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मराठा आरक्षण: बॉम्बे हाईकोर्ट का कड़ा निर्देश, मुंबई की सड़कें खाली करें

स्टेट डेस्क - नीतीश कुमार |

मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहा मराठा आरक्षण आंदोलन शांतिपूर्ण नहीं, सरकार नए प्रदर्शनकारियों का प्रवेश रोके महाराष्ट्र में मनोज जरांगे के नेतृत्व में चल रहे मराठा आरक्षण आंदोलन पर बॉम्बे हाईकोर्ट ने सोमवार को कड़ी सुनवाई की। न्यायालय ने आंदोलनकारियों को फटकार लगाते हुए स्पष्ट निर्देश दिया कि आजाद मैदान को छोड़कर मुंबई की सभी सड़कें मंगलवार दोपहर तक खाली करनी होंगी।

हाईकोर्ट की सख्त टिप्पणी

जस्टिस रवींद्र घुगे और जस्टिस गौतम अनखड़ की बेंच ने आंदोलन की आलोचना करते हुए कहा कि यह प्रदर्शन शांतिपूर्ण नहीं है। हाईकोर्ट की बिल्डिंग को घेर लिया गया है और जजों तथा वकीलों के प्रवेश द्वार तक बंद कर दिए गए हैं। कोर्ट ने बताया कि आज हाईकोर्ट के जजों की गाड़ियों को रोककर उन्हें न्यायालय आने से रोका गया था।

बेंच ने टिप्पणी करते हुए कहा; "मुंबई शहर लगभग ठप हो गया है। आम आदमी का जीवन बहाल करने की आवश्यकता है। शहर को रोका नहीं जा सकता। गणेश उत्सव भी चल रहा है। कल शाम 4 बजे तक सड़कें खाली करा ली जाएं।"

न्यायालय के निर्देश

कोर्ट ने स्पष्ट किया कि आंदोलनकारियों को महाराष्ट्र सरकार नवी मुंबई में अन्य स्थान उपलब्ध करा सकती है। यदि और आंदोलनकारी मुंबई आने का प्रयास करते हैं तो राज्य सरकार उचित कदम उठाकर उन्हें रोकना होगा।

न्यायालय ने CST, मरीन ड्राइव, फ्लोरा फाउंटेन और दक्षिण मुंबई के अन्य इलाकों से आंदोलनकारियों को हटाने का आदेश राज्य सरकार को दिया। कोर्ट ने निर्देश दिया कि राज्य सरकार अगली सुनवाई में बताए कि क्या कार्रवाई की गई है।

पुलिस की चेतावनी और नोटिस

मुंबई पुलिस ने मंगलवार को मनोज जरांगे और उनकी टीम को नोटिस जारी किया है। पुलिस ने बताया कि दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में 5,000 प्रदर्शनकारियों के जमावड़े की अनुमति थी, लेकिन महाराष्ट्र के विभिन्न हिस्सों से 40,000 से अधिक आंदोलनकारी पहुंच गए।

पुलिस के अनुसार प्रदर्शनकारियों ने:
• सड़कों पर खाना पकाया
• सार्वजनिक स्थानों पर नहाए
• नृत्य किया और क्रिकेट खेला
• 5,000 से अधिक वाहन खड़े करके भारी यातायात जाम उत्पन्न किया

जरांगे का अनशन और स्वास्थ्य की स्थिति

मनोज जरांगे 29 अगस्त से दक्षिण मुंबई के आजाद मैदान में भूख हड़ताल कर रहे हैं। वे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC) श्रेणी के तहत सरकारी नौकरियों और शिक्षा में मराठा समुदाय को 10% आरक्षण देने की मांग कर रहे हैं।

समर्थकों का दावा है कि जरांगे ने सोमवार से पानी पीना बंद कर दिया है। शनिवार रात उनकी तबीयत खराब हो गई थी, परंतु जांच में उनका रक्तचाप और शुगर का स्तर सामान्य था।

यातायात व्यवस्था पर प्रभाव

आंदोलन के कारण मुंबई की यातायात व्यवस्था गंभीर रूप से बाधित हुई है। प्रदर्शनकारियों के कारण:
• CST, फोर्ट, चर्चगेट और मंत्रालय क्षेत्र में हजारों की भीड़ जमा हो गई
• डॉ. डीएन रोड पूरी तरह बंद रही
• महापालिका मार्ग, BMC मुख्यालय और CST सबवे के रास्ते बंद कर दिए गए
• मरीन ड्राइव से मंत्रालय और विधान भवन जाने वाले सभी मार्ग अवरुद्ध

आंदोलन का इतिहास

यह जरांगे का सातवां विरोध प्रदर्शन है। 29 अगस्त 2023 को जालना के अंतरवाली साठी गांव में मराठों के लिए आरक्षण की मांग को लेकर पहली बार अनिश्चितकालीन भूख हड़ताल की थी।

20 फरवरी 2024 को एकनाथ शिंदे सरकार ने मराठों को 50% की सीमा से अधिक 10% आरक्षण देने के लिए विधेयक पेश किया था। जनवरी 2025 में भी भाजपा विधायक सुरेश धास के हस्तक्षेप के बाद जरांगे ने छठे दिन अपनी भूख हड़ताल समाप्त की थी।

कानूनी स्थिति

5 मई 2021 को सुप्रीम कोर्ट ने मराठा आरक्षण को रद्द कर दिया था। न्यायालय ने माना था कि 50% आरक्षण का उल्लंघन करने का कोई वैध आधार नहीं था, जिससे कॉलेजों, उच्च शिक्षण संस्थानों और नौकरियों में मराठा समुदाय के लिए आरक्षण समाप्त हो गया।

न्यायालय की चेतावनी

हाईकोर्ट ने प्रदर्शनकारियों को चेतावनी देते हुए कहा: "जरांगे को आंदोलन करने का अधिकार है लेकिन अगर कल स्कूल-कॉलेज बंद हुए तो क्या होगा? अगर नौकरीपेशा लोग ऑफिस नहीं जा पाए तो? अगर मुंबईकरों को सब्जियां नहीं मिलीं तो? अगर दूध विक्रेता घर-घर तक दूध नहीं पहुंचा पाए तो? कैसी स्थिति बनेगी, इसकी कल्पना आंदोलनकारियों को करनी चाहिए।"

कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल और रैपिड एक्शन फोर्स के जवानों की तैनाती की गई है। मुंबई पुलिस ने भी 2,000 से अधिक कर्मियों को तैनात किया है।