मुस्कान कुमारी, लोकल डेस्क
गोपालगंज में रविवार देर शाम एक सड़क हादसे ने पूरे इलाके को रणक्षेत्र में बदल दिया। मौत की झूठी अफवाह से भड़की भीड़ ने पुलिस की गाड़ी को आग के हवाले कर दिया, पथराव किया और सड़क जाम कर हंगामा खड़ा कर दिया। पुलिस ने हालात काबू करने के लिए आंसू गैस के गोले छोड़े, जिसके बाद स्थिति पर काबू पाया गया। तीन घायल युवक अस्पताल में भर्ती हैं, जिनमें से दो की हालत गंभीर बताई जा रही है। पुलिस ने बवाल करने वालों की पहचान शुरू कर दी है और रात में ही छापेमारी की योजना बनाई है।
घटना शाम करीब सवा छह से सात बजे के बीच टाउन थाने के जादोपुर मोड़ पर हुई। तीन युवक अपाची बाइक पर सवार होकर जा रहे थे। इसी दौरान सर्किल इंस्पेक्टर (सीआई) सदर की खाली गाड़ी पार्किंग के लिए लाइन में जा रही थी। अचानक अपोजिट साइड से तेज रफ्तार स्कॉर्पियो आई। स्कॉर्पियो को बचाने के चक्कर में बाइक सवार युवकों का संतुलन बिगड़ा और भयंकर हादसा हो गया। तीनों युवक गंभीर रूप से घायल हो गए। स्थानीय लोगों ने उन्हें तुरंत सदर अस्पताल पहुंचाया।
अफवाह ने भड़काई आग, पुलिस गाड़ी जलकर हुई खाक
हादसे के महज दस-पंद्रह मिनट बाद ही इलाके में अफवाह फैल गई कि तीनों युवकों में से दो की मौके पर ही मौत हो गई। यह झूठी खबर जंगल में आग की तरह फैली और देखते ही देखते सैकड़ों की संख्या में लोग जुट गए। गुस्साई भीड़ ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया। पहले तोड़फोड़ हुई, फिर पेट्रोल डालकर आग लगा दी। देखते ही देखते जीप जलकर राख हो गई। भीड़ ने सड़क पर जाम लगा दिया और पथराव शुरू कर दिया। पूरा जादोपुर चौक धुएं और आग की लपटों से भर गया। लोग नारेबाजी करने लगे और पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए हंगामा बढ़ाते गए। कुछ रिपोर्ट्स में तो यहां तक कहा गया कि पुलिस मौके पर देर से पहुंची, जिससे लोगों का गुस्सा और भड़क उठा।
पुलिस ने छोड़े आंसू गैस के गोले, फायर ब्रिगेड ने बुझाई आग
बेकाबू होती भीड़ को देखते हुए मौके पर पहुंची पुलिस टीम ने तुरंत कार्रवाई की। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए आंसू गैस के कई गोले छोड़े गए। धुएं और जलन से लोग इधर-उधर भागने लगे। फायर ब्रिगेड की गाड़ियां पहुंची और जलती जीप पर पानी की बौछारें करके आग पर काबू पाया। पुलिस ने साफ कहा कि फायरिंग नहीं हुई, सिर्फ टीयर गैस का इस्तेमाल किया गया। किसी को गंभीर चोट नहीं लगी। कुछ उपद्रवियों को मौके से डिटेन कर लिया गया और उनसे सख्ती से पूछताछ शुरू हो गई है।
पुलिस अधिकारी ने मीडिया को बताया, “हमारी पूरी टीम मौके पर कैंप कर रही है। जो लोग बदमाशी करेंगे, उनके घरों पर छापेमारी होगी। आज रात में ही सभी की पहचान कर गिरफ्तारी शुरू कर देंगे।” एसपी अवधेश दीक्षित ने भी बयान दिया कि हंगामा करने वाले किसी भी आरोपी को बख्शा नहीं जाएगा। डीएम पवन कुमार सिन्हा, एसपी और सीओ रजत बरनवाल भारी बल के साथ मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाकर शांत किया। दोषी पुलिसकर्मियों पर कार्रवाई का आश्वासन देकर हालात सामान्य किए गए।
घायलों की स्थिति स्थिर, दो गोरखपुर रेफर
डॉक्टरों से बातचीत के बाद पता चला कि तीनों घायल जीवित हैं और उनकी स्थिति खतरे से बाहर है। दो युवकों को बेहतर इलाज के लिए गोरखपुर मेडिकल कॉलेज रेफर कर दिया गया। बाकी की हालत सामान्य बताई जा रही है। पुलिस ने स्पष्ट किया कि मौत की कोई खबर नहीं है, यह महज अफवाह थी जिसने पूरे इलाके में तनाव पैदा कर दिया। कुछ लोगों ने तो यह अफवाह भी उड़ाई कि भीड़ ने पुलिसकर्मियों को पीट-पीटकर मार डाला, लेकिन यह भी पूरी तरह झूठ साबित हुई।
हादसे की जांच तेज, स्कॉर्पियो चालक फरार
पुलिस ने हादसे के सही कारणों की गहन जांच शुरू कर दी है। अभी तक यह स्पष्ट नहीं हो पाया कि असल में दुर्घटना किस गाड़ी से हुई। चश्मदीदों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। फॉरेंसिक साइंस लेबोरेटरी (एफएसएल) की टीम को मौके पर बुलाया गया है। वैज्ञानिक जांच से पूरी सच्चाई सामने लाई जाएगी। तेज रफ्तार स्कॉर्पियो का चालक मौके से फरार हो गया। उसकी तलाश तेज कर दी गई है। जादोपुर चौक को पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया है। अतिरिक्त बल तैनात कर दिया गया ताकि कोई नई अनहोनी न हो। प्रशासन ने लोगों से अफवाहों पर ध्यान न देने और शांति बनाए रखने की अपील की है। मुआवजे और कार्रवाई की मांग को लेकर कुछ लोग अभी भी अड़े हुए हैं, लेकिन वरिष्ठ अधिकारियों के समझाने पर जाम खोल दिया गया।
स्थानीय लोगों का कहना है कि हादसे के बाद पुलिस को तुरंत सूचना दी गई थी, लेकिन पहुंचने में देरी हुई जिससे गुस्सा भड़का। वहीं पुलिस का दावा है कि टीम तुरंत पहुंची और आग बुझाकर स्थिति संभाली। बवाल के दौरान राष्ट्रीय राजमार्ग की सर्विस रोड भी जाम हो गई थी, जिससे आवागमन ठप हो गया। घंटों चले हंगामे के बाद आखिरकार रात में हालात पूरी तरह सामान्य हो गए।







