नेशनल डेस्क - आर्या कुमारी
बिलासपुर ट्रेन हादसे में मौतों का आंकड़ा बढ़कर 11 हो गया है। दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे ने इसकी पुष्टि की है। कई लोग घायल हुए हैं, जिससे आशंका है कि मृतकों की संख्या और बढ़ सकती है। यह हादसा मंगलवार शाम करीब 4 बजे हुआ, जब कोरबा जिले के गेवरा से बिलासपुर जा रही मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) पैसेंजर ट्रेन, गौतारा और बिलासपुर स्टेशन के बीच एक मालगाड़ी से पीछे से टकरा गई। टक्कर इतनी भीषण थी कि एक कोच मालगाड़ी के वैगन पर चढ़ गया। अधिकारियों के अनुसार, दो से तीन लोग अभी भी मलबे में फंसे हो सकते हैं।
हादसे का स्थान बिलासपुर शहर से कुछ ही किलोमीटर दूर है, जहां दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे (SECR) का मुख्यालय स्थित है। घायलों में कई की हालत गंभीर बताई जा रही है। उन्हें बिलासपुर के अपोलो अस्पताल और छत्तीसगढ़ इंस्टिट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (CIMS) में भर्ती कराया गया है। एक वरिष्ठ रेलवे अधिकारी ने बताया कि पैसेंजर ट्रेन 60–70 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चल रही थी, जब उसने रेड सिग्नल पार करते हुए मालगाड़ी को टक्कर मारी। अधिकारी ने कहा, “यह जांच का विषय है कि लोको पायलट ने लाल सिग्नल क्यों पार किया और आपातकालीन ब्रेक समय पर क्यों नहीं लगाया, जबकि मालगाड़ी स्पष्ट रूप से दिख रही थी।”
टक्कर में पैसेंजर ट्रेन के लोको पायलट विद्या सागर की मौत हो गई, जबकि असिस्टेंट लोको पायलट रश्मि राज गंभीर रूप से घायल हैं। मालगाड़ी का गार्ड हादसे से कुछ क्षण पहले ब्रेक वैन से कूद गया, जिससे उसे मामूली चोटें आईं। रेलवे ने मृतकों के परिवारों को ₹10 लाख, गंभीर रूप से घायलों को ₹5 लाख और मामूली घायल यात्रियों को ₹1 लाख मुआवजा देने की घोषणा की है। रेलवे सुरक्षा आयुक्त (CRS) हादसे की जांच करेंगे और रोकथाम के उपाय सुझाएंगे।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस घटना पर गहरा शोक व्यक्त करते हुए कहा कि यह “बेहद पीड़ादायक और दुखद” है। राज्य सरकार ने मृतकों के परिजनों को ₹5 लाख और घायलों को ₹50,000 की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साय ने कहा कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर जारी हैं और घायलों को हर संभव चिकित्सा सहायता दी जा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए है और प्रभावितों को हर संभव मदद प्रदान कर रही है।
इस बीच, बुधवार सुबह जारी एक वीडियो में पुष्टि की गई कि जिस जगह मेमू ट्रेन कल मालगाड़ी से टकराई थी, वहां ट्रेनों की आवाजाही दोबारा शुरू हो गई है।







