एंटरटेनमेंट डेस्क, मुस्कान कुमारी |
महाभारत के कर्ण पंकज धीर का निधन: कैंसर से लंबी जंग हार गए, 68 साल की उम्र में दुनिया कोअलविदा, फैंस और इंडस्ट्री में शोक की लहर, करीबी दोस्त ने दी मौत की पुष्टि.....
नई दिल्ली: टीवी जगत के दिग्गज अभिनेता पंकज धीर अब हमारे बीच नहीं रहे। उन्होंने बीआर चोपड़ा की ऐतिहासिक सीरीज 'महाभारत' में कर्ण का यादगार किरदार निभाया था, जो आज भी दर्शकों के जेहन में बसा हुआ है। 68 साल की उम्र में कैंसर से लंबी लड़ाई लड़ते हुए उन्होंने आखिरी सांस ली। इस खबर ने पूरे मनोरंजन जगत को झकझोर दिया है। उनके करीबी दोस्त और अभिनेता अमित बहल ने इस दुखद समाचार की पुष्टि की है।
पंकज धीर की मौत की खबर अचानक आई और इसने उनके चाहने वालों को सदमे में डाल दिया। सोशल मीडिया पर फैंस लगातार श्रद्धांजलि दे रहे हैं, जहां उनकी पुरानी तस्वीरें और वीडियो शेयर हो रहे हैं। इंडस्ट्री के कई सितारे भी नम आंखों से उन्हें याद कर रहे हैं। पंकज का जाना टीवी इतिहास के एक अध्याय का अंत जैसा लग रहा है, क्योंकि 'महाभारत' में उनका कर्ण का रोल न सिर्फ लोकप्रिय हुआ, बल्कि इसने उन्हें घर-घर में पहचान दिलाई।
कैंसर से दोबारा लौटी बीमारी, सर्जरी भी नहीं बचा सकी जान
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, पंकज धीर को कुछ समय पहले कैंसर का पता चला था। उन्होंने इस बीमारी से बहादुरी से मुकाबला किया और एक बार तो इसे हरा भी दिया। लेकिन पिछले कुछ महीनों में कैंसर फिर से लौट आया, और इस बार हालत बेहद नाजुक हो गई। डॉक्टरों ने बड़ी सर्जरी की सलाह दी, जिससे वे गुजरे भी, लेकिन अफसोस कि सब कुछ बेकार गया। परिवार और दोस्तों ने हर संभव कोशिश की, मगर मौत ने उन्हें छीन लिया।
पंकज की सेहत को लेकर पिछले दिनों अफवाहें भी उड़ी थीं, लेकिन परिवार ने चुप्पी साध रखी थी। अब मौत की खबर सामने आने के बाद ही सारी बातें खुलकर सामने आईं। उनके चाहने वाले अब सोच रहे हैं कि अगर पहले पता चलता तो शायद कुछ और हो सकता था। लेकिन जिंदगी की जंग में कभी-कभी किस्मत साथ नहीं देती। पंकज जैसे मजबूत इरादों वाले शख्स के लिए यह हार और भी दर्दनाक लग रही है।
'महाभारत' ने दी थी स्टारडम की ऊंचाई, कर्ण का रोल बना अमर
पंकज धीर का जन्म 1956 में हुआ था। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत थिएटर से की, लेकिन असली पहचान मिली 1988 में रिलीज हुई 'महाभारत' से। बीआर चोपड़ा की इस मेगा सीरीज में उन्होंने कर्ण का किरदार निभाया, जो महाभारत की कहानी का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है। कर्ण की दुखद कहानी, उसकी वफादारी और अंतिम बलिदान को पंकज ने इतनी शिद्दत से जिया कि दर्शक आज भी उसे भूल नहीं पाते। इस रोल ने उन्हें रातोंरात स्टार बना दिया और टीवी पर एक नया मुकाम दिया।
