स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 के नतीजों ने फिर साबित कर दिया कि यहां की राजनीति में छोटी-छोटी गलतियां या सटीक रणनीति सरकार बना या गिरा सकती है। 243 सीटों पर चले इस कांटे के मुकाबले में कम से कम 11 ऐसी सीटें रहीं जहां विजेता को महज 1000 वोटों से कम के अंतर से जीत मिली। एनडीए ने कुल 202 से ज्यादा सीटों पर बढ़त बनाई है, लेकिन ये क्लोज फाइट्स महागठबंधन को उम्मीद की किरण दे रही हैं। विपक्ष ने कई सीटों पर पुनर्गणना की मांग की है, जबकि सत्ता पक्ष इन्हें जनादेश की मिसाल बता रहा है।चुनाव आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, ये नजदीकी रेसें बिहार की विविधता को दर्शाती हैं - जहां आरजेडी, कांग्रेस और बीएसपी जैसी पार्टियों ने सरप्राइज जीत हासिल की, वहीं जेडीयू और बीजेपी ने बाल-बाल बचीं।
आइए इन प्रमुख सीटों का विस्तार से देखें:
• ढाका (सीट नंबर 21) पर आरजेडी के उम्मीदवार ने 178 वोटों के नाटकीय अंतर से जीत हासिल की, जहां स्थानीय मुद्दों ने असर दिखाया।
• बोधगया (सीट नंबर 229) में कुमार सर्वजीत ने आरजेडी के टिकट पर 881 वोटों के मार्जिन से कब्जा जमाया, जो बौद्ध केंद्र पर पर्यटन और विकास के मुद्दों पर केंद्रित रहा।
• जहानाबाद (सीट नंबर 216) में राहुल कुमार ने आरजेडी की ओर से 793 वोटों से मजबूत पकड़ बनाई, हालांकि जेडीयू से कड़ी चुनौती मिली।
• अगिआंव (सीट नंबर 195) पर महेश पासवान ने बीजेपी के लिए सबसे न्यूनतम 95 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की, जो सीपीआई(एमएल) से टक्कर वाली रेस थी।
• संदेश (सीट नंबर 192) में राधा चरण साह ने जेडीयू के टिकट पर रिकॉर्ड 27 वोटों की टाइट जीत हासिल की, जहां आरजेडी के दीपू सिंह से महज इतना ही फासला रहा।
• नबीनगर (सीट नंबर 221) पर चेतन आनंद ने जेडीयू के लिए 112 वोटों का छोटा लेकिन महत्वपूर्ण लाभ लिया, जिस पर विपक्ष ने सवाल उठाए।
• बलरामपुर (सीट नंबर 65) में संगीता देवी ने एलजेपी(आर) की ओर से 389 वोटों से जीत हासिल की, जो एनडीए को अतिरिक्त मजबूती देगी।
• बख्तियारपुर (सीट नंबर 180) पर अरुण कुमार ने एलजेपी(आर) के टिकट पर 981 वोटों के नजदीकी मुकाबले में सफलता पाई, जहां पुनर्गणना की संभावना बनी हुई है।
• चनपटिया (सीट नंबर 7) में अभिषेक रंजन ने कांग्रेस के लिए 602 वोटों की अप्रत्याशित सफलता हासिल की, जो महागठबंधन को बड़ी राहत साबित हुई।
• फारबिसगंज (सीट नंबर 48) पर मनोज विश्वास ने कांग्रेस की ओर से 221 वोटों से मजबूत प्रदर्शन किया, जहां बीजेपी के विद्या सागर केशरी को पीछे छोड़ा।
• रामगढ़ (सीट नंबर 203) में सतीश कुमार यादव ने बीएसपी के टिकट पर 175 वोटों की सरप्राइज जीत दर्ज की, जो बीजेपी के अशोक कुमार सिंह को हराने वाली साबित हुई।
ये सीटें एनडीए की लैंडस्लाइड जीत के बीच विपक्ष की चिंगारी बनी हुई हैं। उदाहरणस्वरूप, संदेश में 27 वोटों की जीत पर आरजेडी ने तुरंत पुनर्गणना की मांग की है। वहीं, रामगढ़ और फारबिसगंज जैसी जीतों ने दलित और अल्पसंख्यक वोटों के ध्रुवीकरण को उजागर किया। एनडीए के 202+ सीटों की बढ़त से शायद नीतीश कुमार फिर मुख्यमंत्री बनने की राह पर हैं, लेकिन महागठबंधन के तेजस्वी यादव ने कहा, "ये नतीजे अंतिम नहीं, लड़ाई जारी रहेगी।" 2025 चुनाव में महिला सशक्तिकरण और रोजगार जैसे मुद्दों ने वोटर्स को प्रभावित किया, जैसा कि एनडीए की रणनीति में दिखा।







