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बॉबी देओल की ‘बंदर’ ने जीता TIFF में दिल, निखिल द्विवेदी ने टाइटल पर खोले राज़

एंटरटेनमेंट डेस्क, वेरोनिका राय |

बॉलीवुड एक्टर और प्रोड्यूसर निखिल द्विवेदी इन दिनों अपनी फिल्म ‘बंदर’ (Monkey in a Cage) को लेकर चर्चा में हैं। इस फिल्म को डायरेक्ट किया है अनुराग कश्यप ने, जबकि इसकी कहानी लिखी है सुदीप शर्मा और अभिषेक बनर्जी ने। ‘बंदर’ का हाल ही में प्रीमियर टोरंटो इंटरनेशनल फिल्म फेस्टिवल (TIFF) में हुआ और वहां इसे दर्शकों और क्रिटिक्स से शानदार प्रतिक्रिया मिली।

इस फिल्म का टाइटल सुनते ही कई लोगों में जिज्ञासा पैदा हुई कि आखिर इसे ‘बंदर’ नाम क्यों दिया गया। अब खुद निखिल द्विवेदी ने इस नाम के पीछे की दिलचस्प कहानी साझा की है।

कैसे आया ‘बंदर’ नाम का आइडिया?

निखिल ने एक इंटरव्यू में खुलासा किया कि उन्होंने ही सबसे पहले फिल्म का टाइटल ‘बंदर’ सजेस्ट किया था। शुरुआत में उन्हें भी इस पर दोबारा सोचने की ज़रूरत लगी थी। लेकिन धीरे-धीरे यह नाम अनुराग कश्यप और टीम को इतना पसंद आने लगा कि आखिरकार सबने इसे फाइनल कर दिया।

निखिल ने बताया कि फिल्म का नायक समाज और सिस्टम की चालबाजियों में फंसा हुआ है। उसकी हालत ऐसी हो जाती है जैसे कोई बंदर, जिसे हर कोई अपनी मर्जी से नचा रहा हो। उन्होंने कहा,
 “जब मैं किरदार का सफर देख रहा था, तो मुझे लगा कि उसे बार-बार इधर-उधर घसीटा जा रहा है। अनुराग भी कई बार अनजाने में कह देते थे कि सिस्टम उसे एक बंदर की तरह नचा रहा है। तभी मैंने सोचा क्यों न टाइटल ही ‘बंदर’ रख दिया जाए।”

बॉबी देओल का अब तक का सबसे दमदार लुक

फिल्म बंदर में सबसे ज्यादा चर्चा हो रही है बॉबी देओल के किरदार की। TIFF में जब फिल्म दिखाई गई तो बॉबी के ट्रांसफॉर्मेशन ने सबको चौंका दिया। क्रिटिक्स का मानना है कि यह बॉबी देओल के करियर की सबसे बेहतरीन परफॉर्मेंस साबित होने वाली है। उनका किरदार गहराई और इमोशंस से भरा है, जो दर्शकों पर गहरा असर डालता है।

महिला किरदारों ने भी छोड़ी छाप

इस फिल्म में सान्या मल्होत्रा भी अहम भूमिका में नज़र आ रही हैं। उन्होंने अपनी सादगी और सच्चाई से भरे अभिनय से कहानी को और प्रभावशाली बनाया है। उनकी मौजूदगी फिल्म में एक अलग ही संवेदनशीलता जोड़ती है।

वहीं, सबा आज़ाद ने एक युवा, निडर और बिंदास औरत का किरदार निभाया है। उन्होंने अपने रोल को इतनी वास्तविकता से निभाया है कि दर्शक उनसे तुरंत जुड़ जाते हैं। इसके अलावा *सपना पब्बी* फिल्म की सरप्राइज़ पैकेज मानी जा रही हैं। उनके किरदार के बारे में ज्यादा खुलासा न करते हुए निखिल ने कहा कि दर्शकों को यह सरप्राइज़ बड़े पर्दे पर ही मिलेगा।

निखिल द्विवेदी की अलग सोच

निखिल द्विवेदी पहले भी अपनी प्रोडक्शन फिल्मों से यह साबित कर चुके हैं कि वे हमेशा हटकर और दमदार कहानियों को आगे बढ़ाने का साहस रखते हैं। उन्होंने पहले ‘वीरे दी वेडिंग’ और ‘CTRL’ जैसी फिल्मों को प्रोड्यूस किया था। अब ‘बंदर’ से वे एक बार फिर साबित कर रहे हैं कि असली और सच्ची कहानियां ही दर्शकों को लंबे समय तक याद रहती हैं!

‘बंदर’ क्यों है खास?

फिल्म की कहानी सिर्फ एक इंसान की निजी मुश्किलों के बारे में नहीं है, बल्कि यह समाज और सिस्टम की सच्चाई भी दिखाती है। यह बताती है कि किस तरह एक आम आदमी बड़े सिस्टम के हाथों में खेलता हुआ ‘पपेट’ यानी कठपुतली बन जाता है। यही कारण है कि ‘बंदर’ नाम इसके लिए सबसे सही साबित हुआ।

बंदर सिर्फ एक फिल्म नहीं बल्कि एक गहरी कहानी है, जो समाज की हकीकत और इंसान की जद्दोजहद को सामने लाती है। बॉबी देओल, सान्या मल्होत्रा, सबा आज़ाद और सपना पब्बी के दमदार अभिनय ने इसे और खास बना दिया है। अनुराग कश्यप की डायरेक्शन और निखिल द्विवेदी की सोच ने इसे ऐसी फिल्म बना दिया है, जिसे दर्शक लंबे समय तक याद रखेंगे।

TIFF में मिली सकारात्मक प्रतिक्रिया के बाद अब सबकी निगाहें इसके भारत रिलीज़ पर टिकी हैं। उम्मीद है कि जैसे टाइटल ने लोगों को आकर्षित किया, वैसे ही फिल्म भी दर्शकों के दिल को छू लेगी।