
विदेश डेस्क, ऋषि राज |
नेपाल में इन दिनों एक ख़तरनाक संक्रामक बीमारी तेजी से फैल रही है, जिसने सीमावर्ती जिलों में स्वास्थ्य विभाग की चिंता बढ़ा दी है। नेपाल के तराई इलाकों में बड़ी संख्या में लोग इस बीमारी की चपेट में आ रहे हैं। इसके लक्षणों में तेज बुखार, उल्टी-दस्त, शरीर में दर्द और लगातार कमजोरी शामिल हैं। डॉक्टरों के अनुसार यह बीमारी वायरल प्रकृति की है और दूषित पानी एवं संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से तेजी से फैल रही है।
बिहार के कई जिले जैसे; सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया, पश्चिम चंपारण और पूर्वी चंपारण सीधे नेपाल से सटे हुए हैं। इन जिलों में रोज़ाना हजारों लोग आवाजाही करते हैं। बाजार, रिश्तेदारी और कामकाज के सिलसिले में बिहार और नेपाल के बीच संपर्क बना रहता है। ऐसे में संक्रमण के फैलने की आशंका और बढ़ जाती है। स्वास्थ्य विभाग ने बॉर्डर इलाके के अस्पतालों और स्वास्थ्य केंद्रों को अलर्ट पर रखा है।
सीमावर्ती इलाकों में लोगों को सलाह दी गई है कि वे नेपाल यात्रा फिलहाल टालें। अगर यात्रा करना जरूरी हो तो स्वच्छ पानी पिएं, बाहर का कच्चा या अधपका भोजन न करें और मास्क का उपयोग अवश्य करें। साथ ही, बीमार व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें। किसी भी तरह का लक्षण दिखने पर तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करें।
बिहार सरकार ने बॉर्डर पर विशेष स्वास्थ्य जांच शिविर लगाने का निर्णय लिया है। डॉक्टरों की टीम लोगों की स्क्रीनिंग कर रही है ताकि संभावित मरीजों की पहचान जल्द से जल्द हो सके। विशेषज्ञों का कहना है कि सावधानी ही इस बीमारी से बचाव का सबसे बड़ा उपाय है।
संक्षेप में, नेपाल में फैली बीमारी से बिहार के बॉर्डर इलाके के लोग सतर्क रहें और स्वच्छता अपनाकर सुरक्षित रहें।