स्टेट डेस्क, नीतीश कुमार।
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 को लेकर महागठबंधन में सीट बंटवारे की तस्वीर अभी भी पूरी तरह साफ नहीं हुई है। सूत्रों के अनुसार, आरजेडी (RJD) और कांग्रेस के बीच पांच सीटों को लेकर गतिरोध बरकरार है। दोनों दल वैशाली, लालगंज, जाले, नरकटियागंज और वारसलीगंज सीटों पर अपने-अपने उम्मीदवार उतारने के पक्ष में हैं, जिससे टकराव की स्थिति बनी हुई है।
वैशाली सीट पर कांग्रेस बनाम आरजेडी
वैशाली सीट 2020 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पास थी। तब यहां से संजीव सिंह उम्मीदवार थे। इस बार कांग्रेस फिर से इस सीट पर दावा कर रही है, जबकि आरजेडी ने अजय कुशवाहा को उम्मीदवार घोषित कर दिया है, जिससे दोनों दलों के बीच मतभेद बढ़ गए हैं।
लालगंज सीट पर भी कांग्रेस बनाम आरजेडी
लालगंज सीट पिछली बार कांग्रेस के हिस्से में आई थी। और इस बार भी यहां से कांग्रेस पहले ही आदित्य कुमार राजा को उम्मीदवार घोषित कर चुकी है। जबकि राष्ट्रीय जनता दल (RJD) ने चौंकाने वाला फैसला लेते हुए बाहुबली नेता मुन्ना शुक्ला की बेटी शिवानी शुक्ला को लालगंज विधानसभा सीट से टिकट दे दिया है। टिकट मिलने के बाद शिवानी शुक्ला ने हाजीपुर अनुमंडल कार्यालय में नामांकन दाखिल किया। इसी दौरान उनके पिता मुन्ना शुक्ला कोर्ट में पेशी पर पहुंचे थे, जहां सूरजभान सिंह भी मौजूद रहे। उधर, कांग्रेस ने इस सीट से आदित्य कुमार को उम्मीदवार बनाया है, जिन्होंने भी आज ही अपना नामांकन दाखिल किया। महागठबंधन के दोनों दलों के उम्मीदवारों ने लालगंज में नामांकन किया।
जाले सीट पर आमने-सामने दोनों दल
दरभंगा की जाले सीट पर भी कांग्रेस और आरजेडी के बीच तनातनी है। पिछले चुनाव में कांग्रेस से अहमद उस्मानी उम्मीदवार थे, जबकि अब पार्टी नौशाद को टिकट देना चाहती है। वहीं आरजेडी की ओर से ऋषि मिश्रा का नाम प्रस्तावित है।
नरकटियागंज सीट पर विवाद बरकरार
नरकटियागंज सीट भी 2020 में कांग्रेस के खाते में थी। पार्टी इस बार फिर से विनय वर्मा को उतारना चाहती है, लेकिन आरजेडी भी इस सीट पर अपने उम्मीदवार की तैयारी में है, जिससे स्थिति जटिल हो गई है।
वारसलीगंज सीट पर भी असमंजस
नवादा जिले की वारसलीगंज सीट पर भी दोनों दलों के बीच राय नहीं बन पाई है। 2020 में यहां कांग्रेस से सतीश सिंह प्रत्याशी थे। इस बार आरजेडी की ओर से अशोक महतो की पत्नी को मैदान में उतारने की चर्चा है, जबकि कांग्रेस इसे अपनी पारंपरिक सीट मान रही है।
फैसला कब होगा?
ढाका में कांग्रेस की ओर से अभिजीत सिंह दम ठोके है और कांग्रेस के तरफ से टिकट के फिराक में है। एक तो वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी की असंतुष्टि पहले से थी, और अब कांग्रेस के साथ टकराव ने महागठबंधन की मुश्किलें और बढ़ा दी हैं। कांग्रेस उम्मीदवार के खिलाफ RJD द्वारा शिवानी शुक्ला को उतारना इस बात का संकेत है कि तेजस्वी यादव गठबंधन अनुशासन से हटकर चल रहे हैं। जहां NDA एकजुटता दिखा रहा है, वहीं महागठबंधन में असंतोष खुलकर सामने आ गया है। कांग्रेस और सहनी की नाराजगी से गठबंधन की एकता चुनाव से ठीक पहले टूटने की स्थिति में पहुंच गई है। महागठबंधन के सूत्रों का कहना है कि इन पांच सीटों पर आज देर शाम या कल तक बातचीत के बाद फैसला हो सकता है। कांग्रेस चाहती है कि जिन सीटों पर उसका पिछला प्रदर्शन बेहतर रहा, उन्हें छोड़ा न जाए, जबकि आरजेडी संगठनात्मक मजबूती के आधार पर दावा कर रही है। सहमति बनने के बाद महागठबंधन की अंतिम सूची जारी की जाएगी।







