स्टेट डेस्क - आर्या कुमारी
दानापुर से राजद उम्मीदवार रीतलाल यादव को पटना हाईकोर्ट से चुनाव प्रचार के लिए जमानत नहीं मिली. अदालत ने उनकी याचिका खारिज करते हुए कहा कि वे चाहें तो निचली अदालत में अर्जी दे सकते हैं. भागलपुर जेल में बंद रीतलाल अब जेल से ही चुनावी मैदान में उतरेंगे.
राजद विधायक रीतलाल यादव को हाईकोर्ट से कोई राहत नहीं मिली है. अदालत ने उनकी उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने चुनाव प्रचार के लिए अस्थायी जमानत मांगी थी. फिलहाल भागलपुर जेल में बंद यादव ने पुलिस कस्टडी में रहते हुए ही नामांकन दाखिल किया था. उन्होंने पटना हाईकोर्ट में अपील की थी कि 6 नवंबर को होने वाले मतदान से पहले उन्हें चार सप्ताह की औपबंधिक जमानत दी जाए, ताकि वे अपने क्षेत्र में जाकर प्रचार कर सकें.
शुक्रवार को न्यायमूर्ति अरुण कुमार झा की एकलपीठ ने सुनवाई के दौरान साफ कहा कि इस स्तर पर अदालत राहत देने के पक्ष में नहीं है. हालांकि, कोर्ट ने यह अनुमति दी कि वे निचली अदालत यानी एमपी-एमएलए कोर्ट में औपबंधिक जमानत की अर्जी लगा सकते हैं.
अदालत ने चुनाव प्रचार वाली दलील नहीं मानी
रीतलाल यादव की ओर से वरीय अधिवक्ता योगेश चंद्र वर्मा ने कहा कि, “विशेष परिस्थिति में यह राहत जरूरी है, क्योंकि यादव दानापुर से राजद प्रत्याशी हैं और बिना प्रचार के चुनाव लड़ना मुश्किल होगा।” लेकिन अदालत ने यह दलील ठुकरा दी.
क्या है मामला?
रीतलाल यादव फिलहाल जबरन वसूली के एक मामले में न्यायिक हिरासत में हैं. जून में पटना पुलिस ने दानापुर इलाके में उनके सहयोगियों और लालू प्रसाद परिवार से जुड़े ठिकानों पर छापेमारी की थी. शिकायत के अनुसार, रंगदारी न देने पर एक निर्माणाधीन इमारत का ढांचा गिरा दिया गया था.
इस केस में रीतलाल सहित चार अन्य पर मामला दर्ज है, जबकि कुछ आरोपी अब भी फरार हैं. हाईकोर्ट से राहत न मिलने के बाद अब रीतलाल यादव को जेल से ही चुनाव रणनीति बनानी होगी. दानापुर सीट पर मुकाबला रोचक होने वाला है, जहां राजद अपना गढ़ बचाने में जुटा है और एनडीए इसे जीतने के लिए पूरी ताकत झोंक रहा है.







