Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

पूर्वी चंपारण की धरती से प्रियंका गांधी की हुंकार

लोकल डेस्क, एन के सिंह।

प्रियंका गांधी ने कहा, जिस पावन भूमि से शुरू हुआ सत्याग्रह, आज वहाँ 20 साल के राज में पुल गिर रहे और नौजवान पलायन को मजबूरअडानी-अंबानी को देने के बजाय गरीबों को ज़मीन-रोजगार देंगे, महात्मा गांधी को रास्ता दिखाने वाले चंपारण के किसान, आज अपनी स्थिति पहचानें

पूर्वी चंपारण: जिले के गोविंदगंज विधानसभा क्षेत्र के पहाड़पुर हाई स्कूल के प्रांगण में एक विशाल चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने केंद्र और बिहार में 20 साल से सत्ता में रही सरकारों की कड़ी आलोचना की और स्थानीय प्रत्याशी शशि भूषण राय उर्फ गप्पू राय को भारी मतों से विजयी बनाने की अपील की। उन्होंने उपस्थित जनसमूह को निर्भीक होकर मतदान करने और देश के निर्माण में अपनी भागीदारी समझने का आह्वान किया।

चंपारण की पवित्र धरती और सत्याग्रह की शुरुआत

अपने संबोधन की शुरुआत करते हुए प्रियंका गांधी ने चंपारण की धरती को "पवित्र धरती" बताया। उन्होंने कहा कि वह उस कांग्रेस की नेता और कार्यकर्ता हैं जिसे महात्मा गांधी ने रास्ता दिखाया, और महात्मा गांधी को रास्ता दिखाने वाले यहां के चंपारण इलाके के किसान थे। उन्होंने दशकों पुराने इतिहास को याद करते हुए कहा कि जब न मोबाइल फोन था, न टीवी, तब यहां के पूर्वजों ने एक समस्या के खिलाफ आंदोलन किया, जिसकी गूंज महात्मा गांधी तक पहुंची। महात्मा गांधी यहां आए, किसानों के संघर्ष को देखा और उनसे प्रेरित होकर इस देश में सत्याग्रह की शुरुआत यहीं से की। "आप सोचिए, आपके पूर्वज वह हैं, यह वह धरती है जिसे पूरा देश नमन करता है," उन्होंने भावुक होते हुए कहा।

विकास का पतन और पलायन का दर्द

हालांकि, उन्होंने तुरंत सवाल किया कि आज इस पावन धरती की स्थिति क्या है। उन्होंने दुःख व्यक्त किया कि यह वही धरती है जहां की शिक्षा व्यवस्था कभी इतनी अच्छी होती थी कि बड़े-बड़े आईएएस, आईपीएस, आईएफएस अफसर यहां से आते थे; जहां बड़े-बड़े कारखाने और उद्योग स्थापित थे, और पुल बनते थे। उन्होंने वर्तमान सरकार पर हमला करते हुए कहा, "आज क्या हाल है कि 3 साल में 27 पुल गिरे हैं!" उन्होंने कहा कि आज नौजवान अपनी रोजी-रोटी कमाने के लिए संघर्ष कर रहे हैं और यहां की आधी आबादी पलायन करके अलग-अलग प्रदेशों में जाने को मजबूर है।

भीड़ से मुखातिब होकर उन्होंने पूछा कि 20 सालों से एनडीए की सरकार चल रही है, क्या किसी को रोजगार मिला? पलायन का दर्द बयां करते हुए उन्होंने कहा कि जब लोग अपने परिवारों को छोड़कर, दूर किसी शहर में जाकर एक कमरे में 8-10 लोगों के साथ रहते हैं और अपमान सहकर, कैसी भी नौकरी करते हैं, सिर्फ घर पैसा भेजने के लिए, तो इन बड़े-बड़े नेताओं (मोदी जी, अमित शाह) ने कभी आपसे पूछा है कि आप कैसे गुजारा कर रहे हैं? उन्होंने कहा कि "संघर्ष करने की आदत हो गई है, अपमान सहने की आदत हुई है।"

खेती-किसानी पर संकट और सरकारी संपत्तियों का निजीकरण

प्रियंका गांधी ने बिहार में खेती-किसानी की बदहाली का मुद्दा उठाया। उन्होंने कहा कि एक ज़माने में खेती से कमाई होती थी और बाहर जाना नहीं पड़ता था, लेकिन आज खेती-किसानी के सारे सामान महंगे हो चुके हैं, ट्रैक्टरों में टैक्स लग रहा है, तेल-खाद समय पर नहीं मिलती और उपज का सही दाम यानी न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिलता। उन्होंने चीनी मिलों का उदाहरण देते हुए कहा कि पहले गन्ने की खेती यहीं बिक जाती थी, पर अब यूपी जाकर बेचना पड़ता है क्योंकि यहां के उद्योग ठप हो गए हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी जी ने देश के बड़े-बड़े सरकारी उद्योग, कारखाने, हवाई अड्डे और बंदरगाह अपने "बड़े-बड़े सेठ मित्रों"—जैसे अडानी और अंबानी—को सौंप दिए हैं। उन्होंने चेतावनी दी कि जो देश की संपत्ति थी, जो आपकी थी, वह आज आपकी नहीं रही। उन्होंने निजीकरण पर भी चिंता जताई और कहा कि निजीकरण से न आरक्षण मिलता है और न ही ठीक ढंग के रोजगार। उन्होंने पुरानी पेंशन योजना को बदलने के लिए भी सरकार की आलोचना की।

