तेलंगाना में रेड अलर्ट: चक्रवात 'मोंथा' से भारी तबाही, बंगाल-बिहार-आंध्र में भी अलर्ट
स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |
चक्रवात 'मोंथा' कमजोर होकर गहरे दबाव में बदल गया है, लेकिन इसकी वजह से तेलंगाना, आंध्र प्रदेश, पश्चिम बंगाल, झारखंड और बिहार में भारी बारिश का खतरा बरकरार है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने तेलंगाना के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है, जहां अति भारी बारिश, गरज-चमक और तेज हवाओं की आशंका है। यह सिस्टम अब तटीय आंध्र प्रदेश और तेलंगाना से आगे बढ़ रहा है, लेकिन शुक्रवार तक प्रभावित इलाकों में वर्षा जारी रह सकती है।
चक्रवात 'मोंथा' मंगलवार रात को आंध्र प्रदेश के तट से टकराया था और अब यह गहरा दबाव बनकर छत्तीसगढ़ की ओर बढ़ रहा है। आईएमडी के मुताबिक, यह सिस्टम 29 अक्टूबर की रात 11:30 बजे अक्षांश 19.6°N और देशांतर 80.7°E के पास केंद्रित था, जो कांकेर से 110 किमी दक्षिण-पश्चिम, जगदलपुर से 150 किमी पश्चिम-उत्तर-पश्चिम और नागपुर से 240 किमी दक्षिण-पूर्व में स्थित है। अगले कुछ घंटों में यह और कमजोर होकर एक मजबूत निम्न दबाव क्षेत्र में बदल सकता है।
तेलंगाना में खतरा सबसे ज्यादा, जिलों में अलर्ट
तेलंगाना में स्थिति सबसे गंभीर है। आईएमडी ने रजन्ना सिरसिल्ला, करीमनगर, महबूबाबाद, वारंगल, हनुमकोंडा, जंगांव, सिद्धिपेट और यादाद्री भुवनगिरी जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी किया है। यहां बहुत भारी से अति भारी बारिश के साथ आंधी, बिजली और 40-50 किमी प्रति घंटे की रफ्तार वाली हवाएं चल सकती हैं। लोगों को सतर्क रहने की सलाह दी गई है, क्योंकि बाढ़ और भूस्खलन का खतरा बढ़ सकता है। इसके अलावा, कोमुराम भीम असिफाबाद, आदिलाबाद, मंचेरियल, निर्मल, जगतियाल, पेद्दापल्ली, जयशंकर भूपालपल्ली और सूर्यापेट जिलों में ऑरेंज अलर्ट है, जहां अलग-अलग जगहों पर भारी बारिश हो सकती है। निजामाबाद, मुलुगु, भद्राद्री कोठागुडेम, खम्मम, नलगोंडा, रंगारेड्डी, मेदक और कामारेड्डी जिलों में येलो अलर्ट है, जहां हल्की से मध्यम बारिश की संभावना है। राज्य में सड़कें पानी से भर सकती हैं और यातायात प्रभावित हो सकता है।
पश्चिम बंगाल में तीन दिन की मूसलाधार बारिश
पश्चिम बंगाल में चक्रवात के प्रभाव से तीन दिनों तक तीव्र बारिश का दौर जारी रहेगा। आईएमडी के अनुसार, 29 अक्टूबर को दक्षिण बंगाल के दक्षिण और उत्तर 24 परगना, पूर्वी और पश्चिमी मेदिनीपुर जैसे जिलों में हल्की से मध्यम बारिश होगी, जिसमें अलग-अलग जगहों पर भारी वर्षा और 55 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चल सकती हैं। 30 अक्टूबर को बारिश का क्षेत्र पुरुलिया, बीरभूम, मुर्शिदाबाद और पश्चिम बर्धमान की ओर बढ़ेगा। 31 अक्टूबर को उत्तर बंगाल में चरम पर पहुंचेगी, जहां जलपाईगुड़ी, कलिम्पोंग, कूच बिहार, दार्जिलिंग और अलीपुरद्वार में भारी से बहुत भारी बारिश की संभावना है। इन जिलों के लिए येलो और ऑरेंज अलर्ट जारी हैं। 1 नवंबर से मौसम में सुधार होगा और 3 नवंबर तक आंशिक रूप से बादल छाए रहेंगे, लेकिन सूखा रहेगा। कोलकाता में बुधवार को 'मोंथा' से ट्रिगर हुई भारी बारिश के दौरान लोग सड़कों पर संघर्ष करते नजर आए।
आंध्र प्रदेश में ऑरेंज अलर्ट, कई जिले प्रभावित
आंध्र प्रदेश में भी बारिश का कहर जारी है। प्रकाशम, एसपीएसआर नेल्लोर, गुंटूर, पालनाडु, एनटीआर, बापटला, कृष्णा, पश्चिम गोदावरी, एलुरु, अल्लूरी सीतारामा राजू, श्रीकाकुलम और पार्वतीपुरम मन्यम जिलों के लिए ऑरेंज अलर्ट है, जहां भारी बारिश की चेतावनी दी गई है। कई जिलों में येलो अलर्ट भी है। विजाग और विजयवाड़ा एयरपोर्ट पर उड़ानें रद्द हो गई हैं, जिससे यात्रियों को परेशानी हो रही है।
अन्य राज्यों में भी वर्षा की आशंका
बिहार और झारखंड में गुरुवार तक बारिश जारी रहेगी। उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम में 30 अक्टूबर से 1 नवंबर तक वर्षा हो सकती है। ओडिशा में 29 अक्टूबर को बारिश हुई। पूर्वी मध्य प्रदेश, विदर्भ और छत्तीसगढ़ में 29 और 30 अक्टूबर को बौछारें पड़ सकती हैं। गुजरात में 1 नवंबर तक हल्की से मध्यम बारिश होगी, जबकि मराठवाड़ा, सौराष्ट्र और कच्छ में 31 अक्टूबर तक अलग-अलग जगहों पर बहुत भारी वर्षा हो सकती है।







