
नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |
पंजाब में AAP विधायक को 4 साल की जेल, 12 साल पुराने दलित युवती छेड़खानी मामले में दोषी
तरन तारन: खडूर साहिब से आम आदमी पार्टी (AAP) के विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा को 12 साल पुराने छेड़खानी और मारपीट के एक मामले में तरन तारन की अदालत ने चार साल की सजा सुनाई है। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश प्रेम कुमार ने इस मामले में कुल 12 लोगों को दोषी ठहराया है, जिनमें 6 पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। यह फैसला राजनीतिक और सामाजिक दोनों दृष्टिकोणों से बेहद अहम माना जा रहा है।
2013 की घटना: दलित युवती के साथ छेड़खानी और मारपीट
4 सितंबर 2013 को 19 वर्षीय दलित युवती अपने परिवार के साथ शादी में शामिल होने गई थी। तभी मनजिंदर सिंह (तब टैक्सी ड्राइवर) और उनके कुछ साथियों ने युवती के साथ छेड़खानी की। विरोध करने पर युवती और परिवार के साथ मारपीट हुई। आरोप है कि मौके पर पहुंची पुलिस ने भी पीड़ित पक्ष के साथ बदसलूकी और हिंसा की थी। इस घटना से उस समय इलाके में आक्रोश फैल गया और मामला सोशल मीडिया पर खूब सुर्खियों में रहा।
अदालत का फैसला
न्यायालय ने मनजिंदर सिंह और छह अन्य आरोपियों को चार-चार साल की कैद और 50 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। तीन अभियुक्तों को एक साल की कैद मिली। एक आरोपी की ट्रायल के दौरान मौत हो गई, जबकि एक अन्य आरोपी पहले से ही तिहाड़ जेल में बंद है। अदालत ने पीड़िता को मुआवजा देने का भी आदेश दिया। फैसले के बाद विधायक को मौके पर ही गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया।
कानूनी धाराएं
मामला भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 354 (महिला की शील भंग), 323 (चोट पहुंचाना), 324 (हथियार से चोट) और 506 (धमकी) के साथ एससी/एसटी एक्ट के तहत दर्ज था। इन धाराओं के तहत कड़ी सजा का प्रावधान है।
पीड़िता की लंबी लड़ाई
पीड़िता ने कहा कि उन्हें इंसाफ के लिए सालों इंतजार करना पड़ा। घटना के बाद सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते हुए सुरक्षा प्रदान की थी। उनका कहना है कि यह फैसला दलित समुदाय के लिए कानून पर विश्वास मजबूत करने वाला है।
राजनीतिक असर
मनजिंदर सिंह लालपुरा 2022 में भारी मतों से जीतकर AAP विधायक बने थे। अब उनकी विधायकी खतरे में पड़ सकती है क्योंकि कानून के मुताबिक दो साल से अधिक की सजा पाने पर जनप्रतिनिधि की सदस्यता रद्द हो सकती है। यह फैसला AAP के लिए भी झटका है, क्योंकि पार्टी हमेशा स्वच्छ छवि और सामाजिक न्याय की बात करती रही है।
बड़ा संदेश
यह निर्णय इस बात का संकेत है कि कोई भी व्यक्ति कितना भी प्रभावशाली क्यों न हो, कानून के सामने सब बराबर हैं। खासकर दलित समुदाय के साथ हुए इस अत्याचार पर मिला न्याय सामाजिक और राजनीतिक स्तर पर अहम माना जा रहा है।
मनजिंदर सिंह के वकील इस फैसले के खिलाफ ऊपरी अदालत में अपील करेंगे, लेकिन फिलहाल उनकी गिरफ्तारी ने पंजाब की राजनीति में हलचल मचा दी है। मामला अब केवल कानूनी नहीं बल्कि देशभर में दलित अधिकारों और जवाबदेही की बहस का विषय बन गया है।