नेपाल: ओली के इस्तीफे के बाद Gen-Z प्रदर्शनकारी बोले, बालेंद्र शाह को बनाओ नया PM

अंतरराष्ट्रीय डेस्क, वेरोनिका राय |
नेपाल इस समय राजनीतिक और सामाजिक उथल-पुथल से गुजर रहा है। सोशल मीडिया पर बैन लगाने के फैसले के खिलाफ शुरू हुआ युवाओं का विरोध आंदोलन अब राजनीतिक संकट का रूप ले चुका है। इस आंदोलन ने न सिर्फ नेपाल की सड़कों पर भारी हिंसा फैलाई, बल्कि देश के प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली को भी इस्तीफा देने पर मजबूर कर दिया। अब प्रदर्शनकारी काठमांडू के मेयर बालेंद्र शाह को देश का नया प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।
सोशल मीडिया बैन से भड़का आंदोलन
सोमवार को नेपाल सरकार ने फेसबुक, एक्स (ट्विटर), यूट्यूब समेत कई सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पाबंदी लगाने का ऐलान किया। सरकार का तर्क था कि कंपनियों ने देश में आधिकारिक रूप से पंजीकरण नहीं कराया है। लेकिन इस फैसले ने नेपाल की Gen-Z पीढ़ी को नाराज कर दिया। लाखों की संख्या में युवा सड़कों पर उतर आए। राजधानी काठमांडू और अन्य शहरों में संसद और सरकारी इमारतों के बाहर भारी विरोध हुआ।
प्रदर्शनकारियों और सुरक्षाबलों के बीच झड़पें हुईं। हालात इतने बिगड़े कि सरकार को सेना तैनात करनी पड़ी और कई शहरों में कर्फ्यू लगाना पड़ा। इस दौरान हुई हिंसा में 19 लोगों की मौत हो गई और सैकड़ों घायल हुए।
ओली का इस्तीफा
प्रदर्शनकारियों की मुख्य मांग थी कि प्रधानमंत्री केपी शर्मा ओली पद छोड़ें और सोशल मीडिया बैन वापस लिया जाए। जब मंगलवार को प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर बढ़े और भीतर घुसने की कोशिश की, तब ओली ने इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया। दबाव में सरकार ने सोशल मीडिया बैन भी वापस ले लिया।
कौन हैं बालेंद्र शाह?
अब सवाल यह उठ रहा है कि आगे देश की कमान किसके हाथ में होगी। प्रदर्शनकारी बड़े पैमाने पर बालेंद्र शाह को नया प्रधानमंत्री बनाने की मांग कर रहे हैं।
- बालेंद्र शाह, जिन्हें लोग प्यार से ‘बालेन’ कहते हैं, काठमांडू मेट्रोपॉलिटन सिटी के मेयर हैं।
- उनका जन्म 1990 में काठमांडू में हुआ था।
- शाह ने नेपाल से सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई की और भारत के कर्नाटक स्थित विश्वेश्वरैया प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय से स्ट्रक्चरल इंजीनियरिंग में मास्टर्स डिग्री हासिल की।
- राजनीति में आने से पहले वे नेपाल के अंडरग्राउंड हिप-हॉप जगत में रैपर और गीतकार के रूप में सक्रिय थे। उनके गानों में भ्रष्टाचार और सामाजिक असमानता जैसे मुद्दों की झलक मिलती थी।
मेयर चुनाव से मिली पहचान
2022 में उन्होंने स्वतंत्र उम्मीदवार के रूप में काठमांडू मेयर का चुनाव लड़ा। सभी को चौंकाते हुए उन्होंने बड़े-बड़े राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों को हराकर 61,000 से ज्यादा वोटों से जीत हासिल की। उनकी जीत को युवाओं की शक्ति और पारंपरिक राजनीति के खिलाफ संदेश माना गया।
आंदोलन को मिला शाह का समर्थन
हालांकि वर्तमान Gen-Z आंदोलन में शामिल होने के लिए केवल 28 साल से कम उम्र के युवाओं को बुलाया गया था, इसलिए 35 वर्षीय बालेंद्र शाह इसमें सीधे शामिल नहीं हुए। लेकिन उन्होंने सोशल मीडिया पर आंदोलन का समर्थन करते हुए लिखा था कि यह एक "स्वतःस्फूर्त और शुद्ध जनांदोलन" है, जिसे राजनीतिक दलों को अपने स्वार्थ के लिए इस्तेमाल नहीं करना चाहिए।
आगे क्या?
ओली के इस्तीफे के बाद अब नेपाल में सत्ता का संकट खड़ा हो गया है। प्रदर्शनकारियों की मांग है कि बालेन शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री बनाया जाए। सोशल मीडिया पर उनका नाम लगातार ट्रेंड कर रहा है और लाखों लोग उन्हें देश का भविष्य बता रहे हैं।
नेपाल की राजनीति लंबे समय से अस्थिर रही है। ऐसे में सवाल यह है कि क्या बालेंद्र शाह जैसी नई और युवा सोच रखने वाली शख्सियत देश को स्थिरता और नई दिशा दे पाएगी? आने वाले दिनों में यह तय होगा कि नेपाल की सत्ता वास्तव में किसके हाथ में जाएगी।