
क्राइम डेस्क, प्रीति पायल |
कर्नाटक के हासन से पूर्व लोकसभा सदस्य और पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी. देवगौड़ा के पौत्र प्रज्वल रेवन्ना को बलात्कार के आरोप में उम्रकैद की सजा मिली है। बेंगलुरु की परप्पना अग्रहारा जेल में कैद रेवन्ना को अब जेल प्रशासन द्वारा लाइब्रेरी क्लर्क का कार्य दिया गया है, जिसके लिए उन्हें दैनिक 522 रुपये की मजदूरी प्राप्त होगी।
जेल के नियमानुसार उम्रकैद भुगत रहे कैदियों के लिए श्रम करना आवश्यक होता है ताकि अनुशासन बना रहे और समय का सदुपयोग हो सके। रेवन्ना को जेल लाइब्रेरी में क्लर्क की भूमिका सौंपी गई है। इस पद पर उनके मुख्य कार्य होंगे:
- अन्य कैदियों को पुस्तकें वितरित करना
- उधार दी गई पुस्तकों का हिसाब रखना
- लाइब्रेरी की देखभाल और संगठन करना
जेल अधिकारियों के मुताबिक, रेवन्ना की योग्यता और रुचि को ध्यान में रखकर यह काम दिया गया है। सूत्रों के अनुसार रेवन्ना ने प्रशासनिक कार्य की इच्छा व्यक्त की थी, किंतु उन्हें लाइब्रेरी क्लर्क की जिम्मेदारी मिली। उन्होंने पहले ही एक दिन का काम पूरा कर लिया है।
प्रतिदिन की मजदूरी 522 रुपये निर्धारित है, जो निर्धारित कार्य पूरा करने पर दी जाएगी। कुछ स्रोत 540 रुपये दैनिक की भी बात करते हैं। जेल नियमों के अनुसार कैदियों को महीने में न्यूनतम 12 दिन कार्य करना होता है, जो साप्ताहिक तीन दिनों की शिफ्ट में बांटा जाता है।
चूंकि रेवन्ना को न्यायालयीन कार्यवाही में उपस्थित होना पड़ता है और वकीलों से मुलाकात करनी होती है, इसलिए फिलहाल उनकी ड्यूटी सीमित रखी गई है। प्रज्वल रेवन्ना को 2021 के मामले में दोषी करार दिया गया है। आरोप है कि उन्होंने हासन जिले के होलेनरसीपुरा स्थित अपने पारिवारिक गन्नीकाडा फार्महाउस में काम करने वाली 48 वर्षीय घरेलू कामगार के साथ दो बार दुष्कर्म किया।
1 अगस्त 2025 को ट्रायल कोर्ट ने उन्हें आजीवन कारावास और 11 लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। इस राशि में से 11.25 लाख रुपये पीड़िता को हर्जाने के रूप में देने का आदेश दिया गया। पीड़िता द्वारा प्रस्तुत साड़ी में रेवन्ना के डीएनए के साक्ष्य मिले। कथित तौर पर रेवन्ना ने इस घटना का वीडियो भी बनाया था।
सीआईडी की विशेष टीम ने जांच की और लगभग 2000 पृष्ठों की चार्जशीट तैयार की। सात माह के मुकदमे के बाद रेवन्ना को दोषी पाया गया। इस मामले के कारण जनता दल (सेक्युलर) ने उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया।
पारिवारिक और राजनीतिक पहचान
प्रज्वल रेवन्ना जेडीएस के वरिष्ठ नेता और होलेनरसीपुरा विधायक एच.डी. रेवन्ना के पुत्र हैं। उनके दादाजी एच.डी. देवगौड़ा भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और जेडीएस के संस्थापक हैं। रेवन्ना खुद हासन से लोकसभा सदस्य रहे हैं, लेकिन इस मामले ने उनकी राजनीतिक प्रतिष्ठा को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
जेल में कैदियों के लिए श्रम का नियम अनुशासन और समय के उचित उपयोग के लिए बनाया गया है। रेवन्ना जैसे अन्य कैदियों को भी उनकी क्षमता और रुचि के आधार पर काम सौंपा जाता है। सामान्यतः कैदियों को बेकरी सहायता, कपड़े सिलाई या लाइब्रेरी जैसे काम दिए जाते हैं।
जेल की दिनचर्या सुबह 6:30 बजे आरंभ होती है, जिसमें नाश्ते से रात्रि भोजन तक का निश्चित मेनू होता है। इसमें रोटी, रागी बॉल्स, सांभर, चावल और कभी-कभार नॉन-वेज भोजन शामिल होता है। कैदियों को सप्ताह में दो बार 10-10 मिनट की फोन कॉल और परिवारजनों या मित्रों से मुलाकात की सुविधा मिलती है।