स्टेट डेस्क, श्रेया पांडेय |
मणिपुर में सैकड़ों विस्थापित लोगों ने बुधवार को सरकार से नाराजगी जाहिर करते हुए वित्तीय सहायता राशि वापस कर दी है। इस दौरान लोगों ने 84 रुपए प्रति व्यक्ति गुजारा भत्ता दिए जाने का जोरदार विरोध किया है। जानकारी के मुताबिक यहां एक महीने के खाने के खर्च को कवर करने के लिए 30 दिनों के लिए प्रति व्यक्ति प्रति दिन 84 रुपये आवंटित किए जाते हैं।
विस्थापित लोगों का कहना है कि 84 रुपये प्रतिदिन एक समय के खाने के लिए भी पर्याप्त नहीं हैं। वे इस राशि पर गुजारा नहीं कर सकते। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम इस राशि को वापस कर रहे हैं क्योंकि यह हमारी बुनियादी जरूरतों को पूरा करने के लिए अपर्याप्त है।" मणिपुर में जातीय हिंसा के कारण 60,000 से ज्यादा लोग विस्थापित हो चुके हैं। इनमें से कई अभी भी राहत शिविरों या पूर्व-निर्मित आश्रयों में ही रह रहे हैं। सरकार ने विस्थापित लोगों के लिए कई योजनाओं की घोषणा की है, लेकिन लोगों का कहना है कि ये योजनाएं उनकी जरूरतों को पूरा नहीं कर रही हैं।
विस्थापित लोगों ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार ने उनकी मांगों को नहीं माना तो वे अपना आंदोलन तेज करेंगे। एक अन्य प्रदर्शनकारी ने कहा, "आंदोलन के दौरान किसी भी अवांछित घटना के लिए सरकार जिम्मेदार होगी।"
मणिपुर के राज्यपाल ने कहा है कि दिसंबर 2025 के बाद भी 9,000-10,000 विस्थापित लोग अपने मूल गाँवों में वापस नहीं लौट पाएँगे। सरकार ने विस्थापित लोगों के लिए वित्तीय पैकेज की घोषणा की है, लेकिन लोगों का कहना है कि यह पैकेज उनकी जरूरतों को पूरा नहीं कर रहा है .







