
विदेश डेस्क, श्रेयांश पराशर l
वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मॉरीशस के प्रधानमंत्री डॉ. नवीनचंद्र रामगुलाम के बीच हुई द्विपक्षीय वार्ता ने दोनों देशों के रिश्तों को और मज़बूती दी है। इस दौरान भारत ने मॉरीशस की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विशेष आर्थिक पैकेज देने की घोषणा की। यह कदम केवल वित्तीय सहयोग नहीं बल्कि भारत और मॉरीशस के साझा भविष्य और विकास में निवेश माना जा रहा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने स्पष्ट किया कि मॉरीशस भारत के लिए केवल एक साझेदार नहीं बल्कि परिवार का हिस्सा है। इसी भावना के तहत भारत ने स्वास्थ्य सेवाओं, ढांचागत विकास और समुद्री सुरक्षा क्षमताओं को मज़बूत करने के लिए सहयोग का आश्वासन दिया है। भारत मॉरीशस में आयुष उत्कृष्टता केंद्र, 500 बिस्तरों वाला अस्पताल, वेटनरी स्कूल और पशु अस्पताल के निर्माण में भी मदद करेगा।
इसके अलावा दोनों देशों ने हाइड्रोग्राफी के क्षेत्र में समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान मद्रास और इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ प्लांटेशन मैनेजमेंट ने भी मॉरीशस विश्वविद्यालय के साथ शैक्षणिक सहयोग की नई राह खोली है। इन समझौतों से न सिर्फ शैक्षणिक आदान-प्रदान बढ़ेगा बल्कि तकनीकी और अनुसंधान क्षमताओं का विकास भी होगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि यह पैकेज मॉरीशस में रोजगार सृजन, नए अवसरों और स्वास्थ्य सेवाओं को मज़बूत करने की दिशा में अहम भूमिका निभाएगा। यह सहयोग दोनों देशों के रिश्तों को और गहरा करेगा तथा हिंद महासागर क्षेत्र में भारत की भूमिका को और मज़बूत करेगा।
कुल मिलाकर, भारत का यह कदम केवल मॉरीशस की मदद तक सीमित नहीं बल्कि वैश्विक साझेदारी और ‘वसुधैव कुटुंबकम्’ की भावना का प्रतीक है। यह निर्णय दोनों देशों के साझा हित और स्थायी विकास की नई इबारत लिखेगा।