Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

नीतीश कुमार की बड़ी सौगात: गंगा पर बने छह लेन पुल के पहले चरण का उद्घाटन

स्टेट डेस्क, वेरोनिका राय |

नीतीश कुमार की बड़ी सौगात: गंगा पर बने छह लेन पुल के पहले चरण का उद्घाटन, पटना से राघोपुर का सफर अब होगा आसान

बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोमवार को गंगा नदी पर बने बहुप्रतीक्षित कच्ची दरगाह-बिदुपुर छह लेन पुल परियोजना के पहले चरण का उद्घाटन करेंगे। यह उद्घाटन उस 4.57 किलोमीटर लंबे हिस्से का होगा, जो पटना के कच्ची दरगाह से राघोपुर दियारा तक बनकर तैयार हो चुका है। इस महत्त्वपूर्ण इंफ्रास्ट्रक्चर परियोजना से राजधानी पटना और वैशाली जिले के राघोपुर क्षेत्र के बीच सड़क संपर्क बेहद सुगम और तेज हो जाएगा।

2015 में रखा गया था शिलान्यास

इस ग्रीनफील्ड परियोजना की आधारशिला मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने 23 अगस्त 2015 को राजधानी पटना के अधिवेशन भवन में रखी थी। अब लगभग नौ वर्षों बाद इसका पहला चरण पूरा हो गया है। इस परियोजना के तहत कुल 9.76 किलोमीटर लंबा छह लेन पुल बनाया जा रहा है, जिसमें 10 किलोमीटर का पहुंच पथ भी शामिल है।

परियोजना की लागत और निर्माण एजेंसी

इस पुल परियोजना की कुल लागत 4988.40 करोड़ रुपये आंकी गई है। इसमें से 696.60 करोड़ रुपये भू-अर्जन और पुनर्वास कार्यों पर खर्च किए गए हैं, जबकि 4291.80 करोड़ रुपये का व्यय पुल निर्माण और अन्य ढांचागत सुविधाओं पर किया गया है। इस परियोजना का निर्माण कार्य देश की प्रमुख निर्माण कंपनी एलएंडटी (Larsen & Toubro) द्वारा किया जा रहा है।

तीन चरणों में पूरा होगा काम:

पूरी परियोजना को तीन चरणों में पूरा किया जाना है:

1. पहला चरण: कच्ची दरगाह (एनएच-31) से राघोपुर दियारा तक।
2. दूसरा चरण: हाजीपुर-महनार पथ (एनएच-122बी) से चकसिकंदर (एनएच-322) तक।
3. तीसरा चरण: राघोपुर दियारा से हाजीपुर-महनार पथ तक का हिस्सा।

फिलहाल पहला चरण यानी 4.57 किलोमीटर का हिस्सा तैयार हो चुका है, जिसका उद्घाटन मुख्यमंत्री द्वारा किया जाएगा। बाकी हिस्सों पर काम तेजी से चल रहा है और आने वाले वर्षों में इस पूरी परियोजना के पूरी तरह कार्यान्वयन की उम्मीद जताई जा रही है।

यह छह लेन पुल पटना-बख्तियारपुर फोर लेन बाईपास (एनएच-31) से शुरू होकर वैशाली जिले के चकसिकंदर (एनएच-322) पर जाकर समाप्त होता है। इससे पटना और वैशाली के बीच की दूरी और यात्रा समय दोनों में भारी कमी आएगी। वर्तमान में गंगा पार करने के लिए फोरलेन पुलों की संख्या सीमित है, जिससे रोजाना ट्रैफिक जाम की स्थिति बनती है। इस नए पुल से ट्रैफिक का दबाव कम होगा और लोगों को वैकल्पिक मार्ग मिलेगा।

इस परियोजना से राघोपुर जैसे पिछड़े इलाके को राजधानी से बेहतर संपर्क मिलेगा। यह क्षेत्र लंबे समय से सड़क संपर्क की दृष्टि से उपेक्षित रहा है। अब यह पुल राघोपुर को न केवल पटना बल्कि हाजीपुर और महनार जैसे इलाकों से जोड़ने में भी मदद करेगा। इससे क्षेत्र के आर्थिक, शैक्षणिक और सामाजिक विकास को गति मिलने की उम्मीद है।

यह पुल सिर्फ यातायात सुविधा के लिहाज से ही नहीं, बल्कि राज्य के रणनीतिक विकास के दृष्टिकोण से भी बेहद अहम है। यह पूर्वी भारत के मालवहन गलियारे (Freight Corridor) का हिस्सा बन सकता है, जिससे औद्योगिक गतिविधियों को बढ़ावा मिलेगा।

कुल मिलाकर, मुख्यमंत्री नीतीश कुमार द्वारा गंगा नदी पर बने इस छह लेन पुल के पहले चरण का उद्घाटन बिहार में आधारभूत संरचना विकास की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम है। यह परियोजना न केवल पटना और राघोपुर के लोगों को राहत देगी, बल्कि पूरे राज्य के विकास में भी सहायक सिद्ध होगी। आने वाले समय में जब यह परियोजना पूरी तरह से बनकर तैयार हो जाएगी, तब यह बिहार के लिए एक गौरवशाली उपलब्धि के रूप में स्थापित होगी।