
लोकल डेस्क, एन. के. सिंह।
पूर्वी चंपारण: मोतिहारी में पुलिस की तत्परता और न्यायालय की सख्त कार्रवाई से शराब कारोबारियों को अब जेल की हवा खानी पड़ रही है। हाल ही में, एक शराब कारोबारी को 7 साल की कड़ी सजा और 1 लाख का भारी जुर्माना लगाया गया है, जो इस तरह के अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
यह मामला पूर्वी चंपारण के लखौरा थाना से जुड़ा है, जहाँ 3 नवंबर 2018 को तत्कालीन थानाध्यक्ष, पु.अ.नि. जयनाथ प्रसाद ने वाहन चेकिंग के दौरान एक दोपहिया वाहन पर सवार लक्ष्मण साह को पकड़ा। जाँच में पता चला कि वह चार बोरों में 480 बोतल नेपाली शराब ले जा रहा था, जिसकी कुल मात्रा 144 लीटर थी। पुलिस ने तुरंत कार्रवाई करते हुए लक्ष्मण साह को गिरफ्तार कर लिया और उसके खिलाफ लखौरा थाना कांड संख्या 692/18 दर्ज किया।
इस मामले की सुनवाई के दौरान, विशेष लोक अभियोजक अनिल कुमार सिंह ने पाँच गवाहों - थानाध्यक्ष जयनाथ प्रसाद, सिपाही अनिल कुमार सिंह, सिपाही आदर्श कुमार दूबे, सिपाही रविंद्र कुमार और अनुसंधानकर्ता गितेश रौशन प्रिंस - के साक्ष्य प्रस्तुत किए।
इन साक्ष्यों और सबूतों के आधार पर, माननीय प्रथम विशेष न्यायाधीश, उत्पाद अधिनियम न्यायालय, पूर्वी चंपारण, मोतिहारी की न्यायाधीश सीमा भारतीया ने लक्ष्मण साह को दोषी पाया।
29 अगस्त 2025 को सुनाए गए फैसले में, माननीय न्यायालय ने लक्ष्मण साह को बिहार मद्यनिषेध एवं उत्पाद (संशोधित) अधिनियम 2018 की धारा 30(ए) के तहत दोषी ठहराते हुए 7 साल की कठोर कारावास और ₹1 लाख के जुर्माने की सजा सुनाई। न्यायालय ने यह भी निर्देश दिया है कि अभियुक्त अब तक जितनी सजा काट चुका है, उसे कुल सजा से घटा दिया जाएगा।
पुलिस और न्यायपालिका की इस संयुक्त कार्रवाई से यह साफ संदेश गया है कि बिहार में शराबबंदी को लागू करने में कोई ढिलाई नहीं बरती जाएगी और अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुँचाया जाएगा।