Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

नीतीश की घोषणा के बाद भी बदहाल ऐतिहासिक घुड़दौड़ पोखर

लोकल डेस्क, रुचि भारती।

चंपारण के ऐतिहासिक धरोहर घुड़दौड़ पोखर के अस्तित्व को बचाने को जगी उम्मीद प्रशासनिक लापरवाही की शिकार

मोतिहारी जिले की ऐतिहासिक धरोहर चंपारण गजेटियर में दर्ज घुड़दौड़ पोखर का अपना अलग इतिहास है। बावन बीघा से भी अधिक तीन हिस्सों में फैले इस तालाब पर समय के साथ अतिक्रमणकारियों ने कब्जा कर लिया है। जिसे जहां अवसर मिला वह इस पोखर की जमीन को कब्जा करने से नहीं चुके। हालांकि इसको पर्यटन स्थल के रूप में विकसित करने के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करोड़ों रुपए की स्वीकृति प्रदान कर दी। इससे उम्मीद जगी थी जो ठंढे बस्ते में पड़ती दिख रही है, हाल यह है कि अब इसके वजूद पर संकट मंडराने लगा है। सरकार द्वारा जलाशयों को बचाने को लेकर चलाए गए अभियान से इसके संरक्षण की भी उम्मीद जग गई है। ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को आवेदन देकर इसे अतिक्रमणमुक्त कराने की मांग की है।

अतिक्रमण मुक्त कराने को लेकर ग्रामीणों ने जिलाधिकारी को आवेदन दिया है। जलाशयों को बचाने और अतिक्रमण मुक्त कराने को लोग सजग हुए हैं। इसको लेकर ग्रामीण व समाजसेवी प्रोफेसर रामनिरंजन पांडेय द्वारा वर्षों से केंद्र और बिहार सरकार और संबंधित क्षेत्रीय सांसद, विधायक, पर्यटन मंत्री, मत्स्य पालन विभाग को पत्र लिखकर तालाब की पर्यटन के रूप में विकसित करने मांग की गई है। इधर आर भारत के पत्रकार ने भी इको पर्यटन के रूप में विकसित करने के लिए मुख्यमंत्री से पहल किया और इसकी घोषणाएं भी हुई परंतु यह घोषणा हवाहवाई में दिख रही है। 

बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 24 दिसंबर 2024  मोतिहारी में प्रगति यात्रा  के दौरान पोखर को 4 करोड़ की लागत से पर्यटन के रूप में विकसित करने की घोषणा की थी। बताया जाता है कि ऐतिहासिक पोखर कभी बड़े-बड़े संत महर्षियों की तपस्या स्थल था। कई खंडित मूर्तियां भी पड़ी है जिसकी जांच पुरातात्विक विभाग से कराया जा सकता है।

मिथिला राजवंश में हुई थी तालाब की खुदाई

इस तालाब की खुदाई मिथिला राजवंश में राजा शिव सिंह ने 1413-1416 के बीच कराई गई थी। कभी यह पोखर कमल और कुमोदनी जैसे पुष्पों से भरा होता था। अब जलकुंभी और गंदगी से भरा है। प्राकृतिक सौंदर्य से सबका मन मोह लेने वाली तालाब, जिसमें भारी मात्रा में माऊली सिधाड़े का उत्पादन होता था। उक्त तालाब में जहां देश और विदेश से पक्षियों का अभ्यारण हुआ करता था। वर्तमान स्थिति यह है कि अतिक्रमण से तालाब के वजूद पर संकट उत्पन्न हो गया है। इस तालाब की संरक्षित कर इसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित किया जा सकता है।

जलाशयों को संरक्षित करने से लोगों को होंगे लाभ: समाजसेवी

प्रोफेसर रामनिरंजन पडिय ने डीएम द्वारा जलाशयों को संरक्षित करने के लिए चलाए जा रहे अभियान की सराहना की।इस प्रकार के जलाशयों को संरक्षित करना वर्तमान समय की जरूरत है। जिस प्रकार भू-जल का स्तर तेजी से नीचे जा रहा है उससे चिंता बढ़ गई है। आने वाले समय में इस संकट से उबरने के लिए यह पहल आवश्यक है। जलाशयों को संरक्षित करने से आम लोगों को कई प्रकार के लाभ मिलेंगे। पताही प्रखंड क्षेत्र के पटुमकेर में बावन बीघे से भी अधिक तीन हिस्सों में फैला घुडदौड़ पोखर से सटे हरवहीं, अनवहिया नामक और दो अन्य पौखर हैं। इसका कुछ हिस्सा बाराशंकर पंचायत और फेर कल्याणपुर मौजे में पड़ता है।