
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
प्रशासनिक कैंप का उद्घाटन, सुरक्षा के लिए गोताखोर और पुलिस बल की तैनाती, साथ ही चिकित्सा और भोजन जैसी सुविधाएं उपलब्ध कराई गईं।
पूर्वी चंपारण: जिले का देवपुर बेलवा घाट इन दिनों आस्था के एक विशाल महाकुंभ में तब्दील हो गया है। अनंत चतुर्दशी के पावन अवसर पर यहां बागमती-लालबाक्या नदी के संगम तट पर शिव भक्तों का एक विशाल जनसैलाब उमड़ पड़ा है, जिसने इस पूरे क्षेत्र को बिहार के प्रसिद्ध सुल्तानगंज घाट जैसा रूप दे दिया है। भारत और नेपाल के विभिन्न हिस्सों से आए लाखों श्रद्धालु अपने आराध्य बाबा सोमेश्वर नाथ महादेव को जल चढ़ाने के लिए यहां एकत्रित हुए हैं। 'हर-हर महादेव' के जयघोष और भक्तिमय भजनों से पूरा वातावरण गुंजायमान हो रहा है, जो भक्ति और उल्लास की अद्भुत लहर पैदा कर रहा है।
प्रशासनिक शिविर का उद्घाटन, सुरक्षा और सुविधाओं के पुख्ता इंतजाम
इस पाँच दिवसीय मेले में कांवरियों की सेवा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए गए हैं। जिला प्रशासन और विभिन्न राजनीतिक दलों द्वारा लगाए गए इन शिविरों में से एक प्रमुख प्रशासनिक कैंप का उद्घाटन मंगलवार को किया गया। इस मौके पर क्षेत्रीय विधायक लालबाबू प्रसाद गुप्ता, अनुमंडल पदाधिकारी कृतिका मिश्रा, और पकड़ीदयाल डीएसपी कुमार चंदन सहित अन्य उच्चाधिकारियों ने संयुक्त रूप से फीता काटकर शिविर का शुभारंभ किया।
जिला प्रशासन के निर्देशन में इस साल पहले से भी बेहतर व्यवस्था की गई है। नदी में किसी भी संभावित दुर्घटना को रोकने के लिए गोताखोरों की टीम तैनात की गई है, और पूरे क्षेत्र में चप्पे-चप्पे पर पुलिस बल की तैनाती से सुरक्षा व्यवस्था सुनिश्चित की गई है। पकड़ीदयाल के अनुमंडल पदाधिकारी और डीएसपी ने सभी अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि कांवरियों की सेवा में किसी भी तरह की कोई कोताही नहीं बरती जाए।
स्वास्थ्य सेवाएँ और अन्य सुविधाएँ
श्रद्धालुओं की चिकित्सा जरूरतों को ध्यान में रखते हुए, पताही चिकित्सा पदाधिकारी डॉ. मोहन लाल प्रसाद के नेतृत्व में तीन अलग-अलग स्थानों पर मेडिकल कैंप स्थापित किए गए हैं। इन कैंपों में एएनएम और डॉक्टरों की टीम दिन-रात सेवा में जुटी है, ताकि किसी भी श्रद्धालु को स्वास्थ्य संबंधी कोई परेशानी न हो।
इसके अलावा, कांवरियों की यात्रा को सुगम बनाने के लिए स्वच्छ पेयजल, मुफ्त भोजन, और नाश्ते की व्यवस्था की गई है। लगभग 80 किलोमीटर लंबे पूरे रास्ते में समुचित रोशनी का इंतजाम किया गया है, जिससे रात में भी रास्ता जगमगाता रहे। महिला श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कपड़े बदलने और शौचालय की भी विशेष व्यवस्था की गई है।
ग्रामीणों का उत्साह और भक्ति का सैलाब
देवपुर संगम घाट से लेकर मोतिहारी तक, रास्ते में पड़ने वाले हर गाँव और मोहल्ले के लोग इस महाकुंभ में अपनी भूमिका निभा रहे हैं। स्थानीय ग्रामीण और स्वयंसेवक बाबा के भक्तों की सेवा में पूरी लगन से जुटे हुए हैं। फल, पेयजल, और भोजन वितरित कर वे भक्तों की यात्रा को सहज बना रहे हैं। यह सिर्फ एक मेला नहीं, बल्कि आस्था, भाईचारे और सेवा का संगम है।
श्रद्धालु डीजे की धुन पर झूमते और नाचते हुए बाबा सोमेश्वर नाथ की ओर आगे बढ़ रहे हैं। यह दृश्य भक्तों के भीतर छिपी अगाध श्रद्धा को दर्शाता है। पिछले तीन दिनों से ही भक्तों का आना जारी है, लेकिन असली उत्साह डाक बम कांवरियों का है, जो 4 सितंबर को जलाभिषेक के लिए जल उठाएंगे। इस आयोजन को सफल बनाने में देवपुर के पूर्व मुखिया वेदानंद झा सहित कई स्थानीय नेता और अधिकारी भी कांवरियों की सेवा में बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं।