नेशनल डेस्क, श्रेया पांडेय |
चक्रवाती तूफान 'मोंथा' का विकराल रूप: आंध्र प्रदेश और ओडिशा में 'हाई अलर्ट', जनजीवन अस्त-व्यस्त होने की आशंका
नई दिल्ली/भुवनेश्वर: बंगाल की खाड़ी में बना अत्यंत भीषण चक्रवाती तूफान 'मोंथा' अब एक विकराल रूप ले चुका है और इसके 28 अक्टूबर को आंध्र प्रदेश के तट से टकराने की प्रबल आशंका है। मौसम विभाग ने चेतावनी जारी की है कि यह तूफान अत्यधिक विनाशकारी हो सकता है, जिसके चलते आंध्र प्रदेश और पड़ोसी राज्य ओडिशा में जनजीवन को सुरक्षित रखने के लिए बड़े पैमाने पर तैयारियां की जा रही हैं।
तूफान 'मोंथा' की गति और तीव्रता को देखते हुए दोनों ही राज्यों में हाई अलर्ट घोषित कर दिया गया है। विशेषज्ञ अनुमान लगा रहे हैं कि तट से टकराते समय हवा की गति 100 किलोमीटर प्रति घंटा या उससे भी अधिक हो सकती है, जो बड़े पैमाने पर क्षति पहुँचाने में सक्षम है।
ओडिशा में सात जिलों में छुट्टियां रद्द:
'मोंथा' के खतरे को भांपते हुए ओडिशा सरकार ने तत्काल कार्रवाई की है। राज्य के सात तटीय और आस-पास के जिलों में भारी बारिश और तेज हवाओं की चेतावनी जारी की गई है। किसी भी अप्रिय घटना से बचने और आपातकालीन तैयारियों पर पूरा ध्यान केंद्रित करने के उद्देश्य से, इन जिलों के सभी स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में छुट्टियां रद्द कर दी गई हैं। जिला प्रशासन को चौबीसों घंटे सक्रिय रहने और निचले इलाकों से लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाने के निर्देश दिए गए हैं।
आंध्र प्रदेश में व्यापक तैयारियां:
आंध्र प्रदेश का तटीय क्षेत्र इस तूफान का सीधा निशाना बनने वाला है। राज्य सरकार ने अपनी आपदा प्रबंधन टीमों (NDRF और SDRF) को सक्रिय कर दिया है। विशाखापत्तनम, काकीनाडा और कृष्णा जैसे तटीय जिलों में विशेष टीमें तैनात की गई हैं। मछुआरों को पहले ही समुद्र में न जाने की सख्त हिदायत दी जा चुकी है और तट पर मौजूद सभी नावों को सुरक्षित बांधने का निर्देश दिया गया है। निचले और संवेदनशील क्षेत्रों में रहने वाले हजारों लोगों को निकालकर साइक्लोन शेल्टर (चक्रवात आश्रय स्थलों) में पहुँचाया जा रहा है।
सुरक्षा और राहत कार्य पर जोर:
तूफान के दौरान बिजली और संचार व्यवस्था को दुरुस्त रखना सबसे बड़ी चुनौती होती है। इसलिए बिजली विभाग और दूरसंचार प्रदाताओं को आवश्यक उपकरण तैयार रखने के लिए कहा गया है। भारतीय नौसेना और तटरक्षक बल को भी आपातकालीन स्थिति में राहत और बचाव कार्यों के लिए तैयार रहने को कहा गया है।
'मोंथा' का सीधा असर खेती-बाड़ी और बुनियादी ढांचे पर पड़ने की आशंका है। सरकार ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे मौसम विभाग की चेतावनियों को गंभीरता से लें और किसी भी स्थिति में घर से बाहर न निकलें। यह समय एकजुटता और सावधानी बरतने का है ताकि इस प्राकृतिक आपदा से होने वाले जान-माल के नुकसान को न्यूनतम किया जा सके। पूरे देश की निगाहें अब इन तटीय राज्यों पर टिकी हैं, जहाँ प्रशासन पूरी मुस्तैदी से इस भीषण तूफान का सामना करने की तैयारी में जुटा है।







