स्टेट डेस्क, प्रीति पायल |
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 की तैयारियों के दौरान महागठबंधन में टिकट वितरण को लेकर तीव्र विवाद छिड़ गया है। पूर्णिया के निर्दलीय सांसद राजेश रंजन (पप्पू यादव) ने इस स्थिति पर तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की है और RJD पर गठबंधन के सिद्धांतों का उल्लंघन करने का आरोप लगाया है।
19-20 अक्टूबर 2025 को मीडिया से बातचीत में पप्पू यादव ने कई गंभीर मुद्दे उठाए:
- गठबंधन पर हमला: उन्होंने आरोप लगाया कि महागठबंधन को जानबूझकर कमजोर किया जा रहा है। उनका कहना था कि कांग्रेस के बिना न तो सरकार बन सकती है और न ही कोई मुख्यमंत्री पद पर पहुंच सकता है।
- RJD पर निशाना: लालू प्रसाद यादव से अपील करते हुए कहा कि गठबंधन धर्म का पालन करना चाहिए, वरना BJP को सीधा लाभ होगा। उन्होंने RJD की टिकट नीति पर सवाल उठाए, विशेषकर दलित और अति पिछड़े वर्गों के साथ न्याय न करने को लेकर।
- झारखंड मुक्ति मोर्चा द्वारा बिहार उपचुनाव में 6 सीटों पर बिना सहमति के उम्मीदवार उतारने को गलत बताया।
पप्पू यादव ने गठबंधन की देर से तैयारी को "तकनीकी जटिलताओं में उलझाव" करार दिया। उनकी चेतावनी थी कि यदि सीट आवंटन लोकसभा के प्रदर्शन पर आधारित नहीं होगा, तो गठबंधन बिखर सकता है। उन्होंने कांग्रेस के बेहतर स्ट्राइक रेट के बावजूद कम सीटें मिलने पर नाराजगी जताई। पप्पू यादव ने कांग्रेस नेतृत्व को स्पष्ट संदेश दिया कि 12 स्थानों पर दोहरे उम्मीदवार खड़े करने से गठबंधन कैसे चलेगा। राहुल गांधी और कांग्रेस कार्यकर्ताओं के सम्मान से समझौता न करें RJD को 100 सीटों तक सीमित रखा जाए, मुख्यमंत्री का चेहरा चुनाव बाद विधायक दल तय करे
पहले चरण के नामांकन समाप्त होने के बाद भी कई सीटों पर टकराव जारी है:
- वैशाली: RJD और कांग्रेस के प्रत्याशी आमने-सामने
- लालगंज: RJD ने शिवानी शुक्ला को टिकट दिया, कांग्रेस ने आदित्य कुमार राजा को
कांग्रेस की पारंपरिक सीट पर RJD का दावा
टिकट वितरण को लेकर दोनों पार्टियों में आंतरिक विवाद भी सामने आए हैं। कांग्रेस में विधायक अफाक आलम ने प्रदेश अध्यक्ष पर भ्रष्टाचार के आरोप लगाए, जबकि RJD कार्यकर्ताओं ने टिकट न मिलने पर हंगामा किया। यह विवाद BJP गठबंधन को स्पष्ट रूप से फायदा पहुंचा रहा है, जिसने पहले ही सभी सीटों पर अपने उम्मीदवार घोषित कर दिए हैं। अगर जल्द समाधान नहीं निकला, तो महागठबंधन के टूटने की संभावना बढ़ सकती है। बिहार की 243 सीटों पर नवंबर-दिसंबर 2025 में मतदान होना है, और यह विवाद राज्य की राजनीति में नए मोड़ ला सकता है। चुनावी रणनीति और गठबंधन की एकजुटता दोनों ही दांव पर लगी हुई हैं।







