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मुंबई बम धमकी प्रकरण: नोएडा से गिरफ्तार शख्स, अफवाह से फैली सनसनी

नेशनल डेस्क, मुस्कान कुमारी |

मुंबई: मुंबई पुलिस ने शुक्रवार को बड़ी सफलता हासिल करते हुए नोएडा से 50 वर्षीय अश्विन कुमार सुप्रा को गिरफ्तार किया, जिस पर शहर में बम धमकी फैलाने का आरोप है। पुलिस के अनुसार आरोपी ने दावा किया था कि लश्कर-ए-जिहादी से जुड़े 14 आतंकवादी मुंबई में दाखिल हो चुके हैं और 34 वाहनों में 400 किलो RDX लेकर गणेश विसर्जन के दौरान आत्मघाती हमले की तैयारी कर रहे हैं। धमकी का संदेश सामने आते ही शहर में सनसनी फैल गई और सुरक्षा एजेंसियां उच्च सतर्कता पर आ गईं।

धमकी भरा मैसेज व्हाट्सएप के जरिए मिला, जिसके बाद पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तकनीकी जांच शुरू की। साइबर सेल की मदद से महज़ 24 घंटे में आरोपी की लोकेशन ट्रेस कर ली गई और नोएडा सेक्टर-113 स्थित उसके फ्लैट से उसे गिरफ्तार कर लिया गया। तलाशी के दौरान सात मोबाइल फोन, कई सिम कार्ड, लैपटॉप और अन्य इलेक्ट्रॉनिक उपकरण जब्त किए गए। आरोपी बिहार मूल का है और पिछले पांच साल से नोएडा में रह रहा था। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि उसे शनिवार को मुंबई लाकर अदालत में पेश किया जाएगा।

धमकी के बाद मुंबई पुलिस ने शहरभर में अलर्ट जारी कर दिया। गणेश विसर्जन के कारण भारी भीड़ को देखते हुए लगभग 21,000 जवानों को संवेदनशील इलाकों और विसर्जन मार्गों पर तैनात किया गया। ड्रोन निगरानी और सीसीटीवी कैमरों के जरिए सुरक्षा इंतज़ाम और कड़े कर दिए गए। हालांकि प्रारंभिक जांच से साफ हो गया कि धमकी झूठी थी और यह महज़ एक “होक्स” साबित हुई, लेकिन सुरक्षा में किसी तरह की ढिलाई नहीं बरती गई।

जांच में बड़ा खुलासा यह हुआ कि इस धमकी के पीछे कोई आतंकी साजिश नहीं थी बल्कि आरोपी की निजी दुश्मनी थी। वर्ष 2023 में बिहार में उसके एक परिचित ने उस पर मुकदमा दर्ज कराया था, जिसके चलते उसे जेल की सज़ा हुई थी। प्रतिशोध की भावना में उसने यह साज़िश रची और फर्जी संदेश भेजकर दहशत फैलाने की कोशिश की। पुलिस को संदेह है कि वह पहले भी ऐसे फर्जी संदेशों या कॉल के जरिए परेशानी खड़ी करने की कोशिश कर चुका है।

आरोपी पर वर्ली पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की गंभीर धाराओं और आतंकवाद निरोधक अधिनियम (UAPA) के तहत मामला दर्ज किया गया है। साइबर क्राइम शाखा उसके उपकरणों की फोरेंसिक जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कहीं इस मामले में अन्य लोग भी शामिल तो नहीं हैं।

सुरक्षा विशेषज्ञों का कहना है कि ऐसे फर्जी अलर्ट न केवल संसाधनों की बर्बादी कराते हैं, बल्कि जनता में अनावश्यक भय भी पैदा करते हैं। उन्होंने मांग की है कि इस तरह के अपराधियों को कड़ी सज़ा दी जाए ताकि भविष्य में कोई इस गंभीर मुद्दे को हल्के में लेने की हिम्मत न कर सके।

मुंबई पुलिस ने नागरिकों से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी अफवाह पर ध्यान न दें। पुलिस का कहना है कि संदिग्ध गतिविधि या व्यक्ति की छोटी से छोटी सूचना भी तुरंत प्रशासन तक पहुँचाना ज़रूरी है। पुलिस ने चेताया कि अफवाह फैलाना या झूठी धमकी देना कानूनन अपराध है और दोषी पाए जाने वालों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।