Ad Image
Ad Image
दिल्ली पुलिस ने साइबर अपराधियों के लिए चलाया साईं हॉक अभियान, 48 घंटे में 800 गिरफ्तार || झारखंड की मंत्री दीपिका पाण्डेय का EC पर हमला, SIR के कारण हारा महागठबंधन || पूर्वी चंपारण के रक्सौल में VIP पार्टी के अनुमंडल प्रमुख की गोली मार हत्या || राष्ट्रपति ट्रंप ने यूक्रेन से शांति समझौते के प्रस्ताव को जल्दी स्वीकार करने का आग्रह किया || ईरान पर अमेरिका की सख्ती, आज नए प्रतिबंधों का किया ऐलान || BJP को 90 पर लीड, JDU को 80 पर लीड, महागठबंधन फेल || नीतीश कुमार CM हैं और आगे भी रहेंगे: जेडीयू की प्रतिक्रिया || NDA को शानदार बढ़त, 198 पर लीड जबकि महागठबंधन को 45 पर लीड || तुर्की : सैन्य विमान दुर्घटना में मृत सभी 20 सैनिकों के शव बरामद || RJD के एम एल सी सुनील सिंह का भड़काऊ बयान, DGP के आदेश पर FIR

The argument in favor of using filler text goes something like this: If you use any real content in the Consulting Process anytime you reach.

  • img
  • img
  • img
  • img
  • img
  • img

Get In Touch

बिहार में बिजली परियोजनाओं की बड़ी जांच शुरू, दोषी एजेंसियां होंगी ब्लैकलिस्ट

स्टेट डेस्क, श्रेयांश पराशर |

उत्तर बिहार में बिजली उपकरणों की खराब गुणवत्ता उजागर होने के बाद पूरे राज्य की बिजली परियोजनाओं की जांच का आदेश दिया गया है। सभी उपकरणों की गुणवत्ता की जांच कर दोषी एजेंसियों को ब्लैकलिस्ट किया जाएगा।
बिहार में चल रही बिजली परियोजनाओं में घटिया और खराब उपकरण लगाए जाने की शिकायतों के बाद अब राज्यभर की सभी योजनाओं की जांच का फैसला लिया गया है। यह निर्णय उत्तर बिहार के मोतिहारी में पुनरोद्धार वितरण क्षेत्र योजना (RDSS) के तहत हो रहे कार्यों में खराब उपकरण पाए जाने के बाद लिया गया।

कंपनी ने पोल, पावर ट्रांसफॉर्मर, मीटर, वितरण ट्रांसफॉर्मर, सर्किट ब्रेकर, एबी केबल, ओवरहेड कंडक्टर, इंसुलेटर जैसे सभी उपकरणों की गुणवत्ता जांच कराने का आदेश दिया है। किसी भी उपकरण की गुणवत्ता संदेहास्पद पाए जाने पर उसे हटाकर दोबारा जांच की जाएगी। दोषी एजेंसियों को पांच वर्षों के लिए ब्लैकलिस्ट कर दिया जाएगा और उनके द्वारा लगाए गए उपकरणों के लाने-ले जाने का खर्च भी उन्हीं से वसूला जाएगा।

इस पूरे मामले में तत्कालीन सीएमडी पंकज कुमार पाल के निर्देश पर मुख्य अभियंता मुर्तुजा हैल्लाल ने उत्तर और दक्षिण बिहार के सभी एमडी को पत्र जारी कर जांच प्रक्रिया शुरू करने का निर्देश दिया है। सभी केंद्रीय और बाह्य संपोषित योजनाओं की परियोजनाएं इस दायरे में आएंगी।

स्थानीय इंजीनियरों की लापरवाही के कारण मोतिहारी में हुई जांच में कई उपकरणों की गुणवत्ता खराब पाई गई थी। 11 से 13 अप्रैल के बीच जांच की गई थी, जिसमें ट्रांसफॉर्मर और एरियल बंच केबल की गुणवत्ता पर सवाल उठाए गए। अब राज्य में गुणवत्तापूर्ण 24 घंटे बिजली सेवा सुनिश्चित करने के लिए कड़े कदम उठाए जा रहे हैं।