
स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार |
पटना: कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने बुधवार को पटना के सदाकत आश्रम में हुई कांग्रेस कार्यसमिति की विस्तारित बैठक में केंद्र की मोदी सरकार और बिहार की राजग सरकार पर कड़ा प्रहार किया। उन्होंने कहा कि भारत इस समय गंभीर और चुनौतीपूर्ण दौर से गुजर रहा है, जिसके लिए केंद्र की विफल कूटनीति, लोकतंत्र पर हमले और आर्थिक नीतियों की नाकामी जिम्मेदार है।
खरगे ने कहा, “हम बिहार से, लोकतंत्र की जननी से, यह संकल्प दोहराते हैं कि संविधान और लोकतंत्र की रक्षा करेंगे।” उन्होंने याद दिलाया कि 85 साल पहले रामगढ़ में संविधान सभा का पहला प्रस्ताव पारित हुआ था और आज जब वोटर लिस्ट में हेराफेरी हो रही है, तो लोकतंत्र की नई लड़ाई बिहार से शुरू होगी।
राहुल गांधी की ‘वोटर अधिकार यात्रा’ का जिक्र करते हुए उन्होंने आरोप लगाया कि देशभर में दलितों, पिछड़ों, अल्पसंख्यकों और गरीबों के वोट जानबूझकर काटे जा रहे हैं, जिससे उनकी स्कॉलरशिप, पेंशन, राशन और अधिकार छिन रहे हैं। विदेश नीति पर हमला बोलते हुए उन्होंने कहा कि “जिन्हें प्रधानमंत्री मित्र कहते हैं, वही भारत को संकट में डाल रहे हैं।” उन्होंने यह भी कहा कि चीन से आयात पांच सालों में दोगुना हो गया है और ‘स्वदेशी’ सिर्फ चुनावी नारा बनकर रह गया है।
अर्थव्यवस्था पर खरगे ने कहा कि नोटबंदी और गलत जीएसटी ने देश को मंदी की ओर धकेला, रोजगार नहीं हैं, ग्रामीण खपत 50 सालों में सबसे निचले स्तर पर है और महंगाई चरम पर है। बिहार सरकार पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि बेरोजगारी दर 15% से ऊपर है, युवा पलायन कर रहे हैं, भर्ती घोटालों ने उन्हें सड़कों पर ला दिया है, खेती बर्बाद है, चीनी मिलें बंद हैं और बाढ़ प्रबंधन नाकाम हो चुका है।
जातिगत जनगणना और आरक्षण के मुद्दे पर उन्होंने प्रधानमंत्री से पूछा कि बिहार विधानसभा से पारित 65% आरक्षण को संवैधानिक सुरक्षा क्यों नहीं दी गई, जबकि तमिलनाडु में कांग्रेस सरकार ने 69% आरक्षण को संवैधानिक दर्जा दिया था। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर हमला करते हुए उन्होंने कहा कि जो जातियों के नाम पर रैलियां रोकते हैं, उन्होंने पहले आरक्षण का विरोध किया था। उन्होंने पूछा कि जातीय न्याय की मांग करने वालों को जेल में क्यों डाला जा रहा है।
खरगे ने बिहार में अपराध, शिक्षकों की भारी कमी और बदहाल स्वास्थ्य व्यवस्था का मुद्दा भी उठाया। उन्होंने कहा कि आम नागरिक शोषण झेल रहा है और इलाज के लिए राज्य से बाहर जाने को मजबूर है।
अपने संबोधन के अंत में उन्होंने कहा कि बिहार की जनता विकास, रोजगार, सामाजिक न्याय और सुशासन चाहती है और कांग्रेस अपने सहयोगी दलों के साथ मिलकर यह देने को तैयार है। उन्होंने दावा किया कि आगामी विधानसभा चुनाव बिहार ही नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए मील का पत्थर साबित होंगे और यहीं से मोदी सरकार की उलटी गिनती शुरू होगी।
पटना की इस बैठक से साफ है कि कांग्रेस बिहार को 2025 विधानसभा चुनाव में निर्णायक मोर्चा बनाने की तैयारी कर रही है। राहुल गांधी की सक्रियता और जातिगत जनगणना का मुद्दा भाजपा के लिए चुनौती बन सकता है।