स्टेट डेस्क - आर्या कुमारी
बिहार विधानसभा चुनाव से ठीक पहले मोकामा में जनसुराज समर्थक दुलारचंद यादव की हत्या ने सियासी माहौल को गर्मा दिया है। आरोप जेडीयू प्रत्याशी अनंत सिंह के समर्थकों पर लगे हैं, जबकि अनंत सिंह ने इसे विरोधियों की साजिश बताया है। घटना के बाद इलाके में तनाव फैल गया है। सांसद पप्पू यादव ने प्रशासन की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए साजिश की आशंका जताई है।
पहले चरण की वोटिंग से छह दिन पहले हुई इस वारदात ने बिहार की राजनीति को झकझोर दिया है। मोकामा से जनसुराज प्रत्याशी पीयूष प्रियदर्शी उर्फ लल्लू मुखिया के समर्थन में लगातार प्रचार कर रहे दुलारचंद यादव अनंत सिंह के खिलाफ खुलकर बयान दे रहे थे। कभी लालू प्रसाद यादव के बेहद करीबी और भरोसेमंद रहे दुलारचंद का मोकामा में गहरा प्रभाव था, जो उनके पुराने आपराधिक इतिहास से भी जुड़ा रहा है। साल 2019 में पटना पुलिस ने उन्हें कुख्यात बदमाश बताते हुए गिरफ्तार किया था।
दुलारचंद यादव की हत्या तारतर गांव में हुई, जहां उनका जन्म हुआ था। वर्तमान में वे बाढ़ में रहते थे। घोषबरी और बाढ़ थानों में उनके खिलाफ कई केस दर्ज थे। पहलवानी के शौकीन दुलारचंद का टाल क्षेत्र में खासा वर्चस्व माना जाता था।
कभी लालू के करीबी, फिर बदले समीकरण
80 और 90 के दशक में दुलारचंद यादव टाल क्षेत्र के सबसे प्रभावशाली नामों में गिने जाते थे। इसी दौर में वे राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के संपर्क में आए और मोकामा से चुनाव लड़ा, हालांकि उन्हें हार का सामना करना पड़ा। इसके बाद उन्होंने कई दलों और नेताओं के साथ सियासी सफर जारी रखा।
अनंत सिंह से उनके रिश्ते एक समय काफी अच्छे थे, लेकिन इस साल उन्होंने उनका साथ छोड़ पीयूष प्रियदर्शी का दामन थाम लिया और सोशल मीडिया पर अनंत सिंह के खिलाफ मुखर हो गए। इसी से दोनों के बीच टकराव गहराया।
लल्लू मुखिया के प्रचार के दौरान हत्या
चुनाव प्रचार में जुटे दुलारचंद को गुरुवार को मोकामा में पहले लाठी-डंडों से पीटा गया और फिर गोली मार दी गई। लल्लू मुखिया ने आरोप लगाया कि हत्या अनंत सिंह के समर्थकों ने की है।अनंत सिंह ने सूरजभान सिंह पर लगाया आरोप, अनंत सिंह ने सफाई देते हुए कहा, “मैं अपने काफिले के साथ जा रहा था, तभी दुलारचंद के लोगों ने हमारे समर्थकों पर हमला कर दिया। इसी दौरान भीड़ में किसी ने गोली चला दी। यह पूरा खेला सूरजभान सिंह का है। उसने ही दुलारचंद की हत्या कराई ताकि चुनाव में नुकसान पहुंचाया जा सके।”
हत्या के बाद तनाव और आरोपों की जंग
घटना के पांच घंटे बाद तक ग्रामीणों ने शव नहीं उठाने दिया, जिससे हालात तनावपूर्ण हो गए। मौके पर भारी पुलिस बल तैनात किया गया है। मृतक के परिजनों का आरोप है कि अनंत सिंह समर्थकों ने पहले गोली मारी और फिर कार से कुचल दिया। वहीं, अनंत समर्थकों ने इसे झूठा बताते हुए कई वीडियो और फोटो जारी किए हैं।
तेजस्वी यादव और पप्पू यादव ने उठाए सवाल
तेजस्वी यादव ने कहा, “जब बिहार में आचार संहिता लागू है तो हथियार लेकर घूमना कैसे संभव है?”
वहीं, सांसद पप्पू यादव देर रात पीड़ित परिवार से मिले और बिना नाम लिए अनंत सिंह पर तंज कसा—“हर बड़ी घटना में आखिर उनका ही नाम क्यों आता है?”
उन्होंने प्रशासन पर आरोप लगाया कि वह असली अपराधियों को बचा रहा है और विपक्षी दलों के लोगों को फंसा रहा है। साथ ही चेतावनी दी कि “अगर हालात ऐसे ही रहे तो कहीं सूरजभान सिंह की हत्या न हो जाए।”







