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नेपाल आंदोलन: बॉर्डर पर तनाव चरम पर, हजारों भारतीय पर्यटक फंसे

विदेश डेस्क, प्रीति पायल |

नेपाल आंदोलन: बॉर्डर पर तनाव चरम पर, हजारों भारतीय पर्यटक फंसे, भारत ने जारी की सख्त एडवाइजरी

नेपाल में सोशल मीडिया बैन और भ्रष्टाचार के खिलाफ जनरेशन-जेड के उग्र आंदोलन ने पूरे देश को जकड़ लिया है। हिंसक प्रदर्शनों में 20 से अधिक मौतें हो चुकी हैं, जबकि सैकड़ों लोग घायल हैं। इस अराजकता का सीधा असर भारत-नेपाल सीमा पर पड़ रहा है, जहां बॉर्डर पूरी तरह सील हो चुका है। हजारों भारतीय पर्यटक फंस गए हैं और उनकी गाड़ियों को प्रवेश की अनुमति नहीं मिल रही। भारत सरकार ने नागरिकों को नेपाल यात्रा न करने की सख्त चेतावनी जारी कर दी है।

नेपाल की राजधानी काठमांडू से शुरू हुआ यह आंदोलन अब वीरगंज, लुम्बिनी, पोखरा और सीमावर्ती जिलों तक फैल चुका है। युवा प्रदर्शनकारी संसद भवन पर हमला करने तक पहुंच गए, जिसके बाद सरकार ने कर्फ्यू और निषेधाज्ञा लागू कर दी। सोमवार को हुई झड़पों में पुलिस ने हवाई फायरिंग की, लेकिन भीड़ ने दंगाइयों को पीछे धकेल दिया। नेपाल प्रशासन ने फेसबुक, इंस्टाग्राम, यूट्यूब और एक्स समेत 26 सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर ब्लैकआउट कर दिया था, जो अब आंशिक रूप से हटा लिया गया है। लेकिन तनाव कम होने का नाम नहीं ले रहा।

इस हिंसा की लपटें भारत के कई राज्यों तक पहुंच गई हैं। उत्तर प्रदेश के महराजगंज, सिद्धार्थनगर, बहराइच और लखीमपुर खीरी में सोनौली, ककरहवा, नौतनवा जैसे बॉर्डर पॉइंट्स पर हाई अलर्ट है। बिहार के सात जिलों—पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, सीतामढ़ी, मधुबनी, अररिया, सुपौल और किशनगंज—में बॉर्डर पूरी तरह सील कर दिए गए हैं। पश्चिम बंगाल के पनितांकी और सिलीगुड़ी इलाकों में भी अतिरिक्त सुरक्षाबल तैनात हैं। एसएसबी (सशस्त्र सीमा बल) के 90,000 से अधिक जवान हर आने-जाने वाले व्यक्ति की गहन जांच कर रहे हैं। केवल मालवाहक ट्रकों को सीमित अनुमति दी जा रही है, बाकी सभी वाहनों पर रोक है।

भारतीय पर्यटकों का बुरा हाल, 4 हजार से ज्यादा फंसे

आंदोलन का सबसे ज्यादा नुकसान भारतीय पर्यटकों को हो रहा है। अनुमान है कि 3,500 से 4,000 भारतीय पर्यटक नेपाल के विभिन्न हिस्सों में फंस चुके हैं। ये लोग मुख्य रूप से लुम्बिनी, मुक्तिनाथ, पशुपतिनाथ, पोखरा और काठमांडू घूमने गए थे। बॉर्डर पर सैकड़ों टूरिस्ट वाहन खड़े हैं, लेकिन नेपाल प्रशासन ने भारतीय नंबर की गाड़ियों का प्रवेश पूरी तरह बंद कर दिया है। ककरहवा बॉर्डर पर धूप-बारिश में घंटों इंतजार कर रहे पर्यटकों को भारी परेशानी हो रही है। कई जगह लंबा जाम लग गया है, और स्थानीय वाहनों को ही प्राथमिकता दी जा रही है।

महाराजगंज के सोनौली बॉर्डर पर तो हालात और भी खराब हैं। यहां 700 से अधिक भारतीय पर्यटक फंसे हैं, जिन्हें सुरक्षित वापस लाने का अभियान चल रहा है। एक पर्यटक ने बताया, "हम पोखरा घूमने आए थे, लेकिन अचानक सब बंद हो गया। अब पैदल या रिक्शे से लौटना पड़ रहा है।" इसी तरह, बिहार के जोगबनी चेकपोस्ट पर आगजनी की घटनाएं रिपोर्ट हुई हैं, जहां एसएसबी ने सतर्कता बरतते हुए गश्त तेज कर दी। पश्चिम बंगाल में कम से कम 100 ट्रक चालक और पर्यटक फंसे हैं, जो पनितांकी बॉर्डर पर अटके हुए हैं। पर्यटन स्थलों पर होटलों के बाहर पुलिस का पहरा है, और कई जगह दुकानें बंद पड़ी हैं।

रेल सेवा ठप, एयरपोर्ट बंद; यात्रियों की मुश्किलें बढ़ीं

नेपाल के तनाव को देखते हुए भारत-नेपाल रेल सेवा को अनिश्चितकाल के लिए बंद कर दिया गया है। बिहार के जयनगर स्टेशन पर नेपाली यात्री ट्रेनों का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन रैक को सुरक्षा कारणों से खड़ी कर दिया गया है। काठमांडू का त्रिभुवन अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा पूरी तरह बंद हो चुका है। इंडिगो एयरलाइंस की दो फ्लाइटें वापस लौट गईं, और दक्षिणी हिस्से से लैंडिंग पर रोक है। बॉर्डर पर भंसार कार्यालय बंद होने से व्यापार भी प्रभावित हुआ है। पारंपरिक बेटी-रोटी संबंध वाले सीमावर्ती इलाकों में भी आवाजाही रुक गई है

 भारत सरकार की सख्ती: यात्रा न करें, फंसे लोगों के लिए हेल्पलाइन

भारत सरकार ने नेपाल जाने वाले सभी नागरिकों के लिए एडवाइजरी जारी की है। विदेश मंत्रालय ने सलाह दी है कि वर्तमान स्थिति को देखते हुए यात्रा टाल दें। नेपाल में फंसे भारतीयों के लिए हेल्पलाइन नंबर सक्रिय हैं, और दूतावास सुरक्षित निकासी सुनिश्चित कर रहा है। रक्षा मंत्रालय ने भी बॉर्डर पर हाई अलर्ट जारी किया है। नेपाल सरकार ने कर्फ्यू उल्लंघना पर सख्त कार्रवाई की चेतावनी दी है, जबकि प्रदर्शनकारी भ्रष्टाचार मुक्त शासन और सोशल मीडिया स्वतंत्रता की मांग कर रहे हैं।

यह आंदोलन नेपाल की राजनीति में बड़ा बदलाव ला सकता है। युवा नेता सुदन गुरुंग जैसे चेहरे उभर रहे हैं, जो सरकार गिराने की बात कर रहे हैं। लेकिन फिलहाल, सीमा पर तनाव और पर्यटकों की परेशानी प्रमुख चिंता बनी हुई है। स्थिति सामान्य होने तक भारतीयों को सतर्क रहने की जरूरत है।