Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

दिल्ली हाईकोर्ट ने उमर खालिद और शरजील इमाम की जमानत अर्जी ठुकराई

राष्ट्रीय डेस्क, आर्या कुमारी |

दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगा मामले में जेएनयू के पूर्व छात्र उमर खालिद और एक्टिविस्ट शरजील इमाम सहित अन्य की जमानत की अपील को नामंजूर कर दिया है।

न्यायमूर्ति नवीन चावला और न्यायमूर्ति शालिंदर कौर की बेंच ने उमर खालिद और शरजील इमाम के साथ-साथ मोहम्मद सलीम खान, शिफा-उर-रहमान, अथर खान, मीरान हैदर, अब्दुल खालिद सैफी और गुलफिशा फातिमा की जमानत की दरख्वास्त भी खारिज कर दी है।

अदालत में दी गई दलीलें

सुनवाई के दौरान उमर खालिद ने कहा कि "सह आरोपियों के साथ वॉट्सऐप ग्रुप पर जुड़ा रहना कोई अपराध नहीं है।" खालिद ने यह भी कहा कि "उनके पास से ऐसी कोई भड़काऊ या आपत्तिजनक सामग्री नहीं मिली, जिससे उनके विरुद्ध कुछ साबित हो सके।" अदालत में उमर खालिद और बाकी की पैरवी करने वाले वकील ने बताया कि वे हाईकोर्ट के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज करेंगे। बताया जा रहा है कि उमर खालिद और अन्य पर षड्यंत्र रचने का इल्जाम है, जिसके चलते फरवरी 2020 में दिल्ली में दंगे फूट पड़े।

दिल्ली पुलिस ने उमर खालिद, शरजील इमाम और बाकियों पर दिल्ली दंगों के मुख्य सूत्रधार होने का आरोप लगाया था। इन सभी पर यूएपीए के अंतर्गत केस दायर किया गया है।

चार साल से हिरासत में

सुनवाई के दौरान कार्यकर्ताओं ने कहा कि वे पहले से ही चार साल से ज्यादा समय से हिरासत में बंद हैं। लेकिन अभियोजन पक्ष का प्रतिनिधित्व करने वाले सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने जमानत अर्जी का खंडन करते हुए कहा कि इन दंगों की पहले से योजना बनाकर साजिश रची गई थी।

मेहता ने कहा कि "वैश्विक स्तर पर भारत को बदनाम करने की साजिश रची गई थी।" उन्होंने कहा कि "अगर आप राष्ट्र के खिलाफ कुछ करोगे तो बेहतर है कि बरी होने तक जेल में ही रहो।"

हिंसा में 50+ लोगों की मृत्यु

फरवरी 2020 में दिल्ली के उत्तर पूर्वी हिस्से में व्यापक दंगे हुए थे। उस समय हुई हिंसा में 50 से ज्यादा लोगों की मृत्यु हो गई थी। इसके अतिरिक्त सैकड़ों लोग भी दंगों में हुई हिंसा के कारण जख्मी हुए थे। पुलिस के अनुसार, इन दंगों में लोगों की जान जाने के अलावा करोड़ों रुपये की संपत्ति का भी नुकसान हुआ था।