरफ्तार किया गया था। वह तब से तिहाड़ जेल में बंद हैं। इस साल के लोकसभा चुनावों में उन्होंने जम्मू-कश्मीर की बारामूला सीट से चुनाव जीता था और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला को हराया था। उनकी पार्टी ने इस हमले की स्वतंत्र जांच की मांग की है और कहा है कि कश्मीरी कैदियों को जेल में लगातार प्रताड़ित किया जा रहा है।