
मोतिहारी, एन.के. सिंह |
मोतिहारी में पुलिस महकमे में बड़ा फेरबदल, तीन थानों की कमान युवा अफसरों को; शराब की होम डिलीवरी और बाइक चोरी पर कार्रवाई में ढिलाई बरतने वाले दो थानाध्यक्ष क्लोज, युवा अफसरों से नई उम्मीद
पुलिस महकमे में बड़ी प्रशासनिक कार्रवाई करते हुए एसपी स्वर्ण प्रभात ने तीन महत्वपूर्ण थानों में नए थानाध्यक्षों की नियुक्ति की है। लगातार मिल रही जनशिकायतों और जमीनी स्तर पर कार्रवाई में लापरवाही के आरोपों को गंभीरता से लेते हुए एसपी ने दो थानाध्यक्षों को लाइन हाजिर करते हुए तीन ऊर्जावान पुलिस अधिकारियों को कमान सौंपी है। खासकर शराब की होम डिलीवरी, बाइक चोरी और भू-माफियाओं पर ढिलाई को लेकर यह कदम उठाया गया है।
कठोर रुख में दिखे एसपी, दो थानाध्यक्ष क्लोज
शहर के छतौनी और सुगौली थानों के निवर्तमान थानाध्यक्षों को कार्य में लापरवाही के चलते पुलिस केंद्र में क्लोज कर दिया गया है। एसपी ने स्पष्ट किया कि टाउन एरिया में शराब का अवैध कारोबार, बाइक चोरी की बढ़ती घटनाएं और भू-माफिया के खिलाफ कार्रवाई न करना किसी भी सूरत में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि थाना स्तर पर जनता की सुरक्षा और अपराध नियंत्रण की जिम्मेदारी अफसरों की प्राथमिकता होनी चाहिए। लापरवाह अधिकारियों को बख्शा नहीं जाएगा।
तीन थानों में नए युवा थानाध्यक्षों की तैनाती
पुलिस अधीक्षक ने 2019 बैच के तीन युवा पुलिस अधिकारियों को महत्वपूर्ण थानों की कमान दी है। यह निर्णय इन अफसरों की कार्यकुशलता और प्रतिबद्धता को ध्यान में रखकर लिया गया है। उम्मीद है कि इन नई नियुक्तियों से थानों में बेहतर कार्य संस्कृति विकसित होगी और अपराध नियंत्रण में तेजी आएगी।
यह हैं नए थानाध्यक्षों की तैनाती
पु०अ०नि० राजीव कुमार साह को रामगढ़वा थाना का नया थानाध्यक्ष बनाया गया है। वे पूर्व में राजेपुर में पदस्थ थे। रामगढ़वा में यह पद रिक्त था।
पु०अ०नि० अनीश कुमार सिंह, जो कोटवा थाना में अपर थानाध्यक्ष थे, अब सुगौली थाना की कमान संभालेंगे। हाल ही में यहां शराब की बड़ी खेप पकड़ी गई थी, जिससे यह थाना पुलिस के लिए संवेदनशील बना हुआ है।
पु०अ०नि० अमरजीत कुमार, जो पहले रामगढ़वा के थानाध्यक्ष रह चुके हैं, को उनकी बेहतर कार्यशैली को देखते हुए छतौनी थाना भेजा गया है।
जनता को उम्मीद, बदलाव लाएगा असर
इस फेरबदल के बाद आम जनता को उम्मीद है कि पुलिस की कार्यशैली में सुधार होगा और अपराधियों के मन में कानून का भय स्थापित होगा। अब देखना है कि युवा थानाध्यक्ष किस तरह अपने कार्यक्षेत्र में बदलाव लाते हैं और जनता की अपेक्षाओं पर खरे उतरते हैं।