स्टेट डेस्क, मुस्कान कुमारी |
पटना: बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार मतगणना के शुरुआती रुझानों ने विकासशील इंसान पार्टी (वीआईपी) को बुरी तरह पटखनी दे दी है। मुकेश साहनी की अगुवाई वाली वीआईपी, जो महागठबंधन का हिस्सा है, अपने 15 निर्वाचन क्षेत्रों में कहीं भी बढ़त नहीं बना पाई। एनडीए की ओर से भाजपा और जदयू के उम्मीदवारों ने इन सीटों पर कब्जा जमाना शुरू कर दिया है, जिससे महागठबंधन को बड़ा झटका लगा है।
वीआईपी के 15 क्षेत्रों में हार के संकेत
मतगणना के पहले घंटे में ही वीआईपी के मजबूत गढ़ माने जाने वाले निषाद बहुल इलाकों से निराशाजनक खबरें आ रही हैं। विकासशील इंसान पार्टी ने महागठबंधन से 15 सीटें लड़ीं, लेकिन शुरुआती ट्रेंड्स में सभी पर एनडीए आगे चल रहा है। केसरीया में जदयू की शालिनी मिश्रा वीआईपी के वरुण विजय से काफी आगे हैं, जबकि दरभंगा में भाजपा के संजय सरावगी ने उमेश साहनी को पीछे धकेल दिया।
प्रमुख सीटों पर एनडीए की धाक
- केसरीया: जदयू की शालिनी मिश्रा आगे, वीआईपी के वरुण विजय तीसरे नंबर पर।
- दरभंगा: भाजपा के संजय सरावगी की बढ़त, वीआईपी के उमेश साहनी पिछड़ रहे।
- अमौर: जदयू उम्मीदवार मजबूत, वीआईपी की दावेदारी कमजोर।
- बगहा: भाजपा के राम सिंह और कांग्रेस के जयेश मंगल सिंह के बीच मुकाबला, लेकिन वीआईपी कहीं नहीं टिक पा रही।
इनके अलावा वीआईपी के अन्य क्षेत्रों जैसे जकिहाट, महुआ और अलिनागर में भी एनडीए के उम्मीदवारों ने बढ़त बना ली है। मुकेश साहनी ने चुनाव पूर्व निषाद वोटों के हस्तांतरण पर भरोसा जताया था, लेकिन रुझान उलटे दिख रहे हैं।
महागठबंधन को कुल 80 सीटों पर बढ़त
शुरुआती रुझानों में एनडीए 157 सीटों पर आगे चल रहा है, जबकि महागठबंधन को केवल 80 पर संतोष करना पड़ रहा है। आरजेडी 42, कांग्रेस 10, वाम दलों को 7 और वीआईपी को मात्र 2 पर लीड मिली है। जन सुराज पार्टी को 5 और एआईएमआईएम को 3 सीटों पर बढ़त है। जदयू 80, भाजपा 82 सीटों पर मजबूत दिख रही है।
वोट शेयर में भी पिछड़ाव
पार्टीवार वोट शेयर में भाजपा 32.2 प्रतिशत, जदयू 22.4 प्रतिशत, आरजेडी 21.6 प्रतिशत और वीआईपी मात्र 1.3 प्रतिशत पर सिमट गई है। वीआईपी का यह प्रदर्शन पार्टी के लिए करारा प्रहार है, जो 2020 में 4 सीटें जीत चुकी थी।
मतगणना का माहौल
सुबह 8 बजे शुरू हुई मतगणना में पहले डाक मतपत्रों की गिनती हुई, उसके बाद ईवीएम राउंड चले। 243 सीटों पर 46 काउंटिंग सेंटरों पर 67.13 प्रतिशत मतदान के बाद यह रुझान सामने आए हैं। एनडीए समर्थक जश्न मना रहे हैं, जबकि महागठबंधन के कार्यकर्ता हताश नजर आ रहे।
सुरक्षा और उम्मीदें
राज्य भर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था है। ड्रोन और सीसीटीवी से निगरानी हो रही है। एनडीए की ओर से दावा है कि बहुमत पार कर 200 पार पहुंच जाएंगे, वहीं महागठबंधन अगले राउंडों में पलटवार की उम्मीद जता रहा। वीआईपी के लिए यह चुनाव निषाद समुदाय की नब्ज पकड़ने का था, लेकिन रुझान विपरीत बता रहे।
बिहार की सियासत पर असर
वीआईपी की हार से महागठबंधन की सीट बंटवारे की रणनीति पर सवाल उठने लगे हैं। नितीश कुमार की जदयू सिंगल लार्जेस्ट पार्टी बनने की ओर अग्रसर है। अगर यह ट्रेंड बने रहे, तो एनडीए को आसान बहुमत मिलेगा।







