नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |
नई दिल्ली: धनतेरस का त्योहार आज 18 अक्टूबर को पूरे देश में हर्षोल्लास के साथ मनाया जा रहा है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि पर पड़ने वाला यह पर्व भगवान धन्वंतरि की जयंती के रूप में जाना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी, कुबेर जी, यमराज और धन्वंतरि देव की पूजा की परंपरा है। मान्यता है कि धनतेरस पर सोना-चांदी या धातु की वस्तुएं खरीदने से घर में समृद्धि आती है और कई गुना शुभ फल मिलते हैं। इस साल खास बात यह है कि 100 साल बाद त्रिग्रही योग समेत कई दुर्लभ योग बन रहे हैं, जो खरीदारी और पूजा को और भी शुभ बना रहे हैं।
धनतेरस की तिथि 18 अक्टूबर दोपहर 12:20 बजे से शुरू होकर 19 अक्टूबर दोपहर 1:52 बजे तक रहेगी। पूजा का सबसे शुभ समय प्रदोष काल में शाम 7:16 से 8:20 बजे तक है। खरीदारी के लिए अमृत काल सुबह 8:50 से 10:33 बजे, अभिजित मुहूर्त दोपहर 12:01 से 12:48 बजे और लाभ-उन्नति चौघड़िया दोपहर 1:51 से 3:18 बजे तक है। शाम और रात के चौघड़िया मुहूर्त भी उपलब्ध हैं, जैसे लाभ-उन्नति शाम 5:54 से 7:28 बजे, शुभ-उत्तम रात 9:02 से 10:36 बजे और अमृत रात 10:36 से अगले दिन सुबह 12:10 बजे तक।
दुर्लभ योगों का संयोग, 100 साल बाद ऐसा मौका
इस धनतेरस पर हंस राजयोग, त्रिग्रही योग, मंगल आदित्य योग, बुधादित्य योग, विपरीत राजयोग, केंद्र त्रिकोण राजयोग और ब्रह्म योग जैसे शुभ संयोग बन रहे हैं। ज्योतिषियों के मुताबिक, ऐसे योग दशकों बाद आते हैं, जो धन, स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए बेहद फायदेमंद हैं। इन योगों में की गई खरीदारी से आर्थिक स्थिरता और अप्रत्याशित लाभ की उम्मीद की जा रही है।
सोना-चांदी खरीदने का मुहूर्त 18 अक्टूबर दोपहर 12:18 से 19 अक्टूबर सुबह 6:26 बजे तक है। बाजारों में भीड़ उमड़ रही है, जहां लोग न केवल कीमती धातुओं बल्कि वाहन, बर्तन, झाड़ू, साबुत धनिया और गणेश-लक्ष्मी की मूर्तियां खरीद रहे हैं। हालांकि, इस साल वाहन खरीदने का कोई शुभ मुहूर्त धनतेरस से भाई दूज तक नहीं है। वाहन खरीदने के लिए 24, 29, 30 और 31 अक्टूबर के मुहूर्त सुझाए गए हैं, जैसे 24 अक्टूबर सुबह 6:28 से अगले दिन 1:19 बजे तक।
राशि अनुसार खरीदारी के टिप्स, हर राशि को मिलेगा लाभ
ज्योतिष के अनुसार, राशि के आधार पर खरीदारी करने से विशेष फल मिलते हैं। मेष राशि वालों के लिए सोना या पीतल की वस्तु शुभ है, जो स्वास्थ्य और धन देगी। वृषभ राशि वाले वाहन, अलमारी या इलेक्ट्रॉनिक सामान खरीदें, इससे भाग्य चमकेगा। मिथुन राशि के लिए कांसे के बर्तन या मूर्ति आत्मविश्वास बढ़ाएगी। कर्क राशि सोने या पीतल की चीजें खरीदें, अचानक धनलाभ संभव। सिंह राशि तांबे का पात्र खरीदें, ऊर्जा और आरोग्य मिलेगा। कन्या राशि इलेक्ट्रॉनिक वस्तुएं लें, आर्थिक स्थिरता आएगी। तुला राशि देवी-देवताओं की प्रतिमा से सौभाग्य बढ़ेगा। वृश्चिक राशि चांदी का सिक्का या बर्तन साहस देगा। धनु राशि तांबे का दीपक करियर में प्रगति लाएगा। मकर राशि कांसे की मूर्ति या बर्तन स्थिरता देगी। कुंभ राशि चांदी के बर्तन से आकस्मिक लाभ। मीन राशि तांबे का जल पात्र समृद्धि का कारक।
पूजा विधि और सामग्री, घर में ऐसे करें तैयारी
धनतेरस की पूजा में मां लक्ष्मी, कुबेर, यमराज और धन्वंतरि की आराधना की जाती है। पूजा सामग्री में अगरबत्ती, धूप, फूल, फल, रोली, चावल, गुड़, बताशा, मिठाई, चांदी का सिक्का, कौड़ी और झाड़ू शामिल करें। विधि: सबसे पहले स्नान कर स्वच्छ वस्त्र पहनें, पूजा स्थल पर गणेश-लक्ष्मी की मूर्ति स्थापित करें। दीप जलाएं, मंत्र जपें और आरती करें। रात में 13 दीपक जलाना शुभ है – प्रत्येक में घी, बाती और एक कौड़ी रखें, मुख्य द्वार पर जलाएं। इससे कुबेर की कृपा मिलती है।
मंत्र: लक्ष्मी मंत्र 'ॐ ह्रीं श्रीं लक्ष्मीभयो नमः', कुबेर मंत्र 'ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये धनधान्य समृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा'।
धनतेरस की पौराणिक कथा, अमृत मंथन से जुड़ी कहानी
विष्णु पुराण और भागवत पुराण के अनुसार, देवता और असुर अमृत के लिए समुद्र मंथन कर रहे थे। मंदराचल पर्वत को मथानी, वासुकि नाग को रस्सी बनाया गया। भगवान विष्णु कच्छप अवतार में पर्वत को पीठ पर धारण किए। मंथन से धन्वंतरि अमृत कलश लेकर प्रकट हुए, इसी दिन को धनतेरस कहते हैं। कथा पढ़ने से पूजा अधूरी नहीं रहती, घर में धन भंडार भरा रहता है।
आरतियां: लक्ष्मी, कुबेर और गणेश की स्तुति
लक्ष्मी आरती: 'ॐ जय लक्ष्मी माता, मैया जय लक्ष्मी माता... तुमको निशदिन सेवत, हरि विष्णु विधाता।' कुबेर आरती: 'ॐ जय यक्ष कुबेर हरे... शरण पड़े भगतों के, भण्डार कुबेर भरे।' गणेश आरती: 'जय गणेश, जय गणेश, जय गणेश देवा... माता जाकी पार्वती, पिता महादेवा।' इन आरतियों से पूजा पूरी होती है।
शहर अनुसार पूजा समय, दिल्ली से मुंबई तक मुहूर्त
विभिन्न शहरों में पूजा मुहूर्त थोड़ा अलग हो सकता है। दिल्ली-नोएडा में शाम 7:16 से 8:20, मुंबई में शाम 7:40 से 8:45, जयपुर में शाम 7:10 से 8:15 बजे तक। खरीदारी का समय भी स्थानीय पंचांग से चेक करें।
धनतेरस पर झाड़ू खरीदना विशेष शुभ है, क्योंकि यह स्वच्छता और लक्ष्मी का प्रतीक है। बाजारों में उत्साह है, लोग परंपराओं का पालन कर रहे हैं।







