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मीराबाई चानू की वापसी, वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल

स्पोर्ट्स डेस्क, वेरोनिका राय |

मीराबाई चानू का शानदार कमबैक: तीन साल बाद वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में सिल्वर मेडल, भारत का 18वां पदक

भारतीय भारोत्तोलन की स्टार खिलाड़ी मीराबाई चानू ने एक बार फिर देश का नाम रोशन किया है। नॉर्वे के फोर्डे में आयोजित वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 में उन्होंने महिलाओं के 48 किग्रा वर्ग में शानदार प्रदर्शन करते हुए सिल्वर मेडल अपने नाम किया। यह पदक खास इसलिए है क्योंकि मीराबाई ने तीन साल बाद किसी विश्व चैम्पियनशिप में हिस्सा लिया और सीधे मंच पर लौटकर देश को मेडल दिलाया।

तीन साल का इंतज़ार खत्म

साल 2022 में बोगोटा वर्ल्ड चैंपियनशिप में सिल्वर जीतने के बाद चानू चोट के कारण 2023 में हिस्सा नहीं ले सकीं। 2024 पेरिस ओलंपिक में उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में 199 किग्रा भार उठाया था, लेकिन वहां चौथे स्थान पर रह गई थीं। लंबे समय से पदक का इंतज़ार कर रही चानू ने अब एक बार फिर अपने दमदार खेल से यह सूखा खत्म किया।

कुल 199 किग्रा भार उठाकर हासिल किया रजत

इस प्रतियोगिता में मीराबाई ने कुल 199 किग्रा भार (84 किग्रा स्नैच + 115 किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाया। स्नैच में उन्होंने 84 किग्रा वजन सफलतापूर्वक उठाकर मजबूत शुरुआत की। क्लीन एंड जर्क में उन्होंने पहले 109 किग्रा और फिर 112 किग्रा आज़माया। आखिर में 115 किग्रा उठाकर उन्होंने दूसरा स्थान पक्का कर लिया।

री सोंग-गम ने जीता गोल्ड, थाईलैंड को मिला ब्रॉन्ज

प्रतियोगिता का गोल्ड मेडल उत्तर कोरिया की री सोंग-गम ने जीता। उन्होंने कुल 213 किग्रा (91 किग्रा स्नैच + 122 किग्रा क्लीन एंड जर्क) उठाया। खास बात यह रही कि 122 किग्रा का क्लीन एंड जर्क नया विश्व रिकॉर्ड बना। वहीं, थाईलैंड की थान्याथोन सुकचारोएन ने 198 किग्रा (88 + 110 किग्रा) उठाकर कांस्य पदक अपने नाम किया।

मीराबाई का गौरवशाली सफर

मीराबाई चानू का वर्ल्ड चैंपियनशिप से खास रिश्ता रहा है।

  • 2017: अनाहेम (अमेरिका) में उन्होंने 48 किग्रा वर्ग में 194 किग्रा (85+109) उठाकर गोल्ड मेडल जीता था।
  • इससे पहले भारत की कर्णम मल्लेश्वरी ने 1994 और 1995 में लगातार दो गोल्ड जीते थे।
  • 2022: बोगोटा में उन्होंने 49 किग्रा वर्ग में 200 किग्रा (87+113) उठाकर सिल्वर मेडल हासिल किया था।
  • अब 2025 में, उन्होंने फिर से अपनी फिटनेस और मेहनत के दम पर रजत पदक जीतकर भारतीय भारोत्तोलन का परचम लहराया।

भारत के लिए ऐतिहासिक पल

चानू की इस उपलब्धि के साथ वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप में भारत का यह 18वां पदक है। इनमें से सभी पदक महिलाओं ने जीते हैं। इनमें 3 गोल्ड, 10 सिल्वर और 5 ब्रॉन्ज शामिल हैं। यह आंकड़ा भारतीय महिला खिलाड़ियों की मेहनत और लगातार बेहतर होते प्रदर्शन की गवाही देता है।

जीत के मायने

मीराबाई चानू की इस कामयाबी का महत्व सिर्फ एक पदक तक सीमित नहीं है। यह मेडल बताता है कि चोटों और कठिनाइयों के बावजूद यह मणिपुर की बेटी कभी हार नहीं मानती। उनका संघर्ष और समर्पण युवा खिलाड़ियों के लिए प्रेरणा है।

तीन साल बाद वापसी करते हुए मीराबाई चानू ने नॉर्वे में हुए वर्ल्ड वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप 2025 में सिल्वर मेडल जीतकर भारत को गर्व महसूस कराया। उनके नाम अब तक विश्व स्तर पर तीन पदक हो चुके हैं, जिनमें एक गोल्ड और दो सिल्वर शामिल हैं।