'महाभारत' के बाद पंकज ने कई फिल्मों और सीरियलों में काम किया। 'अंधा कानून', 'सदमा' जैसी फिल्मों में उनकी छोटी-छोटी भूमिकाएं भी याद की जाती हैं। लेकिन कर्ण का किरदार उनके करियर का ताज बना रहा। इंडस्ट्री में उन्हें एक शांत और समर्पित कलाकार के तौर पर जाना जाता था। वे कभी विवादों में नहीं पड़े, बल्कि हमेशा अपने काम से बात की। उनके सहकलाकार अक्सर बताते हैं कि सेट पर वे कितने अनुशासित और मददगार थे।
फैंस की यादों में हमेशा जिंदा रहेंगे पंकज, सोशल मीडिया पर भावुक पोस्ट
पंकज धीर के निधन की खबर फैलते ही सोशल मीडिया पर हलचल मच गई। इंस्टाग्राम पर उनकी पुरानी तस्वीरें वायरल हो रही हैं, जहां फैंस लिख रहे हैं- 'कर्ण जैसा योद्धा असल जिंदगी में भी योद्धा था।' कई सेलिब्रिटी ने भी पोस्ट किए। कोई उनकी बहादुरी की तारीफ कर रहा है, तो कोई 'महाभारत' के सीन शेयर कर भावुक हो रहा है। एक फैन ने लिखा, 'आपकी आवाज और अभिनय हमेशा हमारे दिल में रहेगा।'
पंकज का परिवार इस समय गहरे सदमे में है। उनके बेटे निखिल धीर भी अभिनेता हैं और पिता की विरासत को आगे बढ़ा रहे हैं। परिवार ने अभी अंतिम संस्कार की जानकारी नहीं दी है, लेकिन जल्द ही इसकी घोषणा हो सकती है। इंडस्ट्री के लोग उनके घर पहुंच रहे हैं, जहां माहौल बेहद गमगीन है। पंकज जैसे कलाकार का जाना सिर्फ एक मौत नहीं, बल्कि एक युग का अंत है।
टीवी जगत का बड़ा नुकसान, कैंसर ने छीना एक और सितारा
कैंसर जैसी घातक बीमारी ने हाल के वर्षों में कई सितारों को हमसे छीन लिया है। पंकज धीर भी इसी लिस्ट में शामिल हो गए। डॉक्टरों के मुताबिक, कैंसर का दोबारा लौटना आम है, लेकिन इलाज में देरी या बॉडी की कमजोरी जानलेवा साबित हो जाती है। पंकज ने अपनी जंग में कभी हार नहीं मानी, लेकिन किस्मत ने साथ नहीं दिया। उनके चाहने वाले अब उम्मीद कर रहे हैं कि उनकी यादें हमेशा जिंदा रहेंगी।
पंकज की जिंदगी हमेशा प्रेरणा देती रही। वे न सिर्फ एक अच्छे अभिनेता थे, बल्कि एक अच्छे इंसान भी। थिएटर से टीवी तक का सफर उन्होंने मेहनत से तय किया। 'महाभारत' के अलावा उन्होंने 'चाणक्य', 'रामायण' जैसी सीरियलों में भी छोटे रोल किए, लेकिन हर बार छाप छोड़ी। युवा कलाकारों के लिए वे रोल मॉडल थे।
अंतिम दिनों की दर्दनाक कहानी, परिवार का साथ रहा हमेशा
पिछले कुछ महीनों में पंकज की सेहत लगातार बिगड़ रही थी। अस्पताल के चक्कर, दवाइयां और सर्जरी- सब कुछ झेला उन्होंने। परिवार ने हर कदम पर साथ दिया, लेकिन मौत को टाला नहीं जा सका। सूत्र बताते हैं कि पंकज हमेशा पॉजिटिव रहते थे, दोस्तों से बात करते थे और जिंदगी की जंग लड़ते रहे। उनकी मौत ने एक बार फिर कैंसर जैसी बीमारी पर ध्यान खींचा है, जो चुपके से जान ले लेती है।
पंकज धीर का योगदान टीवी इंडस्ट्री कभी नहीं भूल सकती। उनका कर्ण का रोल आज भी युवाओं को प्रेरित करता है। फैंस कहते हैं कि वे स्क्रीन पर अमर हैं। उनकी याद में कई चैनल 'महाभारत' के एपिसोड दोबारा दिखा सकते हैं।