 महागठबंधन का घोषणा पत्र, महिला सशक्तिकरण और रोजगार की गारंटी

महागठबंधन द्वारा लोगों को दिए जाने वाले सुविधाओं का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा,  गरीब महिलाओं को प्रतिमाह 2500 सीधे उनके खाते में दिए जाएंगे।  गरीब परिवारों को 3 से 5 डिसमिल ज़मीन या एक मकान दिया जाएगा, जिसकी रजिस्ट्री परिवार की महिला के नाम की जाएगी। विधवा और वृद्ध जन पेंशन 1500 की जाएगी और हर साल 200 बढ़ाई जाएगी, तथा दिव्यांग पेंशन 3000 होगी। नौजवानों के लिए सबसे बड़ी परेशानी—पेपर लीक और रोजगार—के समाधान के लिए जॉब कैलेंडर लाया जाएगा, जिसमें पेपर, रिजल्ट और नियुक्ति की तारीखें पहले से तय होंगी और उल्लंघन पर सख्त कार्रवाई होगी। एग्जाम की फीस रद्द की जाएगी, फॉर्म निशुल्क होगा और आने-जाने का खर्च भी मुफ्त दिया जाएगा।  3 साल की डिग्री 6 साल में नहीं, बल्कि 3 साल में पूरी होगी। एजुकेशन सिटी और इंडस्ट्रियल क्लस्टर बनाए जाएंगे, जिसके लिए सरकार 2000 एकड़ ज़मीन अलग से रखेगी। खाली पड़े सरकारी नौकरियों के पदों पर तुरंत भर्ती की जाएगी और हर गरीब परिवार को, जिसमें एक भी रोजगार नहीं है, कम से कम एक रोजगार दिलवाने का प्रयास किया जाएगा। सरकारी कर्मचारियों को ओपीएस मिलेगा। अपने भाषण के अंत में उन्होंने संविधान कमजोर होने का मुद्दा उठाया और कहा कि वोट चोरी से संविधान कमजोर होता है, जिसके लिए पूर्वज और महात्मा गांधी लड़े थे।

 स्थानीय प्रत्याशी गप्पू राय का भावनात्मक अपील

गोविंदगंज प्रत्याशी गप्पू राय (शशि भूषण राय) ने अपने संबोधन में लोगों से आशीर्वाद मांगा और निर्भीक होकर मतदान करने की अपील की। उन्होंने कुछ प्रतिद्वंद्वियों पर कटाक्ष करते हुए कहा कि कुछ लोगों को अभिमान है कि वे ही सब कुछ करते, बनाते और बिगाड़ते हैं, और उनका ही वर्चस्व चलता है। उन्होंने भावुक होते हुए कहा, "1947 में भारतवर्ष आज़ाद हुआ, लेकिन अभी तक यह गोविंदगंज गुलामियों की जंजीर में जकड़ा हुआ है।" उन्होंने जनता से निर्णय लेने को कहा कि वे अपने स्थानीय बेटा-भाई को रखना चाहते हैं या "यूपी से आए हुए किसी दुराचारी" को।

 कांग्रेस नेताओं का समर्थन

सांसद प्रमोद तिवारी ने प्रियंका गांधी में इंदिरा गांधी की छवि देखते हुए कहा, "अगर आप गौर से देखेंगे तो आपको लगेगा जैसे मंच पर इंदिरा गांधी अवतरित हो गई हैं।" उन्होंने प्रियंका गांधी को "दुर्गा" विरोधी भी कहते हैं, बताते हुए लोगों से उन्हें खाली हाथ न लौटने देने और जो वह मांगें, वह दे देने को कहा, क्योंकि "जो उनको दोगे, उससे हिंदुस्तान मजबूत होगा, भारत मजबूत होगा, बिहार मजबूत होगा।"

सांसद डॉ. अखिलेश प्रसाद सिंह ने प्रियंका गांधी के आगमन को कांग्रेस की ऐतिहासिक जीत का संकेत बताया। उन्होंने बिहार की स्थिति पर नीति आयोग की रिपोर्ट का हवाला देते हुए कहा कि बिहार शिक्षा, स्वास्थ्य सेवा और उद्योग धंधा लगाने में 28 बड़े राज्यों में 28वें स्थान पर खिसक गया है, और यहीं से सबसे ज्यादा नौजवानों का पलायन होता है। उन्होंने बाढ़, गन्ना बिकने की समस्या, और बेरोजगारी का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस प्रत्याशी को भारी मतों से जिताने की अपील की।
सभा में बड़ी संख्या में महागठबंधन और कांग्रेस के कार्यकर्ता तथा आम नागरिक उपस्थित रहे।