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मोतिहारी: NIA का छापा, AK 47 कनेक्शन की जांच

लोकल डेस्क, एन.के. सिंह |

बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में एनआईए का 'ऑपरेशन', भू-माफिया और पूर्व मुखिया के ठिकानों पर छापेमारी, ए के-47 कनेक्शन की जाँच, घंटों चली जाँच के बाद भी नहीं मिली हथियार या आपत्तिजनक सामग्री।

पूर्वी चंपारण: बिहार के पूर्वी चंपारण जिले में राष्ट्रीय जाँच एजेंसी ने एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए हड़कंप मचा दिया है। एनआईए की आठ सदस्यीय टीम ने मोतिहारी के गोविंदगंज और पकड़ीदयाल में दो अलग-अलग जगहों पर छापेमारी की। यह छापेमारी एक भू-माफिया और एक पूर्व मुखिया के आवासों पर की गई है, और इसका संबंध मुजफ्फरपुर में हाल ही में बरामद हुई ए के-47 राइफल से जुड़े मामले से होने की आशंका है।

दो ठिकानों पर एक साथ छापा

सुबह तड़के 3 बजे से शुरू हुई यह छापेमारी दोपहर 12 बजे तक चली। एनआईए की टीम ने गोविंदगंज थाना क्षेत्र के खजुरिया गांव में भू-माफिया राहुल मुखिया के घर पर और पकड़ीदयाल थाना क्षेत्र की थरबितिया पंचायत के पूर्व मुखिया रामेश्वर सिंह उर्फ छेदी सिंह के आवास पर एक साथ धावा बोला। इस कार्रवाई ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी।

ए के-47 मामले से जुड़ाव की आशंका

सूत्रों के मुताबिक, एनआईए की यह कार्रवाई मुजफ्फरपुर में मिली ए के-47 राइफल की गहन जाँच का हिस्सा है। इस मामले में पुलिस पटना सहित कई अन्य स्थानों पर भी लगातार छापेमारी कर रही है। भू-माफिया राहुल मुखिया और पूर्व मुखिया रामेश्वर सिंह उर्फ छेदी सिंह के ठिकानों पर हुई इस छापेमारी से यह संकेत मिलता है कि जाँच एजेंसियां संगठित अपराध और अवैध हथियारों के नेटवर्क की जड़ों तक पहुँचने की कोशिश कर रही हैं।

राहुल मुखिया पर पहले भी हुई है कार्रवाई

भू-माफिया राहुल मुखिया का आपराधिक इतिहास रहा है। मोतिहारी पुलिस ने पहले भी उसके खिलाफ कार्रवाई की है और अपराध से अर्जित उसकी संपत्ति को जब्त करने का प्रस्ताव न्यायालय को भेजा हुआ है। एनआईए की इस कार्रवाई से यह साबित होता है कि जाँच एजेंसियां आपराधिक गिरोहों और उनके संभावित राजनीतिक संरक्षण पर शिकंजा कसने में लगी हैं।

स्थानीय पुलिस को नहीं थी भनक

सबसे खास बात यह है कि एनआईए की इस 8 सदस्यीय टीम ने यह पूरा ऑपरेशन बेहद गोपनीय तरीके से अंजाम दिया। स्थानीय पुलिस को इस छापेमारी की कोई विशेष जानकारी नहीं दी गई थी। टीम ने पूरी कार्रवाई को अपनी निगरानी में रखा ताकि किसी भी तरह की सूचना लीक न हो सके।

घंटों की तलाशी के बाद भी कुछ नहीं मिला

लगभग 9 घंटों तक चली इस तलाशी के बाद भी, दोनों ही ठिकानों से अभी तक किसी भी आपत्तिजनक सामग्री या हथियार की बरामदगी की खबर नहीं है। हालांकि, जाँच एजेंसियां अभी इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान देने से बच रही हैं। छापेमारी के दौरान सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई थी और आम जनता को इन ठिकानों से दूर रखा गया था।

एनआईए की इस अचानक की गई कार्रवाई से यह स्पष्ट है कि जाँच एजेंसियां आपराधिक गिरोहों और उनके संभावित राजनीतिक संबंधों पर शिकंजा कसने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं। मामले की जाँच अभी जारी है और आगे और भी गिरफ्तारियां या बड़े खुलासे होने की उम्मीद है।