स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
16 अक्टूबर 2025 को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक संपादित वीडियो तेजी से फैला, जिसमें प्रसिद्ध अभिनेता मनोज बाजपेयी को राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) का प्रचार करते दिखाया गया था। यह घटना नवंबर 2025 में आने वाले बिहार विधानसभा चुनाव के ठीक पहले हुई।
यह क्लिप पहले एक पैरोडी अकाउंट (@TejashwiYdvRJD) से साझा हुई, जिसके बायो में स्पष्ट रूप से लिखा है कि यह तेजस्वी यादव से संबद्ध नहीं है। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आरजेडी की आईटी टीम द्वारा तैयार किया गया यह वीडियो महागठबंधन के चुनावी प्रचार का हिस्सा बनाया गया था।
कुछ समाचार एजेंसियों ने दावा किया कि तेजस्वी यादव के आधिकारिक हैंडल से भी इसे पोस्ट किया गया था, हालांकि बाद में यह पोस्ट हटा दी गई। वीडियो में बाजपेयी बिहारी मतदाताओं से आरजेडी को समर्थन देने की अपील करते नजर आ रहे थे।
उसी दिन शाम को मनोज बाजपेयी ने अपने वेरिफाइड X अकाउंट से स्थिति स्पष्ट की। उन्होंने बताया कि वे किसी राजनीतिक दल से जुड़े नहीं हैं और यह वीडियो उनके अमेजन प्राइम वीडियो के विज्ञापन का गलत तरीके से संपादित रूप है।
बाजपेयी ने लोगों से अपील की कि वे ऐसी भ्रामक सामग्री को साझा न करें और अन्य लोगों को भी इससे बचने के लिए प्रेरित करें।
विपक्षी गठबंधन का रुख: वीडियो हटाने के बाद आरजेडी की तरफ से कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई। कांग्रेस नेताओं ने सुझाव दिया कि यदि वीडियो वास्तव में नकली है, तो बाजपेयी को कानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।
सत्ताधारी बीजेपी का आक्रमण: बीजेपी ने इसे आरजेडी की "झूठी प्रचार रणनीति" करार दिया। पार्टी प्रवक्ता ने इसे "राष्ट्रीय झूठा दल" की हताशा बताया और "क्लिप कटुआ एलायंस" जैसे शब्दों का इस्तेमाल किया।
बीजेपी नेताओं ने यह तर्क दिया कि जबकि प्रधानमंत्री मोदी देश में AI हब विकसित कर रहे हैं, विपक्षी गठबंधन इसी तकनीक का गलत इस्तेमाल कर लोगों को गुमराह कर रहा है।
बाजपेयी के स्पष्टीकरण को व्यापक समर्थन मिला, जिसे 7,000 से अधिक लाइक्स और 1,300 से ज्यादा रीपोस्ट्स मिले। उपयोगकर्ताओं ने अभिनेता की ईमानदारी की सराहना की और ऐसी संपादित सामग्री पर विश्वास करने से पहले सत्यापन की आवश्यकता पर जोर दिया।
#ManojBajpayeeFakeVideo जैसे हैशटैग चर्चा में आ गए। कई लोगों ने इसे चुनावी राजनीति की "गंदी चालों" का हिस्सा बताया।
यह घटना बिहार चुनाव से पहले फेक न्यूज और डीपफेक तकनीक के बढ़ते दुरुपयोग को उजागर करती है। हाल ही में अभिनेता कयकय मेनन के साथ भी इसी तरह का मामला हुआ था।
बाजपेयी, जो बिहार के पश्चिम चंपारण के मूल निवासी हैं, ने पहले भी राजनीति से दूरी बनाए रखने की बात कही है। 2022 में लालू प्रसाद यादव से मिलने पर भी उन्होंने स्पष्ट किया था कि यह केवल व्यक्तिगत मुलाकात थी।







