
स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |
"नटवरलाल से भी बड़े ठग हैं प्रशांत किशोर – बीजेपी सांसद संजय जायसवाल का आरोप, फेसबुक पोस्ट में लगाए गंभीर आरोप"
बिहार की सियासत में इन दिनों गरमा-गरमी तेज हो गई है। बीजेपी सांसद संजय जायसवाल और जनसुराज अभियान के संस्थापक प्रशांत किशोर के बीच जबरदस्त जुबानी जंग देखने को मिल रही है। दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है। इस बार बीजेपी सांसद संजय जायसवाल ने अपने फेसबुक अकाउंट पर एक लंबा पोस्ट लिखकर प्रशांत किशोर पर बड़े और गंभीर आरोप लगाए हैं।
संजय जायसवाल ने अपने पोस्ट में लिखा कि “ठगी की दुनिया में बिहार की पहचान नटवरलाल से थी, लेकिन प्रशांत किशोर ठगने में उसके भी दादा हैं।” उन्होंने अपने पोस्ट के साथ कुछ डॉक्यूमेंट भी शेयर किए हैं, जिन्हें वह सबूत के तौर पर पेश कर रहे हैं। जायसवाल का आरोप है कि प्रशांत किशोर लोगों को राजनीतिक सुधार और बदलाव के नाम पर गुमराह कर रहे हैं और उनसे चंदा लेकर खुद का राजनीतिक अभियान चला रहे हैं।
सांसद संजय जायसवाल ने कहा कि प्रशांत किशोर जनसुराज अभियान के नाम पर लोगों को जोड़ते हैं, लेकिन बाद में उनसे आर्थिक मदद की उम्मीद रखते हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि किशोर युवाओं को अपने साथ जोड़कर बिहार में एक नई राजनीतिक ताकत खड़ी करने का दावा करते हैं, लेकिन असलियत इससे अलग है। जायसवाल के अनुसार, यह पूरा अभियान सिर्फ पैसे कमाने और लोगों को ठगने का जरिया है।
जायसवाल ने यह भी कहा कि प्रशांत किशोर का राजनीति में कोई वैचारिक आधार नहीं है। वह कभी किसी पार्टी के साथ, तो कभी दूसरी पार्टी के साथ नजर आते हैं। उन्होंने याद दिलाया कि प्रशांत किशोर ने पहले बीजेपी के लिए काम किया, फिर जेडीयू के लिए चुनाव रणनीति बनाई और अब खुद को राजनीतिक सुधारक बताकर एक नई पार्टी खड़ी करने की कोशिश कर रहे हैं।
बीजेपी सांसद का कहना है कि प्रशांत किशोर बिहार के युवाओं को बड़े सपने दिखाते हैं, लेकिन उनका कोई ठोस विजन नहीं है। उनका आरोप है कि किशोर सिर्फ चुनावी रणनीतिकार हैं और अपने अभियान के माध्यम से खुद को नेता साबित करने की कोशिश कर रहे हैं।
वहीं, प्रशांत किशोर की तरफ से अब तक इस ताजा आरोप पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। हालांकि, पहले कई बार वह कह चुके हैं कि उनका जनसुराज अभियान लोगों की भागीदारी से बिहार में बदलाव लाने के लिए है और वह पैसे के लिए राजनीति नहीं कर रहे हैं।
बिहार की राजनीति में यह बयानबाजी इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि 2025 में राज्य विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में बीजेपी और जनसुराज अभियान दोनों अपनी-अपनी जमीन मजबूत करने की कोशिश में हैं। संजय जायसवाल के इस बयान के बाद राजनीतिक तापमान और बढ़ने की संभावना है।